स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदम


एनएचएम ग्रामीण और शहरी मिशनों के माध्यम से समान, सस्ती, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करता है। यह स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने, आरएमएनसीएच+ए और रोग नियंत्रण पर केंद्रित है

30 जून 2025 तक ग्रामीण और शहरी भारत में 12 सेवा पैकेजों के अंतर्गत मुफ्त, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एसएचसी और पीएचसी को अपग्रेड करके 1,77,906 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का संचालन किया गया है

64,180 करोड़ रुपये (2021-26) के परिव्यय के साथ, पीएम-एबीएचआईएम का उद्देश्य पूरे भारत में एएएम, बीपीएचयू, आईपीएचएल और सीसीबी के विकास के माध्यम से स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और महामारी की तैयारी को बढ़ावा देना है

एबी पीएम-जेएवाई 12 करोड़ वंचित परिवारों को सालाना ₹5 लाख का स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है और अक्टूबर 2024 से सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना वय वंदना कार्ड के माध्यम से 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ प्रदान करता है

2021 में शुरू किया गया आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड के साथ एक एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा तैयार करता है, इससे सभी स्वास्थ्य सेवा स्तरों पर निर्बाध देखभाल संभव हो पाती है

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, टेरीटरी देखभाल और चिकित्सा शिक्षा को बढ़ाने के लिए 22 नए एम्स की स्थापना और 75 सरकारी मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड करके क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवा अंतराल को दूर करती है

2014 से मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 780 हो गई है, यूजी सीटें 51,348 से बढ़कर 1,15,900 हो गई हैं, और पीजी सीटें 31,185 से बढ़कर 74,306 हो गई हैं

Posted On: 08 AUG 2025 4:51PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने सभी नागरिकों को सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का उद्देश्य लोगों की आवश्यकताओं के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी, न्यायसंगत, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना है। एनएचएम के दो उप-मिशन हैं: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम)। इसके मुख्य कार्यक्रम घटकों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य प्रणाली का सुदृढ़ीकरण, प्रजनन-मातृ-नवजात-शिशु एवं किशोर स्वास्थ्य (आरएमएनसीएच+ए), स्वास्थ्य प्रणालियों का सुदृढ़ीकरण, और संचारी एवं गैर-संचारी रोग शामिल हैं।

फरवरी 2018 में भारत सरकार ने दिसंबर 2022 तक देश भर में 1,50,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम), पूर्व में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) की स्थापना की घोषणा की। 30 जून 2025 तक कुल 1,77,906 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित और संचालित किए जा चुके हैं । ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मौजूदा उप-स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को परिवर्तित करके व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तारित श्रृंखला प्रदान करने के लिए सेवाओं के पूरे 12 पैकेज के साथ जिसमें निवारक, प्रोत्साहक, उपचारात्मक, उपशामक और पुनर्वास सेवाएं शामिल हैं । जो सार्वभौमिक, मुफ्त और समुदाय के करीब हैं।

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) कुछ केंद्रीय क्षेत्र घटकों (सीएस) वाली एक केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) है। इसकी योजना अवधि (2021-22 से 2025-26) के लिए 64,180 करोड़ रुपये का परिव्यय है। पीएम-एबीएचआईएम के अंतर्गत किए गए उपाय, सभी स्तरों - प्राथमिक, माध्यमिक और टेरीटरी - पर स्वास्थ्य देखभाल की निरंतरता में स्वास्थ्य प्रणालियों और संस्थानों की क्षमता विकसित करने पर केंद्रित हैं ताकि स्वास्थ्य प्रणालियों को वर्तमान और भविष्य की महामारियों/आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वित्त वर्ष 2021-26 के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। 10609 भवनविहीन-एएएम, 5456 शहरी-एएएम, 2151 ब्लॉक जन स्वास्थ्य इकाइयों (बीपीएचयू), जिला स्तर पर 744 एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) और 621 गहन चिकित्सा देखभाल ब्लॉकों (सीसीबी) के निर्माण/सुदृढ़ीकरण के लिए 33,081.82 करोड़ रुपये।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) सरकार की एक प्रमुख योजना है । यह भारत की आर्थिक रूप से कमजोर 40 प्रतिशत आबादी वाले 12 करोड़ परिवारों को द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। 29.10.2024 को इस योजना का विस्तार 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को वय वंदना कार्ड के माध्यम से उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना कवर करने के लिए किया गया। वो 4.5 करोड़ परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विभिन्न डिजिटल पहल शुरू की हैं। इनमें से एक प्रमुख पहल आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) है, जिसे सितंबर 2021 में शुरू किया गया था। ABDM का उद्देश्य स्वास्थ्य इकोसिस्टम के भीतर स्वास्थ्य डेटा की अंतर-पारस्परिकता को सक्षम करने वाला एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म बनाना है। इस मिशन का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक का इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (EHR) तैयार करना है। ABDM देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को समर्थन देने के लिए आवश्यक आधार विकसित करने की परिकल्पना करता है। मिशन के मुख्य घटकों में नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA), स्वास्थ्य पेशेवर रजिस्ट्री (HPR), स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री (HFR), और ABHA एप्लिकेशन शामिल हैं। ABDM द्वारा निर्मित डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं में निर्बाध रूप से देखभाल की निरंतरता का समर्थन करता है।

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) का उद्देश्य किफायती तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना और देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं को बढ़ाना है। इस योजना के दो घटक हैं । (i) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना, (ii) मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों (जीएमसीआई) का उन्नयन। अब तक इस योजना के अंतर्गत विभिन्न चरणों में 22 नए एम्स की स्थापना और जीएमसीआई के उन्नयन की 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।

सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) सीटों की संख्या में वृद्धि की है। 2014 से अब तक मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 780, स्नातक (यूजी) सीटें 51,348 से बढ़कर 1,15,900 और स्नातकोत्तर (पीजी) सीटें 31,185 से बढ़कर 74,306 हो गई हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/केसी/एसके


(Release ID: 2154389)
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