खान मंत्रालय
आवास और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए खनन क्षेत्र में वस्तु एवं सेवा कर में सुधार
Posted On:
11 SEP 2025 12:30PM by PIB Delhi
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 56वीं बैठक में व्यक्तियों, आम आदमी और महत्वाकांक्षी मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर दरों में बदलाव और जीएसटी में व्यापार को सुगम बनाने के उपायों से संबंधित सिफारिशें की गईं। खनन क्षेत्र से संबंधित वस्तुओं के लिए नई जीएसटी दरों और स्लैब का आवास उद्योग और लघु उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
नई दरों के अंतर्गत, मार्बल और ट्रैवर्टीन और ग्रेनाइट ब्लॉक पर अब 5 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर लगेगा, जबकि पहले यह दर 12 प्रतिशत थी। वस्तु एवं सेवा कर दरों में इस कमी से आवास क्षेत्र को लाभ होगा क्योंकि मार्बल और ग्रेनाइट का उपयोग आवास उद्योग में बड़े पैमाने पर होता है। ग्रेनाइट और मार्बल का खनन राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में होता है।
सैंड लाइम ब्रिक्स या स्टोन इनले वर्क पर जीएसटी दरों में कमी से कम लागत वाले आवासों की निर्माण लागत, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, कम करने में मदद मिलेगी। ऐसी वस्तुओं पर जीएसटी दरों को भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जा रहा है।
एल्युमीनियम से बने दूध के डिब्बों, तांबे से बने टेबल, रसोई या अन्य घरेलू सामान और एल्युमीनियम पर भी जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगी। चूंकि एल्युमीनियम/तांबे से बने ऐसे बर्तन, दूध के डिब्बे और घरेलू सामान रोजमर्रा की जरूरत की चीजें हैं, इसलिए जीएसटी दर में कमी से खुदरा कीमतों में कमी के कारण इनकी मांग बढ़ेगी। इससे घरों में जरूरी बर्तनों पर पैसे की बचत होगी और प्लास्टिक से अधिक अच्छे और टिकाऊ विकल्प उपलब्ध होंगे। ऐसे बर्तनों के उत्पादन में लगे एमएसएमई को भी इन उत्पादों की बढ़ती मांग और व्यापक बाज़ार का फायदा होगा।
पीतल के केरोसिन प्रेशर स्टोव पर जीएसटी की दरें 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। इस कटौती से ग्रामीण/कम आय वाले परिवारों को खाना पकाने के बुनियादी उपकरण सस्ते होने से मदद मिलेगी जिससे सभी के लिए ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित होगी।
पीतल, तांबा/निकल/चांदी से इलेक्ट्रोप्लेटेड तांबा मिश्रित धातुओं और एल्युमीनियम के हस्तशिल्प पर भी जीएसटी की दरें पहले के 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। इनमें से अधिकांश वस्तुएं कारीगरों और लघु-स्तरीय उद्यमों द्वारा उत्पादित की जाती हैं, इसलिए कम वस्तु एवं सेवा कर उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता में मदद करेगा और ऐसे उत्पादों के लिए ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी। हस्तशिल्प कला वस्तुएं देश की विरासत का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए वस्तु एवं सेवा कर में कमी से भारतीय संस्कृति और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
खान मंत्रालय से संबंधित सेवाओं पर जीएसटी दरों की सिफारिशों के संदर्भ में, देश के भीतर माल के मल्टी मॉडल परिवहन की आपूर्ति के लिए वस्तु एवं सेवा कर दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत (प्रतिबंधित ऋण के साथ) करने से खनन और खनिज उद्योग, विशेष रूप से लौह अयस्क को लाभ होगा, जिसमें लंबी दूरी की आवाजाही शामिल है।
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पीके/केसी/एचएन/एचबी
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