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भारतीय नौसेना आन्द्रोत युद्धपोत को कमीशन करने के लिए तैयार - नए स्वदेशी जहाजों के साथ निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर

Posted On: 05 OCT 2025 6:13PM by PIB Delhi

भारतीय नौसेना 6 अक्टूबर, 2025 को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित होने वाले औपचारिक कार्यक्रम के दौरान दूसरे ‘आन्द्रोत’ जहाज को शामिल करने के लिए तैयार है। यह पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले पानी का युद्धपोत (एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी) है। इस समारोह की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर करेंगे।

आन्द्रोत का नौसेना में शामिल होना भारतीय नौसेना की क्षमता वृद्धि और स्वदेशीकरण की दिशा में निरंतर प्रगति का एक अन्य महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह कदम उस व्यापक विकास का हिस्सा है, जिसके तहत हाल के महीनों में कई अत्याधुनिक युद्धपोत नौसेना के बेड़े में शामिल किए गए हैं।

कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा निर्मित आन्द्रोत को 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ तैयार किया गया है। यह युद्धपोत

भारत की बढ़ती समुद्री आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह नवीन तकनीकों और स्वदेशी समाधानों के माध्यम से नौसेना की स्वदेशी क्षमता बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आन्द्रोत के नौसेना में शामिल होने से एएसडब्ल्यू क्षमताओं, विशेषकर तटीय जल में खतरों से निपटने की दक्षता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। यह कदम नौसेना के स्वदेशीकरण, नवाचार और क्षमता संवर्धन पर निरंतर फोकस को दर्शाता है। इसके साथ ही यह भारत की समुद्री सुरक्षा संरचना को सशक्त बनाने में जीआरएसई की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करता है।

हाल के महीनों में नौसेना में शामिल किए गए जहाज —अर्नाला, निस्तार, उदयगिरि, नीलगिरि और अब आन्द्रोत समुद्री अभियानों में संतुलित विकास की दिशा को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये जहाज आत्मनिर्भरता की भावना को मूर्त रूप देते हैं, जिनमें भारतीय शिपयार्ड और उद्योगों द्वारा प्रदान की गई स्वदेशी सामग्री, डिजाइन विशेषज्ञता तथा घरेलू नवाचार का उच्च प्रतिशत शामिल है।

 

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पीके/केसी/एनके/डीए


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