वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
एकीकृत अपतटीय नियोजन को सुदृढ़ करने और भारत की नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पीएम गतिशक्ति - ऑफशोर का शुभारंभ
पीएम गतिशक्ति - ऑफशोर, संपूर्ण सरकारी नियोजन और भारत की अपतटीय क्षमता के कुशल उपयोग को सक्षम बनाने के लिए अनेक मंत्रालयों का डेटा एकीकृत करता है
पीएम गतिशक्ति - ऑफशोर, जोखिमों को कम करने, अनुमोदनों को सुव्यवस्थित करने और समग्र अपतटीय विकास में सहायता देने के लिए डेटा-संचालित समाधान प्रदान करता है
Posted On:
13 OCT 2025 5:35PM by PIB Delhi
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के लॉजिस्टिक्स प्रभाग ने आज नई दिल्ली में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान “पीएम गतिशक्ति - ऑफशोर” का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने की।
पीएम गतिशक्ति - ऑफशोर, पीएम गतिशक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत एक अग्रणी पहल है, जिसे अपतटीय विकास की एकीकृत योजना और प्रबंधन हेतु एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के रूप में विकसित किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म एक एकीकृत भू-स्थानिक इंटरफ़ेस प्रदान करता है, जो विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों के महत्वपूर्ण डेटासेट को एकत्रित करता है ताकि अपतटीय पवन फ़ार्म, समुद्री संसाधन अन्वेषण और तटीय अवसंरचना विकास जैसी परियोजनाओं के लिए डेटा-आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाया जा सके। इसका उद्देश्य भारत की नीली अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करना और देश को हरित ऊर्जा एवं सतत तटीय विकास की दिशा में रुख करने में सहायता प्रदान करना है।
यह प्लेटफ़ॉर्म नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय, मत्स्य पालन विभाग, खान मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय और दूरसंचार विभाग सहित प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के डेटासेट को एकीकृत करके एक समग्र-सरकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह निर्बाध अंतर-मंत्रालयी एकीकरण भारत की विशाल अपतटीय क्षमता के समग्र नियोजन और कुशल उपयोग को सुगम बनाता है।
पोर्टल में भू-स्थानिक परतों का एक व्यापक भंडार है, जिसे ऊर्जा एवं संसाधन, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, अवसंरचना एवं लॉजिस्टिक्स, तथा महासागरीय एवं जोखिम डेटा जैसे क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। इनमें अपतटीय पवन, सौर, ज्वारीय, तरंग और महासागरीय तापीय ऊर्जा क्षमता; तेल एवं गैस क्षेत्रों एवं पाइपलाइनों; बैथीमीट्री एवं अवसादी बेसिनों; तटीय विनियमन क्षेत्रों; प्रवाल भित्तियों, मैंग्रोव और समुद्री स्तनधारियों के क्षेत्रों; बंदरगाहों, हवाई अड्डों, विद्युत अवसंरचना और मछली उतराई केंद्रों; के साथ-साथ सतही धाराओं, तरंग ऊँचाई और भूकंप जोखिम क्षेत्रों जैसे समुद्र विज्ञान संबंधी और जोखिम संकेतकों पर विस्तृत डेटासेट शामिल हैं। सामूहिक रूप से, ये परतें योजनाकारों, नियामकों और निवेशकों को स्थायी और तकनीकी रूप से सुदृढ़ निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं।
यह प्लेटफ़ॉर्म अपतटीय विकास में शामिल विविध हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है। यह योजना चरण के दौरान तटीय क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के संभावित ओवरलैप और नियामक बाधाओं की दृश्यता को बढ़ाता है, जिससे परियोजना में देरी और जोखिम कम होते हैं। यह अपतटीय क्षेत्र प्रबंधन और संसाधन आवंटन के लिए एक समग्र, डेटा-आधारित दृष्टिकोण को सक्षम बनाता है, पर्यावरणीय मूल्यांकन और मंजूरी की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है, और सत्यापित सरकारी स्रोतों से प्रामाणिक भू-स्थानिक डेटा के एक केंद्रीकृत भंडार के रूप में कार्य करता है।
उदाहरण के लिए, यह प्लेटफ़ॉर्म अपतटीय विद्युत पारेषण मार्गों की योजना बनाते समय विद्युत मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, और दूरसंचार विभाग सहित कई मंत्रालयों के डेटासेट को एकीकृत कर सकता है। भारत की मुख्य भूमि को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से जोड़ने वाले प्रस्तावित हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) सब-सी लिंक के मामले में, किफायती रूप से केबल बिछाने के लिए इष्टतम समुद्र तल की गहराई की पहचान करने हेतु बैथीमीट्री डेटा का विश्लेषण किया जा सकता है, जबकि प्रवाल भित्तियों, मैंग्रोव और कछुओं के घोंसले के क्षेत्रों जैसी पारिस्थितिकीय परतें पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से बचने में मदद कर सकती हैं। इसी प्रकार, हाइड्रोकार्बन अन्वेषण खंडों, ऑप्टिकल फाइबर मार्गों और समुद्री यातायात गलियारों के ओवरले ऐसे मार्गों के चयन में मार्गदर्शन कर सकते हैं, जो तकनीकी रूप से व्यवहार्य और पर्यावरण के नियमों के अनुरूप हों।
इस तरह के बहुस्तरीय विश्लेषण और विज़ुअलाइज़ेशन को सक्षम करके, पीएम गतिशक्ति - ऑफशोर राष्ट्रीय अपतटीय नियोजन में सटीकता, पारदर्शिता और स्थिरता सुनिश्चित करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म रणनीतिक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए भू-स्थानिक बुद्धिमत्ता का लाभ उठाने, नीली अर्थव्यवस्था के संतुलित विकास को बढ़ावा देने और 2047 तक विकसित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में भारत की बढ़ती क्षमता का प्रमाण है।
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