कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 14वीं पेंशन अदालत की अध्यक्षता की
894 लंबे समय से लंबित अति वरिष्ठ और पारिवारिक पेंशन शिकायतों के निवारण के लिए विचार किया गया
13 पेंशन अदालतों के माध्यम से 25,800 से अधिक पेंशन शिकायतों का निपटारा किया गया, जिनमें से 18,481 का समाधान किया गया: डॉ. जितेंद्र सिंह
डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में पेंशनभोगियों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की
पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के लिए गरिमा, समय पर न्याय और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की
Posted On:
10 SEP 2025 4:47PM by PIB Delhi
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 14वीं पेंशन अदालत की अध्यक्षता की।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) द्वारा "पारिवारिक पेंशनभोगी एवं अति वरिष्ठ पेंशनभोगी" विषय पर आयोजित इस अदालत में 21 विभागों और मंत्रालयों से पारिवारिक पेंशन मामलों से संबंधित कुल 894 पुरानी और लंबे समय से लंबित शिकायतों के निवारण के लिए विचार किया गया।
14वीं पेंशन अदालत का शुभारंभ करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने सभी संबंधित विभागों/मंत्रालयों और एजेंसियों को एक मंच पर लाने के लिए इसके अनूठे “संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण” की पहल की सराहना की।
डॉ. सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अदालत ने शिकायत निवारण में तेजी लायी है और प्रक्रियात्मक देरी को कम किया है। इसने उन पेंशनभोगियों को समय पर न्याय प्रदान किया है, जो वर्षों से अपने उचित बकाये की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसने पेंशनभोगियों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की है तथा उन्हें न केवल लाभार्थी के रूप में, बल्कि समाज के सक्रिय योगदानकर्ता के रूप में मान्यता दी है, जो अपने जीवन के उत्तरार्ध में गरिमा और वित्तीय सुरक्षा के हकदार हैं।
इस अदालत ने सैकड़ों पेंशनभोगियों और उनके परिवारों को राहत दी, जिनमें से कई वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। समाधान किए गए कुछ उल्लेखनीय मामलों में शामिल हैं:
- ऑनररि लेफ्टिनेंट बलवीर सिंह (पंजाब रेजिमेंट) - 30 अप्रैल, 2024 को जम्मू से सेवानिवृत्त हुए। प्रक्रिया में देरी के बाद उन्हें अंततः उनकी दिव्यांगता और कम्यूटेशन पेंशन के रूप में 46,04,537 रुपये मिले।
- लेफ्टिनेंट कर्नल प्रताप चंद सूद - 31 अगस्त, 1994 को सेवानिवृत्त हुए, लेकिन उन्हें 1 जनवरी, 2006 से देय पेंशन बकाया का नोटेशनल निर्धारण नहीं मिला था। मामले का निपटारा किया गया और उन्हें 18,89,331 रुपये का बकाया प्राप्त हुआ।
- श्रीमती चंपा रौतेला, उम्र 84 वर्ष - दिवंगत पूर्व कांस्टेबल नारायण सिंह (बीएसएफ) की पत्नी, जिनका 26 फ़रवरी, 2014 को निधन हो गया था। उनके निधन के बाद से उन्हें कोई पारिवारिक पेंशन नहीं मिल रही थी। उनके मामले का अंततः निपटाया किया गया और उन्हें पारिवारिक पेंशन के रूप में 15 लाख रुपये मिले।
ये सफलता की कहानियां सिर्फ वित्तीय निपटान को ही नहीं, बल्कि पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के लिए गरिमा, न्याय और राहत की बहाली को भी दर्शाती हैं।
894 शिकायतें विभिन्न विभागों/मंत्रालयों से संबंधित थीं। इनमें से ज़्यादातर शिकायतें रक्षा, रेलवे और गृह मंत्रालय से संबंधित थीं। विभाग-वार विवरण इस प्रकार है:
क्र. सं.
|
मंत्रालय/विभाग
|
मामलों की संख्या
|
1.
|
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (आयकर)
|
5
|
2.
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पशुपालन, डेयरी विभाग
|
1
|
3.
|
वाणिज्य विभाग
|
2
|
4.
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रक्षा वित्त विभाग
|
76
|
5.
|
रक्षा उत्पादन विभाग
|
5
|
6.
|
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग
|
3
|
7.
|
पूर्व सैनिक कल्याण विभाग
|
250
|
8.
|
वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग)
|
128
|
9.
|
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
|
2
|
10.
|
सैन्य मामलों का विभाग
|
3
|
11.
|
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग
|
1
|
12.
|
डाक विभाग
|
1
|
13.
|
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
|
10
|
14.
|
नागर विमानन मंत्रालय
|
1
|
15.
|
कोयला मंत्रालय
|
1
|
16.
|
विदेश मंत्रालय
|
1
|
17.
|
गृह मंत्रालय (असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, दिल्ली पुलिस, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, जनगणना, स्वतंत्रता सेनानी प्रभाग सहित)
|
78
|
18.
|
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय
|
1
|
19.
|
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
|
1
|
20.
|
रेल मंत्रालय
|
11
|
21.
|
पीसीडीए(पी), प्रयागराज
|
313
|
|
कुल मामलों पर विचार किया गया
|
894
|
अब तक आयोजित पेंशन अदालतों का विहंगावलोकन करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने सूचित किया कि जून 2025 में आयोजित 13वीं पेंशन अदालत तक कुल 25,831 मामलों पर विचार किया गया, जिनमें से 18,481 मामलों का विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा सफलतापूर्वक समाधान किया गया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि पेंशन अदालतें केवल शिकायत निवारण मंच नहीं हैं, बल्कि न्याय प्रदान करने का एक तंत्र हैं, विशेष रूप से सबसे कमजोर लोगों - विधवाओं, अति वरिष्ठ नागरिकों और पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए।
उन्होंने हर विभाग/मंत्रालय में शिकायत सहायता डेस्क स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पेंशनभोगियों को लगे कि उनकी चिंताओं को शुरूआती चरण में ही सुना जा रहा है और भविष्य में देरी से बचने के लिए डिजिटल शिकायत निगरानी प्रणाली को मजबूत किया जा सके।
14वीं पेंशन अदालत ने यह दर्शाया कि सरकार सबसे पुराने और सबसे जटिल मामलों को भी हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। लाखों रुपये के बकाया का भुगतान सुनिश्चित करके और वर्षों से इंतज़ार कर रहे लोगों को न्याय दिलाकर अदालत ने व्यवस्था में विश्वास बहाल किया और पेंशनभोगियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को रेखांकित किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "निपटाया गया प्रत्येक मामला केवल धन के बारे में नहीं है, बल्कि उन लोगों के लिए गरिमा, आदर और न्याय के बारे में है जिन्होंने राष्ट्र की सेवा की या राष्ट्र की सेवा में अपने परिवारों का समर्थन किया।"




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