रक्षा मंत्रालय
भारतीय नौसेना सीएसएल, कोच्चि द्वारा निर्मित आठ एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी में सबसे पहले माहे का जलावतरण करेगी
Posted On:
16 NOV 2025 5:52PM by PIB Delhi
भारतीय नौसेना 24 नवंबर 2025 को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में माहे श्रेणी के पहले पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले जलयान (एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी) माहे के जलावतरण के साथ अपनी स्वदेशी जहाज निर्माण यात्रा में एक और मील का पत्थर स्थापित करने के लिए तैयार है।
माहे का निर्माण कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में का गया है। यह नौसेना के जहाज़ों के डिज़ाइन एवं निर्माण में भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल का एक अत्याधुनिक उदाहरण है। यह जहाज छोटा होते हुए भी शक्तिशाली है और चपलता, सटीकता एवं सहनशक्ति का प्रतीक है जो तटीय क्षेत्रों पर प्रभुत्व बनाए रखने के लिए आवश्यक गुण माने जाते हैं।
अपनी मारक क्षमता, चालबाजी एवं गतिशीलता के मिश्रण के साथ इस जहाज को पनडुब्बियों का पता लगाने, तटीय गश्त करने और देश के महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इसका निर्माण 80 प्रतिशत से ज़्यादा स्वदेशी सामग्री से हुआ है। माहे युद्धपोत डिज़ाइन, निर्माण एवं एकीकरण में भारत की बढ़ती महारत को दर्शाता है। मालाबार तट पर स्थित ऐतिहासिक तटीय शहर माहे के नाम पर बने इस जहाज़ के शिखर पर 'उरुमी' अंकित है जो कलारीपयट्टू की लचीली तलवार है जो चपलता, सटीकता एवं घातकता का प्रतीक है।
माहे का जलावतरण स्वदेशी उथले पानी के लड़ाकू विमानों की एक नई पीढ़ी के आगमन का प्रतीक होगा, चतुर, तेज और दृढ़ भारतीय।
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