इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

सरकार ने इंडिया-एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन 2026 के लिए लोगो और प्रमुख पहलों का अनावरण किया


केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इंडिया-एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन के लिए लोगो और प्रमुख पहलों का अनावरण किया

प्रमुख पहलों में उड़ान-ग्लोबल एआई पिच फेस्ट,

यूथएआई इनोवेशन चैलेंज, एआई बाय एचईआर, ग्लोबल इनोवेशन चैलेंज फॉर ऑल, रिसर्च सिम्पोजियम और एआई एक्सपो शामिल हैं

भारत ने बहुभाषी, स्वास्थ्य सेवा, वैज्ञानिक, औद्योगिक, शासन और कृषि एआई क्षमताओं के निर्माण के लिए आठ स्वदेशी आधारभूत मॉडल परियोजनाओं का शुभारंभ किया

यह लोगो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से लोगों, पृथ्वी और प्रगति के लिए भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है

इंडिया-एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन, 19-20 फरवरी, 2026 को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा  

Posted On: 18 SEP 2025 10:18PM by PIB Delhi

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंडिया-एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन के लिए लोगो और प्रमुख पहलों का अनावरण किया।

पहली बार किसी ग्लोबल साउथ राष्ट्र द्वारा आयोजित यह शिखर सम्मेलन लोगों, पृथ्वी और प्रगति के सिद्धांतों या सूत्रों द्वारा निर्देशित है। चर्चाएं 7 विषयगत चक्रों- मानव पूंजी, समावेशन, सुरक्षित और विश्वसनीय एआई, लचीलापन, विज्ञान, एआई संसाधनों का लोकतंत्रीकरण और सामाजिक कल्याण पर केंद्रित हैं, जो इस बात पर बल देती हैं कि एआई कैसे नागरिकों, समुदायों और विश्व के लिए समान रूप से एक प्रभावशाली शक्ति हो सकती है।

लोगो और प्रमुख पहलों का अनावरण इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री एस. कृष्णन, मंत्रालय के अपर सचिव श्री अभिषेक सिंह, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद, इंडियाएआई की सीओओ कविता भाटिया और प्रो. स्टुअर्ट रसेल, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया।

आधिकारिक लोगो

आधिकारिक लोगो की पहचान अशोक चक्र है, जो नैतिक शासन, न्याय और संवैधानिक मूल्यों का प्रतीक है जो भारत की डिजिटल और तकनीकी यात्रा का मार्गदर्शन करते हैं। यह विभिन्न भाषाओं, उद्योगों और भौगोलिक क्षेत्रों में एआई के परिवर्तनकारी प्रभाव का प्रतीक है जो विभेदों को पाटता है और समावेशी प्रगति को सक्षम बनाता है।

 

 

इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने संबोधन में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत के एआई मिशन ने बड़ी प्रगति की है। शुरुआत से देखें तो हमारा मुख्य लक्ष्य बड़ी संख्या में छात्रों और शोधकर्ताओं को बेहतर कंप्यूटिंग सुविधाएं प्रदान करना था। हमारा लक्ष्य 10,000 जीपीयू का था और आज हम 38,000 जीपीयू तक पहुंच चुके हैं जो अच्छी प्रगति है। प्रमुख पहलों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने यह भी कहा कि एआई डेटा लैब्स विविध क्षेत्रों में स्थित हैं जो समावेशी विकास के प्रति हमारे दृष्टिकोण को दर्शाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अवसरों तक समान पहुंच के दृष्टिकोण के अनुरूप प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण हो। हमारा लक्ष्य 570 डेटा लैब्स को पूरे देश में फैलाना है और आगे चलकर छात्रों के लिए अवसर प्रदान करना है।

 

शुरू की गई प्रमुख पहलों में शामिल हैं

 

 

इंडिया-एआई इम्पैक्ट समिट 2026 में कई प्रमुख पहल शामिल होंगी जो इस प्रकार हैं:

 

