वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने देश के बुनियादी ढांचे और विकास दृष्टिकोण पर पीएम गतिशक्ति के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला


श्री गोयल ने उन्नत योजना और निर्णय लेने के लिए एकीकृत भू-स्थानिक इंटरफेस के माध्यम से पीएम गतिशक्ति डेटाबेस तक सार्वजनिक पहुंच की घोषणा की

श्री गोयल ने प्रश्न-आधारित विश्लेषण तंत्र के माध्यम से निजी क्षेत्र के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान प्लेटफॉर्म (पीएमजीएस-एनएमपी) की शुरूआत की

श्री गोयल ने सर्वोत्तम तौर तरीकों और सफल उपयोग मामलों पर प्रकाश डालते हुए पीएम गतिशक्ति संग्रह खंड-3 का विमोचन किया

श्री पीयूष गोयल ने एनएमपी डैशबोर्ड, अपतटीय विकास योजना प्लेटफॉर्म, रियल-टाइम डेटा प्रबंधन प्रणाली, आकांक्षी जिलों के लिए जिला मास्टर प्लान और लॉजिस्टिक्स उत्कृष्टता के लिए (एलइएपीएस) लीप्स 2025 का शुभारंभ किया

Posted On: 13 OCT 2025 4:54PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज ही के दिन शुरू की गई इस अग्रणी पहल की परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम गतिशक्ति गति और शक्ति दोनों लाती है और यह कोई साधारण कार्यक्रम नहीं है। पीएम गतिशक्ति का एक बहुत गहरा अर्थ है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और लगभग दो दशकों के गंभीर चिंतन से उपजा है। इससे पता चलता है कि कैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की बेहतर योजना बनाई जा सकती है और उन्हें देश के लोगों की सेवा में लाया जा सकता है। श्री पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि सरकार के मुखिया के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, प्रधानमंत्री शासन में नवीन सोच लाने के लिए जाने जाते हैं और भारत को एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र बनाने का उनका स्पष्ट दृष्टिकोण रहा है। श्री गोयल ने इस बात पर बल दिया कि सामूहिक रूप से, सभी हितधारक 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और पीएम गतिशक्ति इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

श्री पीयूष गोयल ने भारत के बुनियादी ढांचे की योजना और विकास इको सिस्टम को और मजबूत करने के लिए स्मरणीय कार्यक्रम के दौरान कई प्रमुख पहलों का शुभारंभ और अनावरण किया। उन्होंने भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) द्वारा विकसित प्रश्न -आधारित विश्लेषण तंत्र के माध्यम से निजी क्षेत्र के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) मंच की शुरूआत की, इससे भू-स्थानिक डेटा और उन्नत विश्लेषण तक व्यापक पहुंच संभव हुई। उन्होंने पीएम गतिशक्ति संग्रह खंड-3 का विमोचन किया, इसमें सफल उपयोग के मामलों और सर्वोत्तम तौर-तरीकों पर प्रकाश डाला, और पीएमजीएस एनएमपी डैशबोर्ड का शुभारंभ किया, जो प्रगति की निगरानी और कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय रिपोर्टिंग प्रणाली है। श्री गोयल ने मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच क्रॉस-लर्निंग और ज्ञान साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान प्रबंधन प्रणाली (केएमएस) की भी शुरुआत की इसके अलावा, उन्होंने विकेन्द्रीकृत, वास्तविक समय डेटा स्वामित्व और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए डेटा अपलोडिंग और प्रबंधन प्रणाली (डीयूएमएस) का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने डेटा-संचालित स्थानीय बुनियादी ढांचे के विकास और समग्र क्षेत्रीय विकास को मजबूत करने के लिए आकांक्षी जिलों के लिए पीएमजीएस जिला मास्टर प्लान (डीएमपी) शुरू किया, और रसद क्षेत्रों में उत्कृष्ट नेतृत्व और नवाचार को मान्यता देने के लिए रसद उत्कृष्टता, उन्नति और प्रदर्शन शील्ड (एलईएपीएस) 2025 की शुरुआत की।

