राष्ट्रपति सचिवालय
राष्ट्रपति ने ओडिशा विधानसभा के सदस्यों को संबोधित किया
एक समृद्ध ओडिशा के निर्माण के लिए अगर सभी हितधारक 2036 तक मिलकर काम करें तो यह 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में ओडिशा का सबसे बड़ा योगदान होगा: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति ने कहा जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है कि वे नागरिकों की उम्मीदों को पूरा करें, उनके सपनों को साकार करें और उनके चेहरों पर मुस्कान लाएं
Posted On:
27 NOV 2025 7:13PM by PIB Delhi
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (27 नवंबर, 2025) ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में विधानसभा के सदस्यों को संबोधित किया।

ओडिशा विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति की पुरानी यादें ताज़ा हो गईं। राष्ट्रपति ने कहा कि कई वर्षों के बाद, इस जगह की पुरानी यादें ताज़ा हो गई हैं जहां उन्होंने एक विधायक के रूप में इस सदन में कई प्रश्न पूछे थे और एक मंत्री के रूप में विधायकों के प्रश्नों के उत्तर दिए थे।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि ओडिशा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम एवं राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस भूमि ने चंद्रशोक को धर्मशोक के रूप में परिवर्तन होते देखा है। उन्होंने आगे कहा कि ओडिशा के जनजातीय समुदायों ने विदेशी शासन के विरुद्ध संघर्ष करके देश में एक मिसाल कायम की है।

राष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि ओडिशा में महिला सशक्तिकरण की एक प्राचीन परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि राज्य विधानसभा में महिला प्रतिनिधित्व का एक लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले और बाद में, राज्य में कोई भी ऐसी विधानसभा नहीं रही है जहां महिलाओं को प्रतिनिधित्व न प्राप्त हुआ हो। उन्होंने कहा कि ओडिशा की महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करके देश का नाम रौशन किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा विधानसभा ने अनेक जन कल्याणकारी कानून पारित किए हैं। उन्हें यह जानकर खुशी महसूस हुई कि राज्य की 17वीं विधानसभा ने बहुत ही कम समय में कई सार्थक बैठकें आयोजित की हैं। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा में संवाद की एक स्वस्थ परंपरा रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने ओडिशा सरकार की सराहना करते हुए कहा कि कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, जनजाति एवं अन्य वंचित वर्गों के विकास, आवास, आपदा प्रबंधन आदि क्षेत्रों में कई नई पहलें हुई हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त किया कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से ओडिशा में औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया नया स्वरूप ले रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति ने ओड़िशा को हर प्रकार की संपदा से समृद्ध किया है। यह खनिज संसाधनों, जंगलों और जल संसाधनों के साथ-साथ मानव संसाधनों से भी समृद्ध है। ओड़िशा का पर्यावरण कृषि, उद्योग एवं वाणिज्य के विकास के लिए अत्यधिक अनुकूल है। उन्होंने कहा कि इन सभी अवसरों का उपयोग करके ओड़िशा को देश के एक प्रमुख राज्य में स्थापित किया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि 2036 में ओडिशा की स्थापना शताब्दी मनाई जाएगी। अगर सभी संबंधित हितधारक 2036 तक एक समृद्ध ओडिशा के निर्माण के लिए मिलकर काम कर सकते हैं तो यह ओडिशा का भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में सबसे बड़ा योगदान होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी 'राष्ट्र पहले' की भावना के साथ काम करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि विधायक जन प्रतिनिधि होते हैं। ओडिशा के लोग उनसे अत्यधिक आशा रखते एवं विश्वास करते हैं और लोगों ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सभी विधायकों का कर्तव्य है कि वे नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करें, उनके सपनों को साकार करें और उनके चेहरे पर मुस्कान लाएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी का युग है। जन प्रतिनिधि के रूप में, विधायकों के कई प्रशंसक एवं अनुयायी होते हैं और वे जानने को उत्सुक रहते हैं कि वे क्या कहते हैं और क्या करते हैं। उनके शब्द और आचरण दोनों ही अमूल्य हैं। विधायक जो भी कहते हैं और इसे कैसे कहते हैं, वह सदन के अंदर और बाहर सभी को पता होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि विधायकों का आचरण और शब्द ऐसे होने चाहिए कि उन्हें अपनाकर उनके प्रशंसक एवं अनुयायी समाज और राज्य के निर्माण में मदद कर सकें।
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पीके/केसी/एके
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