कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) ने ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कार्यशाला का आयोजन किया
महिलाएं ही विकसित भारत की वास्तविक शक्ति हैं और उन्हें वित्तीय रूप से जागरूक, डिजिटल रूप से कुशल एवं निवेश के लिए तैयार होना चाहिए: सीईओ, आईईपीएफए
Posted On:
09 NOV 2025 7:22PM by PIB Delhi
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) ने राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर), भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (एएमएफआई) तथा हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचएसआरएलएम) के सहयोग से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यशाला का आयोजन 08 नवंबर, 2025 को संगोहा, करनाल, हरियाणा में “विकसित भारत के पथ पर सक्षम नारी” विषय पर किया गया।
इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं में वित्तीय जागरूकता, सुरक्षित निवेश एवं आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था। कार्यशाला में विशेषज्ञों, नियामकों, शिक्षाविदों और एसएचजी के सदस्यों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था में वित्तीय आत्मविश्वास एवं समावेशन की रणनीतियों पर चर्चा की। यह सशक्त एवं जागरूक महिलाओं द्वारा संचालित विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

सुश्री अनीता शाह अकेला, आईईपीएफए की सीईओ और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की संयुक्त सचिव ने मुख्य भाषण देते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि महिलाएं ही विकसित भारत की वास्तविक शक्ति हैं और उन्हें वित्तीय रूप से जागरूक, डिजिटल रूप से कुशल एवं निवेश के लिए तैयार होना चाहिए। उन्होंने आईईपीएफए की प्रमुख पहलों, निवेशक दीदी और निवेशक शिविर, पर बल दिया, जो महिलाओं को बचत करने, समझदारी से निवेश करने एवं वित्तीय धोखाधड़ी से खुद को सुरक्षित रखने में ज्ञानवर्धन करती हैं।

श्री सूरज भान, हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचएसआरएलएम) के सीईओ ने अपने स्वागत भाषण में भारत की आर्थिक प्रगति में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। इसके बाद एक विषयगत पैनल चर्चा हुई, जिसका संचालन एनसीएईआर के आईईपीएफ चेयर प्रोफेसर डॉ. सी.एस. महापात्रा ने किया, जिन्होंने समावेशी वित्तीय विकास के लिए सतत वित्तीय शिक्षा, व्यवहार परिवर्तन एवं विश्वास निर्माण के महत्व पर बल दिया।

इसके अलावा, एएमएफआई के वरिष्ठ सलाहकार, श्री एस.के. शर्मा ने बताया कि किस प्रकार से म्यूचुअल फंड निवेश एवं व्यवस्थित बचत की आदतें महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा दे सकती हैं। करनाल ज़िले के असंध नगर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) डॉ. राहुल रईया ने एसएचजी को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर बल दिया। भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व उप-महाप्रबंधक एवं उप-लोकपाल श्री शैलेंद्र नाथ झा ने डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं, जागरूकता एवं मज़बूत शिकायत निवारण प्रणालियों की वकालत की।
कार्यक्रम का समापन प्रमाणपत्र वितरण समारोह के साथ हुआ, जो वित्तीय रूप से साक्षर नागरिकों को सूचित एवं सुरक्षित वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम बनाने के आईईपीएफए के वर्तमान अभियान में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
आईईपीएफए के संदर्भ में
भारत सरकार ने निवेशक शिक्षा, जागरूकता एवं संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) की स्थापना की है। आईईपीएफए को निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष का प्रबंधन करने, दावा न किए गए लाभांश, परिपक्व जमा, डिबेंचर एवं शेयरों को सही निवेशकों को वापस करने तथा पूरे देश में व्यापक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वित्तीय साक्षरता शिविर, शिकायत निवारण, तथा आईईपीएफ-5 फॉर्म और खोज सुविधा जैसे डिजिटल उपकरणों जैसी पहलों के माध्यम से आईईपीएफए वित्तीय रूप से सुदृढ़ एवं सूचित निवेशक समुदाय का निर्माण करने की दिशा में काम करता है।
पीके/केसी/एके/डीके
(Release ID: 2188122)
Visitor Counter : 14