श्री पीयूष गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब पीएम गतिशक्ति की शुरुआत की गई थी, तब माननीय प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया था कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ, अगले 25 वर्षों के विकास की नींव रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति वृहद-स्तरीय योजना और सूक्ष्म-स्तरीय कार्यान्वयन के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में उभरी है, जो एक ऐसे प्रभावी उपकरण के रूप में कार्य कर रही है जो सभी क्षेत्रों और संस्थानों से आगे है। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल राष्ट्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि यह अब केवल सड़क मार्ग या रेल मार्गों की योजना बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि अब राष्ट्रीय योजना और कार्यान्वयन में कहीं अधिक गहन एकीकरण की सुविधा प्रदान करती है।

श्री गोयल ने यह भी बताया कि 112 आकांक्षी जिलों के लिए पीएम गतिशक्ति जिला मास्टर प्लान का शुभारंभ, जो अब एक एकीकृत डेटाबेस में मैप किया गया है, इन क्षेत्रों की समग्र विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे, ताकि समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा मिले। जिला मास्टर प्लान स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, लॉजिस्टिक्स, औद्योगिक विकास, पर्यावरण प्रबंधन, सुरक्षा, खनिज संसाधन उपयोग और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन सहित प्रमुख क्षेत्रों में क्षेत्र-आधारित नियोजन का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति, टुकड़ों में किए जाने वाले दृष्टिकोणों से व्यापक क्षेत्र नियोजन के एक एकीकृत मॉडल की ओर एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है।

श्री गोयल ने कहा कि लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी आई है, खासकर अंतिम-मील कनेक्टिविटी में सुधार के साथ। पहले, खदानों से बिजली संयंत्रों तक कोयले के परिवहन में कई लोडिंग और अनलोडिंग चरण शामिल होते थे, जिससे अकुशलता, बढ़ी हुई लागत और सामग्री की हानि होती थी। खदानों और बिजली संयंत्रों में अंतिम-मील कनेक्टिविटी को सुव्यवस्थित करने से बिजली की लागत में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है और समग्र लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार हुआ है। देश भर में, मंत्रालयों, राज्यों और नगर योजनाकारों को पीएम गतिशक्ति से लाभ मिल रहा है, इसका पिछले चार वर्षों में कई क्षेत्रों में विस्तार हुआ है।

श्री पीयूष गोयल ने आज सर्वोत्तम तौर तरीको और सफल उपयोग मामलों का संकलन (खंड-3) जारी किया। यह संकलन पीएम गतिशक्ति की विविध पहलों और नागरिकों के जीवन पर उनके ठोस प्रभावों को दर्शाता है।

श्री गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले बजट में यह घोषणा की गई थी कि जनता को पीएम गतिशक्ति के डेटाबेस तक पहुंच प्रदान की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) और विभाग ने इस प्रकार तैयारी कर ली है कि जनता एकीकृत भू-स्थानिक इंटरफ़ेस के माध्यम से पीएम गतिशक्ति के डेटाबेस का उपयोग शुरू कर सके। इससे योजना और निर्णय लेने के उद्देश्यों के लिए डेटा तक आसान पहुंच और उपयोग संभव हो सकेगी।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय रिपोर्टिंग प्रणाली शुरू की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वर्तमान में अपनाए जा रहे क्षेत्र-आधारित नियोजन दृष्टिकोण के माध्यम से पीएम गतिशक्ति विभिन्न क्षेत्रों के विकास को कैसे प्रभावित कर रही है। विकेन्द्रीकृत डेटा साझाकरण मॉड्यूल यह सुनिश्चित करता है कि जानकारी सुलभ हो और अद्यतन डेटाबेस बनाए रखने के महत्व पर बल देता है। एक उचित डैशबोर्ड जनता तक योजना बनाने और डेटा के प्रसार में सहायता करेगा, पारदर्शिता बढ़ाएगा और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में सुविधा प्रदान करेगा।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य आकांक्षी जिलों तक पहुंचना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षेत्र-विशिष्ट योजनाएं स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करें और साथ ही इन क्षेत्रों को बुनियादी ढांचे की कमी को दूर किया जा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रयास समावेशी विकास और संसाधनों तक समान पहुंच को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र सरकार दोनों की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।