  • एआई पिच फेस्ट (उड़ान): इसमें दुनिया भर के नवोन्मेषी एआई स्टार्टअप और भारत के टियर 2 और 3 केंद्रों के उच्च-संभावित उद्यमों को प्रदर्शित किया जाएगा जिसमें महिला नेताओं और दिव्यांग परिवर्तनकर्ताओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  •  
  • युवाओं, महिलाओं और अन्य प्रतिभागियों के लिए वैश्विक नवाचार चुनौतियां: इस पहल का उद्देश्य एआई-संचालित समाधानों को बढ़ावा देना है जो विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक दुनिया की सार्वजनिक चुनौतियों का समाधान करते हैं।
  • अनुसंधान संगोष्ठी: एक दिवसीय अंतःविषयक सभा अत्याधुनिक एआई अनुसंधान मंच को प्रदर्शित करेगी जिसमें देश, ग्लोबल साउथ और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अग्रणी शोधकर्ताओं और पेशेवरों को एआई के प्रभाव पर अग्रणी कार्य प्रस्तुत करने, विधियों और साक्ष्यों का आदान-प्रदान करने और सहयोग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

 

  • एआई एक्सपो: उत्तरदायी बुद्धिमत्ता एक्सपो में भारत और 30 से अधिक देशों के 300 से अधिक प्रदर्शक 10 से अधिक विषयगत मंडपों के साथ भाग लेंगे।

 

 

आठ नए आधारभूत मॉडल पहलों का शुभारंभ: इंडियाएआई फाउंडेशन मॉडल्स स्तंभ के अंतर्गत, भारत-विशिष्ट डेटा पर प्रशिक्षित स्वदेशी एआई मॉडल बनाने के लिए आठ अग्रणी परियोजनाएं शुरू की गई हैं। लगभग 506 प्रस्तावों में से चयनित ये पहल बहुभाषी और डोमेन-विशिष्ट मॉडल, वैज्ञानिक खोज, स्वास्थ्य सेवा और औद्योगिक नवाचार को कवर करती हैं जो भारत में एआई नेतृत्व की नींव रखती हैं।

 

  • अवतार एआई-70B पैरामीटर तक के विशिष्ट "एआई अवतार" बनाना जो भारतीय भाषाओं और कृषि, स्वास्थ्य सेवा व शासन जैसे क्षेत्रों के लिए अनुकूलित हों।

 

  • आईआईटी बॉम्बे कंसोर्टियम-भारत जेन- कृषि, वित्त, कानूनी, स्वास्थ्य और शिक्षा में अनुप्रयोगों का समर्थन करने के लिए एक ओपन-सोर्स दृष्टिकोण के साथ 2B से 1T पैरामीटर तक के बहुभाषी और मल्टीमॉडल मॉडल विकसित करना।

 

  • फ्रैक्टल एनालिटिक्स लिमिटेड- संरचित तर्क, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित विषयों और चिकित्सा समस्या-समाधान के लिए डिजाइन किए गए 70B पैरामीटर तक के भारत के पहले बड़े तर्क मॉडल का निर्माण।

 

  • टेक महिंद्रा मेकर्स लैब- भारतीय भाषाओं (हिंदी बोलियों पर केंद्रित) के लिए एक कुशल 8B पैरामीटर मॉडल तैयार करना। साथ ही सरकारी अनुप्रयोगों के लिए एक एजेंटिक एआई प्लेटफ़ॉर्म, ओरियन का डिज़ाइन तैयार करना।

 

  • जेंटेइक- इंजीनियरिंग इंटेलिजेंस, वैज्ञानिक कंप्यूटिंग और औद्योगिक नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए एक विज्ञान-संचालित मल्टीमॉडल फ़ाउंडेशन मॉडल (8B-80B पैरामीटर) ब्रह्मएआई का विकास करना।

 

  • जेनलूप- छोटे भाषा मॉडल (2B पैरामीटर)- युक्ति (बेस), वार्ता (निर्देश), और कवच (गार्ड) का निर्माण करना ताकि सभी 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं को मूल तर्क और सामग्री मॉडरेशन के साथ समर्थन मिल सके।

