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कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि द्वारा निर्मित पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट 'माहे' भारतीय नौसेना में शामिल

प्रविष्टि तिथि: 24 OCT 2025 4:49PM by PIB Delhi

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल), कोच्चि द्वारा निर्मित आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) में से पहला 'माहे' 23 अक्टूबर, 2025 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।

केंद्र शासित पुडुचेरी के ऐतिहासिक बंदरगाह के नाम पर रखा गया 'माहे' भारत की समृद्ध समुद्री विरासत का प्रतीक है।

इस पोत का डिज़ाइन और निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से किया गया है , जो नौसेना पोत निर्माण में देश की बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। यह तटीय जल के अंदर निगरानी, ​​कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों (लिमो), पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) के लिए सुसज्जित है और इसमें उन्नत बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता है। लगभग 78 मीटर की ऊंचाई और लगभग 1,100 टन विस्थापन के साथ, यह पोत टॉरपीडो, बहुक्रियाशील पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत रडार व सोनार से लैस होकर जल के अंदर युद्ध में भी अपनी क्षमता का लोहा मनवा सकता है।

एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट के शामिल होने से भारतीय नौसेना की एएसडब्लू क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और तटीय क्षेत्रों में समुद्री सुरक्षा मजबूत होगी। 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री वाली 'माहे' का नौसेना में शामिल होना एक बड़ी उपलब्धि है और केन्द्र सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण की पुष्टि करती है।

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पीके/केसी/एचएन/एसवी


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