रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इंडोनेशियाई के रक्षामंत्री के साथ नई दिल्ली में तीसरी भारत-इंडोनेशिया रक्षा मंत्री वार्ता की सह-अध्यक्षता की; रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर सहमति जताई
भारत और इंडोनेशिया ने अंतरराष्ट्रीय अधिनियम और संप्रभुता द्वारा निर्देशित स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व को दोहराया
Posted On:
27 NOV 2025 2:00PM by PIB Delhi
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री श्री सजाफ्री सजामसोएद्दीन ने 27 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली में तीसरी भारत-इंडोनेशिया रक्षा मंत्री वार्ता की सह-अध्यक्षता की और दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी और गहन द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की फिर से पुष्टि की।

दोनों रक्षा मंत्रियों ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति श्री प्रबोवो सुबियांतो की 2025 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत यात्रा को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति सुबियांतो के बीच हुई उपयोगी और व्यापक चर्चा और उनके परिणामों से भारत-इंडोनेशिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी और सुदृढ़ हुई है। दोनों नेताओँ ने गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशियाई सशस्त्र बलों के 352 कर्मियों के भाग लेने को भी याद किया।
मुख्य परिणाम और बिंदु:
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हिंद-प्रशांत शांति और सुरक्षा पर रणनीतिक दृष्टिकोण: भारत और इंडोनेशिया ने अंतरराष्ट्रीय अधिनियम और संप्रभुता से निर्देशित स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के महत्व को दोहराया। हिंद-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण और भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल प्रासंगिक मूलभूत सिद्धांतों के साझा किए जाने को देखते हुए इंडोनेशिया ने दोहराया कि भारत इस क्षेत्र में शांति और सहयोग को बढ़ावा देने में प्रमुख साझेदार बना हुआ है। दोनों पक्षों ने भारत की अध्यक्षता में हिंद महासागर रिम एसोसिएशन जैसे बहुपक्षीय ढांचे के अंतर्गत सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। दोनों देशों ने समुद्री क्षेत्र के प्रति जागरूकता, साइबर अनुकूलन और संयुक्त परिचालन तत्परता के लिए सहयोग बढ़ाने पर प्रतिबद्धता व्यक्त की।
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रक्षा सहयोग और उद्योग साझेदारी : वार्ता में रक्षा सहयोग समझौते और संयुक्त रक्षा सहयोग समिति के कार्य सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग सुदृढ़ करने के मजबूत आधार की पुष्टि की गई। इंडोनेशिया ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, प्रमाणन समन्वय और आपूर्ति-श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में सहयोग और घनिष्ठ बनाने के लिए संयुक्त रक्षा उद्योग सहयोग समिति स्थापित करने के भारत के प्रस्ताव की सराहना की।

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सैन्य जुड़ाव: भारत और इंडोनेशिया ने सुपर गरुड़ शील्ड, गरुड़ शक्ति, समुद्र शक्ति, मिलन और आगामी वायु सेना युद्धाभ्यासों सहित थल, जल और वायु सेनाओं के संयुक्त अभ्यासों में हुई प्रगति को रेखांकित किया। दोनों पक्षों ने अंतर-संचालन और ज्ञान साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों के एक-दूसरे के यहां जाने, संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों और रक्षा शिक्षण संस्थानों के दौरे जारी रखने पर सहमति जताई।
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समुद्री सुरक्षा और बहुपक्षीय सहयोग: दोनों देशों ने हिंद महासागर में आपसी समन्वय सहित समुद्री सुरक्षा की प्रतिबद्धता दोहराई। इंडोनेशिया ने आसियान के नेतृत्व वाली आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस और अन्य ढांचों के अंतर्गत सहयोग पर ज़ोर देने की भारत की पहल का स्वागत किया।

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रक्षा प्रौद्योगिकी, पनडुब्बी क्षमता और चिकित्सा सहयोग: स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी विकसित करने और आपूर्ति-श्रृंखला प्रबंधन में भारत के अनुभवों के लाभ को इंडोनेशिया की भविष्य की रक्षा योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण माना गया। दोनों देशों ने सैन्य स्वास्थ्य अनुकूलन के लिए संयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों सहित रक्षा चिकित्सा और औषधि उत्पादन में सहयोग पर चर्चा की।
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अंतरराष्ट्रीय शांति और मानवीय प्रयास को समर्थन: दोनों देशों ने फ़िलिस्तीन में न्यायसंगत और स्थायी शांति की वचनबद्धता दोहराई और मानवीय सहायता, संघर्ष उपरांत वहां पुनर्निर्माण और बहुपक्षीय शांति प्रयासों में सहयोग देने की बात कही। इंडोनेशिया ने संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के तहत गाजा में शांति सेना भेजने की तत्परता फिर व्यक्त की।

भारत ने भारतीय सेना की रिमाउंट वेटनरी कोर से इंडोनेशिया को अश्व और समारोह वाहन उपहार में देने की घोषणा की।
दोनों देशों के रक्षामंत्रियों ने वार्ता के परिणामों पर संतोष व्यक्त करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए रक्षा और सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में उच्च स्तरीय आदान-प्रदान, व्यावहारिक सहयोग और संरचित प्रबंधन जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

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