श्री गोयल ने कहा कि लॉजिस्टिक्स उत्कृष्टता, उन्नति और प्रदर्शन शील्ड, एलईएपीएस का शुभारंभ, देश भर में लॉजिस्टिक्स में दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार लाने में हितधारकों के प्रयासों को मान्यता देते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले चार वर्षों की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं और पीएम गतिशक्ति के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण बना है कि यह एक ऐसी व्यापक पहल के रूप में विकसित हो जो मंत्रालयों, विभागों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आगे बढ़े।

श्री गोयल ने बताया कि समुद्री संसाधन मानचित्रण, पवन ऊर्जा नियोजन, अपतटीय और भूमिगत केबल मार्गों, दूरसंचार और डेटा नेटवर्क, और भविष्य में समुद्र के भीतर बिजली संचरण के विस्तार के साथ, पीएम गतिशक्ति का दायरा, पैमाना और प्रभाव एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। श्री गोयल ने आगे कहा कि सरकार इस पहल को भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे से आगे बढ़ाकर नागरिकों, उद्योगों और योजनाकारों को जोड़ने वाले एक मंच पर लाने के लिए काम कर रही है। ऐसा करते हुए, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय और मानव विकास का एक केंद्रीय साधन बन रही है, जो भारत को नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रही है और विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को साकार कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि पीएम गतिशक्ति अब भौतिक अवसंरचना से आगे बढ़कर सामाजिक अवसंरचना, मानव विकास, उद्योग सहभागिता और डिजिटल एकीकरण की ओर अग्रसर हो रही है। यह पहल राष्ट्रीय विकास का केंद्र बिंदु बन गई है और एकीकृत, समावेशी और डेटा-संचालित विकास को बढ़ावा दे रही है। अब इसे अपतटीय संसाधनों के मानचित्रण और अन्वेषण में लागू किया जा रहा है, इसमें पवन ऊर्जा, अपतटीय और भूमिगत केबल, दूरसंचार और डेटा के लिए ऑप्टिक केबल और भविष्य में समुद्र के नीचे बिजली संचरण की योजना बनाना शामिल है। पीएम गतिशक्ति के पैमाने, दायरे और पहुंच में बड़े पैमाने पर परिवर्तन हो रहा है, और सरकार इसे अगले स्तर तक ले जाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस विस्तार का उद्देश्य भौतिक और सामाजिक अवसंरचना को एकीकृत करना, नागरिक और उद्योग सहभागिता को बढ़ाना और पीएम गतिशक्ति को मानव विकास और राष्ट्रीय प्रगति के लिए एक रणनीतिक उपकरण के रूप में स्थापित करना है, जो अंततः विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण में योगदान देगा।

श्री पीयूष गोयल ने इस बात पर भी बल दिया कि यह पहल भारत में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव लायी है। विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों के डेटा को एकीकृत करके, इस पहल ने एक साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने वाला उपकरण तैयार किया है। केन्द्रीय मंत्री  ने इस बात पर प्रकाश डाला कि निजी क्षेत्र के लिए एनएमपी प्लेटफ़ॉर्म खोलना, ज्ञान प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ और पीएम गतिशक्ति-ऑफशोर का अनावरण सहित शुरू की गई नई पहलों से डेटा-संचालित योजना को और बढ़ावा मिलेगा, विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और पूरे देश में एकीकृत, सतत विकास को गति मिलेगी।

केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और उद्योग संघों के 200 से अधिक अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद और मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने भी कार्यक्रम में पीएम गतिशक्ति के विकास पर प्रकाश डाला।

पिछले चार वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां:

  • नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों का उपयोग करते हुए 300 से अधिक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है, इसमें एकीकृत योजना, अंतिम-मील कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल लिंकेज, उन्नत लॉजिस्टिक्स दक्षता और समन्वित परियोजना कार्यान्वयन शामिल हैं।

 

  • सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप राज्य मास्टर प्लान (एसएमपी) पोर्टल विकसित किए हैं, इससे पूंजी निवेश को सुव्यवस्थित करने और परियोजना कार्यान्वयन में तेजी लाने में मदद मिली है। पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर 600 से अधिक परियोजनाओं की योजना बनाई गई है और उनकी रूपरेखा तैयार की गयी है।
  • इस पहल का विस्तार सामाजिक और आर्थिक मंत्रालयों तक हो गया है, और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए पीएम गतिशक्ति का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। स्कूलों, अस्पतालों और आंगनवाड़ियों में बुनियादी ढांचे की कमियों की पहचान करके और प्रासंगिक आंकड़े एकत्र करने के लिए नियोजन उपकरण विकसित करके, इस प्लेटफ़ॉर्म ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, डाक सेवाओं और जनजातीय विकास में अधिक प्रभावी नियोजन को सक्षम बनाया है। इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों को भी देश के बुनियादी ढांचे के विकास का लाभ मिले।
  • राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर आधारित, बीआईएसएजी-एन के तकनीकी सहयोग से विकसित पीएम गतिशक्ति जिला मास्टर प्लान (डीएमपी) पोर्टल, 28 आकांक्षी जिलों के लिए सहयोगात्मक जिला-स्तरीय योजना को सुगम बनाता है। विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग पर बल देकर और एआई तथा आईओटी जैसी उभरती तकनीकों का लाभ उठाकर, यह पोर्टल एकीकृत सामाजिक-आर्थिक योजना को सक्षम बनाता है। जिला-स्तरीय कार्यशालाओं ने हितधारकों को व्यापक विकास के लिए इस प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने हेतु प्रशिक्षित किया है, इसमें पश्चिम कामेंग के बिचोम, में पर्यटन योजना और ओडिशा के कलिंगनगर में आर्थिक विकास योजना शामिल है।
  • क्षमता और विशेषज्ञता निर्माण के लिए, डीपीआईआईटी ने आईजीओटी पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं और इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से व्यापक प्रशिक्षण शुरू किया है। इससे 20,000 से अधिक अधिकारियों तक पहुंच बनी है । पीएम गतिशक्ति मॉड्यूल को केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में एकीकृत किया गया है, इसके अंतर्गत मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 250 परस्पर संवादात्मक सत्र आयोजित किए गए हैं।
  • क्षमता निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हुए, डीपीआईआईटी ने बुनियादी ढांचे और रसद योजना में कौशल विकास, क्रॉस-लर्निंग और तकनीकी सहायता को बढ़ावा देने के लिए गतिशक्ति विश्वविद्यालय और कोरिया ट्रांसपोर्ट इंस्टीट्यूट (केओटीआई) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • एकीकृत अवसंरचना नियोजन में पीएम गतिशक्ति और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मेडागास्कर, सेनेगल और गाम्बिया के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग चल रहा है।
  • पिछले वर्ष इसी दिन, माननीय प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली स्थिच आईटीपीओ, में पीएम गतिशक्ति अनुभूति केंद्र (अनुभव केंद्र) का उद्घाटन किया था। होलोग्राफिक डिस्प्ले, एआर-वीआर अनुभव और इंटरैक्टिव सिमुलेशन की सुविधाओं से युक्त, यह केंद्र वैश्विक दृश्यता और पीएम गतिशक्ति के साथ जन जुड़ाव के केंद्र के रूप में कार्य करता रहा है। यहां अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों, राजनयिकों, सरकारी अधिकारियों, छात्रों और आम जनता का स्वागत किया जाता रहा है।

पिछले चार वर्षों में, पीएम गतिशक्ति ने नवोन्मेषी डिजिटल उपकरणों, एकीकृत प्लेटफार्मों और बहु-क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से भारत में बुनियादी ढांचा नियोजन को पूरी तरह बदल दिया है। निरंतर विस्तार और नए हितधारकों के समावेश के साथ, यह पहल भारत के बुनियादी ढांचे के दृष्टिकोण को गति प्रदान करेगी, आर्थिक प्रगति को गति देगी और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी। पीएम गतिशक्ति केवल परियोजनाओं का निर्माण ही नहीं कर रही है, बल्कि भारत के भविष्य को आकार दे रही है।

***

पीके/केसी/वीके/एसके


(Release ID: 2178727) Visitor Counter : 44