स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के धार से 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान' और 8वें राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ किया


17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देश भर के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में 10 लाख से ज़्यादा स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएँगे, जो महिलाओं और बच्चों के लिए अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान है

हमारी माताएँ-बहनें, हमारी नारी शक्ति राष्ट्र की प्रगति का मुख्य आधार हैं। घर में अगर माँ स्‍वस्‍थ रहती है, तो पूरा घर स्वस्थ रहता है। यह अभियान माताओं और बहनों और उनके स्वस्थ भविष्य के लिए समर्पित है: प्रधानमंत्री

“नारी शक्ति, विकसित भारत का प्रमुख स्तंभ है और स्वस्थ नारी सशक्त परिवार, महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में एक 'महा अभियान' है”

महिलाओं से कैंसर, एनीमिया, टीबी और सिकल सेल जैसी जानलेवा बीमारियों की जाँच करवाने की अपील

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 1 करोड़वाँ सिकल सेल कार्ड सौंपा

Posted On: 17 SEP 2025 6:26PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र  मोदी ने आज मध्य प्रदेश के धार में 8वें राष्ट्रीय पोषण माह के साथ-साथ 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' (एसएनएसपी) अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित थे।

 

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा हरियाणा से इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती आरती सिंह राव की उपस्थिति में कई स्वास्थ्य शिविरों का उद्घाटन किया, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र से और श्रीमती अनुप्रिया पटेल दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता की उपस्थिति में दिल्ली सचिवालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुईं।

 

 

स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान भारत में महिलाओं और बच्चों के लिए अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) के संयुक्त नेतृत्व में इस पहल के तहत, सामुदायिक स्तर पर महिला-केंद्रित निवारक, प्रोत्साहनकारी और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देश भर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), ज़िला अस्पतालों और अन्य सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में 10 लाख से ज़्यादा स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। यह अभियान गैर-संचारी रोगों, एनीमिया, तपेदिक और सिकल सेल रोग की जाँच, शीघ्र पहचान और उपचार की कड़ी को मज़बूती प्रदान करेगा, साथ ही प्रसवपूर्व देखभाल, टीकाकरण, पोषण, मासिक धर्म स्वच्छता, जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मातृ, शिशु और किशोर स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह अभियान मोटापे की रोकथाम, बेहतर पोषण और स्वैच्छिक रक्तदान पर विशेष ज़ोर देते हुए समुदायों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।

 

 

 

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी माताएँ-बहनें, हमारी नारी शक्ति राष्ट्र की प्रगति का मुख्य आधार हैं। घर में अगर माँ स्वस्थ रहती है, तो पूरा घर स्वस्थ रहता है। माँ के स्वास्थ्य का प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। इसलिए, यह अभियान माताओं-बहनों और उनके स्वस्थ भविष्य के लिए समर्पित है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्तिविकसित भारत का प्रमुख स्तंभ है और स्वस्थ नारी सशक्त परिवार, महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में एक महा अभियानहै। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी महिला जानकारी  या संसाधनों के अभाव के कारण किसी गंभीर बीमारी का शिकार न हो। उन्होंने कहा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एनीमिया या कैंसर जैसी बीमारियों का शीघ्र निदान आवश्यक है क्योंकि ये आगे चलकर घातक हो सकती हैं और इसलिए इस अभियान के दौरान यह सुविधा उपलब्ध होगी।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं से अपने स्वास्थ्य के लिए समय निकालने और बिना किसी आशंका के स्वास्थ्य शिविरों की सुविधाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। देश के जनजातीय  क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया की गंभीर समस्या का उल्लेख करते हुए, उन्होंने विशेष रूप से जनजातीय महिलाओं से अभियान की अवधि के दौरान उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों में सभी जाँचें और दवाएँ निःशुल्क उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा, हमारा संकल्प है कि कोई भी माँ या बेटी पीछे न छूटने पाए । जिन्हें आगे के इलाज की आवश्यकता है, वे आयुष्मान कार्ड द्वारा प्रदान किए गए सुरक्षा कवच का लाभ उठा सकती हैं।

 

 

सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि हम महिलाओं के जीवन को आसान बनाने और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।उन्होंने यह भी कहा कि, विकसित भारत बनने की अपनी यात्रा में, हम मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में कमी लाने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से, 2017 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू की गई थी। इस योजना से 4.5 करोड़ से ज़्यादा गर्भवती महिलाओं को लाभ हुआ है। कुल मिलाकर, महिलाओं के बैंक खातों में 19,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक करोड़वाँ सिकल सेल कार्ड भी सौंपा। इस बात को रेखांकित करते हुए कि सरकार इसके उन्मूलन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन चला रही है, उन्होंने कहा कि सिकल सेल जाँच के कारण लाखों जनजातीय लोगों का जीवन सुरक्षित हुआ है।  उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश के शहडोल में शुरू किए गए राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया मिशन के तह5 करोड़ से ज़्यादा लोगों की जाँच की जा चुकी है।

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश में ऐतिहासिक परिवर्तन हुए हैं और उन्होंने आज विभिन्न पहलों को शुरू करने के लिए धार के जनजातीय  क्षेत्र को चुनने के लिए माननीय प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया।

 

पृष्ठभूमि:

 

यह अभियान देश भर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), जिला अस्पतालों और अन्य सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक चलाया जा रहा है। इस दौरान दस लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएँगे, जो इसे यह देश में महिलाओं और बच्चों के लिए अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान बनाते हैं। देश भर के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दैनिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएँगे।

पूरे देश में आज एसएनएसपी अभियान का शुभारंभ समारोह आयोजित किया गया। विभिन्न राज्यों के माननीय मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने अपने-अपने क्षेत्रों में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों, सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जन प्रतिनिधि इस अभियान में शामिल हो रहे हैं। आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह, पंचायती राज संस्थाएँ, शहरी स्थानीय निकाय, माई भारत स्वयंसेवक और युवा समूह जमीनी स्तर पर सामुदायिक संगठन  का नेतृत्व कर रहे हैं।

 प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ

मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, केंद्र सरकार के संस्थानों और निजी अस्पतालों के माध्यम से स्त्री रोग, बाल रोग, नेत्र रोग, ईएनटी, दंत चिकित्सा, त्वचा रोग और मनोचिकित्सा सहित विशेषज्ञ सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

केंद्र सरकार के संस्थान जैसे एम्स, रक्षा और रेलवे अस्पताल, ईएसआईसी अस्पताल, सीजीएचएस केंद्र और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) इन प्रयासों को पूर्णता प्रदान करेंगे, जिससे विशेषज्ञ सेवाएँ और देखभाल की निरंतरता की अंतिम व्यक्ति तक पहुँच सुनिश्चित होगी। निजी क्षेत्र की कई स्वास्थ्य सुविधाओं ने भी इस पहल का समर्थन करने की पेशकश की है। इससे इस पहल के पैमाने, गुणवत्ता और पहुँच का विस्तार होने की उम्मीद है।

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