 

  • इंटेलीहेल्थ- तंत्रिका संबंधी विकारों की शीघ्र जांच और ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए ईईजी सिग्नल विश्लेषण हेतु 20B पैरामीटर मॉडल का प्रस्ताव।

 

  • शोध एआई- सामग्री खोज के लिए 7B पैरामीटर मॉडल विकसित करना, सामग्री विज्ञान में नवाचार को गति देने के लिए प्रयोगात्मक वर्कफ़्लो में एआई को एकीकृत करना।

 

30 इंडियाएआई डेटा और एआई लैब्स का शुभारंभ: पूरे भारत में 30 डेटा और एआई लैब्स लॉन्च किए गए हैं जो 570 लैब नेटवर्क की पहली चरण का निर्माण करते हैं। पहली 27 लैब्स राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ साझेदारी में हैं जो प्रमुख टियर 2 और 3 शहरों में स्थापित हैं और तीन अत्याधुनिक लैब्स इंटेल के साथ मोकोकचुंग, महू और मोहाली में स्थापित की गई हैं। ये लैब्स इंडियाएआई मिशन की फ्यूचरस्किल्स पहल के तहत आधारभूत एआई और डेटा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करेंगी।

 

डेटा एनोटेशन और डेटा क्यूरेशन पर आधारभूत पाठ्यक्रम: डेटा और एआई लैब्स नेटवर्क के माध्यम से संचालित, नए आधारभूत पाठ्यक्रमों का उद्देश्य शिक्षार्थियों को डेटा एनोटेशन (चित्र, टेक्स्ट, ऑडियो) और डेटा क्यूरेशन (डेटासेट को व्यवस्थित और लेबल करना) में प्रवेश-स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करके एआई अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए तैयार करना है।

 

इंडियाएआई फेलोशिप कार्यक्रम और पोर्टल की घोषणा: इंडियाएआई फेलोशिप कार्यक्रम का विस्तार 13,500 स्कालर्स को सहायता प्रदान करने के लिए किया गया है जिसमें सभी विषयों के 8,000 स्नातक, 5,000 स्नातकोत्तर और 500 पीएचडी शोधकर्ता शामिल होंगे। इससे इंडियाएआई फेलोशिप, पीएम रिसर्च फ़ेलोशिप के समकक्ष हो गई है। यह फेलोशिप अब इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कानून, वाणिज्य, व्यवसाय और उदार कला जैसे विविध विषयों के छात्रों के लिए उपलब्ध है। फेलोशिप पोर्टल डिजिटल आवेदन, प्रगति का पता लगाने, मार्गदर्शन और समीक्षा की सुविधा प्रदान करेगा। अपनी पात्रता की जांच और आवेदन करने के लिए, fellowship.indiaai.gov.in पर जाएं।

 

भारत-एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन 2026, 19-20 फरवरी, 2026 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों, वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और नवप्रवर्तकों के भाग लेने की उम्मीद है।

 

अनुलग्नक

 

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित इंडिया-एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन 2026, 19-20 फरवरी, 2026 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह वैश्विक मंच समावेशी विकास, स्थिरता और समान प्रगति को बढ़ावा देने में एआई की परिवर्तनकारी भूमिका को प्रदर्शित करेगा। यह शिखर सम्मेलन एक ऐसा मार्ग प्रशस्त करता है जहां एआई मानवता की सेवा करे, समावेशी विकास को आगे बढ़ाए, सामाजिक विकास को बढ़ावा दे और ऐसे नवाचारों को बढ़ावा दे जो पृथ्वी की रक्षा करे।

 

तीन सूत्र

 

यह शिखर सम्मेलन तीन मार्गदर्शक सिद्धांतों या सूत्रों पर आधारित होगा:

 

