युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने डोपिंग रोधी विज्ञान में अत्याधुनिक अनुसंधान को समर्थन देने, कदाचार मुक्त खेल और वैज्ञानिक अखंडता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला
डॉ. मनसुख मांडविया ने एंटी-डोपिंग विश्लेषण के लिए स्वदेशी रासायनिक संदर्भ सामग्री का विमोचन किया
एनडीटीएल, नई दिल्ली और एनआईपीईआर गुवाहाटी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित नई संदर्भ सामग्री, आत्मनिर्भर भारत की भावना के अनुरूप है
केंद्रीय मंत्री ने एनडीटीएल की 22वीं शासी निकाय बैठक की अध्यक्षता की
Posted On:
04 SEP 2025 6:24PM by PIB Delhi
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल और श्रम तथा रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) में स्वदेशी रासायनिक संदर्भ सामग्री - मेथान्डिएनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (एलटीएम) का शुभारंभ किया। यह एक महत्वपूर्ण रासायनिक मानक है, जो सभी विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में डोपिंग रोधी विश्लेषण के लिए आवश्यक है।

एनडीटीएल, नई दिल्ली और राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर), गुवाहाटी द्वारा संयुक्त रूप से इस नए संदर्भ सामग्री (आरएम) का विकास, आत्मनिर्भर भारत की भावना के अनुरूप है और देश में एंटी-डोपिंग विज्ञान की उन्नति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
ज्ञान साझा करने के लिए संदर्भ सामग्री को विश्व भर में सभी डब्ल्यूएडीए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के साथ साझा किया जाएगा। एंटी-डोपिंग के उद्देश्य पूरा करने के लिए तथा कदाचार मुक्त खेल और वैज्ञानिक एकीकरण को बढ़ावा देने में भारत के योगदान के रूप में मान्यता दी जाएगी।

एनडीटीएल की 22 वीं शासी निकाय बैठक के दौरान डॉ. मांडविया ने संदर्भ सामग्री का विमोचन किया। इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री ने एनडीटीएल के न्यूज़लेटर के नवीनतम संस्करण भी जारी किया।, इसमें संस्था की हालिया वैज्ञानिक उपलब्धियों, रणनीतिक सहयोगों और वैश्विक डोपिंग रोधी प्रयासों में इसकी बढ़ती भूमिका का विवरण दिया गया है।

डॉ. मांडविया ने एंटी-डोपिंग विज्ञान में अत्याधुनिक अनुसंधान को समर्थन देने के लिए तैयार की गई बाह्य अनुदान नीतियों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। ये अनुदान शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और युवा अन्वेषकों को प्रतिबंधित पदार्थों के लिए आरएम के संश्लेषण, फार्माकोकाइनेटिक्स, अनुदैर्ध्य बायोमार्कर प्रोफाइलिंग और विश्लेषणात्मक विकास जैसे क्षेत्रों में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

डॉ. मांडविया ने एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई (एपीएमयू) के अंतर्गत प्रयोगशाला द्वारा संचालित गतिविधियों की प्रगति की भी समीक्षा की। इसका उद्घाटन इस वर्ष अप्रैल में एनडीटीएल में मंत्री महोदय ने किया था। उन्होंने पड़ोसी देशों से अधिक एथलीट जैविक पासपोर्ट प्राप्त करने और आने वाले दिनों में भारत को इसके केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए इस कार्यक्रम के अंतर्गत कार्य का विस्तार करने का सुझाव दिया।

इसके अतिरिक्त, डोपिंग नियंत्रण अनुसंधान, प्रयोगशाला उत्कृष्टता और सार्वजनिक शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित करने के लिए वैज्ञानिक मान्यता और पुरस्कारों का एक नया ढांचा पेश किया गया। इन पहलों का उद्देश्य नवाचार, अखंडता और सहयोग के एक जीवंत इको-सिस्टम को बढ़ावा देना है।
आज स्वदेशी संदर्भ सामग्री का लोकार्पण, खेल विज्ञान के क्षेत्र में एनडीटीएल द्वारा किए जा रहे सुधारों की श्रृंखला में एक और सराहनीय कदम है। जैसा कि डॉ. मांडविया ने पहले भी जोर देकर कहा था, यह कदम इसे 'वैश्विक दक्षिण के लिए समर्थन के प्रकाश स्तंभ' के रूप में स्थापित करता है। यह विश्व मंच पर भारत के लिए एक और उपलब्धि का प्रतीक है और साथ ही राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय दोनों मंचों पर पारदर्शी खेल तौर-तरीकों को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
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