लोग: एआई को अपनी समस्त विविधता में मानवता की सेवा करनी चाहिए, सांस्कृतिक पहचान का सम्मान करना चाहिए, गरिमा की रक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी पीछे न छूटे। फोकस क्षेत्रों में एआई-सक्षम दुनिया में मानव विकास, बहुभाषी और सुलभ प्रणालियां और सुरक्षित एवं विश्वसनीय परिनियोजन शामिल हैं।

 

पृथ्वी: एआई का विकास और परिनियोजन संसाधन-कुशल होना चाहिए और साथ ही जलवायु लचीलापन, पर्यावरण संरक्षण और वैज्ञानिक खोजों में तेजी लानी चाहिए। एआई को ग्रहीय प्रबंधन और वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप होना चाहिए।

 

प्रगति: एआई के लाभों का समान वितरण सुनिश्चित करना, डेटासेट, कंप्यूट और मॉडल तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करना और स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, शासन और कृषि में एआई का अनुप्रयोग करना।

 

सात चक्र

 

इन सूत्रों को सात चक्रों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाता है जो बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्र हैं जिन्हें मूर्त परिणाम देने के लिए तैयार किया गया है:

 

  1. मानव पूंजी- रोजगार, कौशल और कार्यबल परिवर्तन से जुड़े मुद्दों का समाधान करना। साक्षरता, पुनर्कौशल और भविष्य के कौशल तक समान पहुंच के लिए वैश्विक ढांचे विकसित करना।

 

  1. सामाजिक सशक्तिकरण के लिए समावेशन- भाषाओं, संस्कृतियों और पहचानों को प्रतिबिंबित करने वाली एआई को बढ़ावा देना; विकलांग व्यक्तियों के लिए पहुंच सुनिश्चित करना, लैंगिक आधार पर और डेटा पूर्वाग्रहों को रोकना।

 

  1. सुरक्षित और विश्वसनीय एआई- सुरक्षा परीक्षण, पारदर्शिता और ऑडिटिंग उपकरणों तक लोकतांत्रिक पहुंच प्रदान करना, अंतर-संचालनीय शासन और आश्वासन तंत्र का निर्माण करना।
  2. दृढ़ता, नवाचार और दक्षता- संसाधन-कुशल एआई को बढ़ावा देना, जो हल्का और स्थानीय वास्तविकताओं के अनुकूल हो जिससे असमानताएं और पर्यावरणीय लागत कम हों।

 

  1. विज्ञान- अनुसंधान और खोज में तेजी लाने के लिए एआई के जिम्मेदार उपयोग का विस्तार करना; ग्लोबल साउथ में इकोसिस्टम और साझेदारी को मज़बूत करना, खुले, अंतःविषय अनुसंधान को बढ़ावा देना।

 

  1. एआई संसाधनों का लोकतंत्रीकरण- डेटा, कंप्यूटिंग, मॉडल और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे तक समान पहुंच के लिए रास्ते बनाना, जिससे वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाले विविध एआई समाधान संभव हो सकें।

 

  1. आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण के लिए एआई- जनहित के क्षेत्रों में एआई अनुप्रयोगों की पहचान और उनका विस्तार करना, ज्ञान और संसाधन साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म बनाना, सीमा पार सहयोग को सक्षम बनाना।

 

ऐसे समय में जब दुनिया भर में एआई को अपनाया जा रहा है, इंडिया-एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन एआई के प्रभाव पर चर्चा का एक मंच तैयार करता है और इसके साथ-साथ ग्लोबल साउथ और उससे आगे तक एक वैश्विक संयोजक के रूप में भारत की भूमिका को रेखांकित करता है। विश्व के नेताओं, नवप्रवर्तकों, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के अग्रदूतों को एक साथ लाकर, यह शिखर सम्मेलन एआई के लिए एक साझा दृष्टिकोण को आकार देगा जो वास्तव में केवल कुछ लोगों के लिए सीमित न होकर अनेक लोगों के लिए उपयोगी होगा।

***

पीके/केसी/बीयू/एचबी


(Release ID: 2168417) Visitor Counter : 95
Read this release in: Malayalam , Bengali , English , Urdu