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केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर भारत की हथकरघा बुनाई उत्कृष्टता को सम्मानित किया


वस्त्र क्षेत्र अब देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र बनकर उभरा है: श्री गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री ने डिजाइनरों और बुनकरों से देश भर के युवाओं को आकर्षित करने वाले समकालीन हथकरघा उत्पाद बनाने में सहयोग करने का आग्रह किया

Posted On: 07 AUG 2025 6:14PM by PIB Delhi

केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्ली में 11 वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन किया और प्रतिष्ठित हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए। विदेश एवं वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्रीमती निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया, संसद सदस्य श्रीमती कंगना रनौत, सचिव वस्त्र, श्रीमती नीलम शमी राव, अतिरिक्त सचिव, वस्त्र, श्री रोहित कंसल, डीसी हथकरघा डॉ. एम बीना, विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के संसद सदस्य और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। विदेशी खरीदार, प्रतिष्ठित हस्तियां, निर्यातक और देश भर के लगभग 650 बुनकर इस समारोह में शामिल हुए। समारोह का मुख्य आकर्षण 24 उत्कृष्ट मास्टर बुनकरों को प्रतिष्ठित संत कबीर और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान करना था, जिनमें छह महिलाएं और एक दिव्यांग कारीगर शामिल थे, जो भारत की बुनाई परंपराओं के संरक्षण, नवाचार और उत्कृष्टता में उनके योगदान के लिए दिए गए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने भारत के आर्थिक परिदृश्य में वस्त्र क्षेत्र के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह अब देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र बनकर उभरा है। उन्होंने सभी राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई दी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को दोहराते हुए, केंद्रीय मंत्री ने हथकरघा क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने और बुनकरों और लघु उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए मुद्रा योजना जैसी योजनाओं का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उत्पाद विविधीकरण, रेमी और लिनेन जैसे प्राकृतिक रेशों को बढ़ावा देने और विशेष रूप से देश भर के 797 हथकरघा समूहों के माध्यम से दूसरी पीढ़ी के हथकरघा उद्यमियों को सहयोग देने पर जोर दिया।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ब्लॉक चेन जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से स्वदेशी डिजाइनों की सुरक्षा की दिशा में काम कर रही है, जिससे भारतीय बुनकरों और डिजाइनरों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। श्री गिरिराज सिंह ने युवा पीढ़ी से हथकरघा उद्योग से सक्रिय रूप से जुड़ने का आग्रह किया और डिज़ाइनरों व बुनकरों से देश भर के युवाओं को आकर्षित करने वाले समकालीन हथकरघा उत्पाद बनाने में सहयोग करने का आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री ने नागरिकों से भारतीय शिल्प कौशल की समृद्ध परंपरा का समर्थन करते हुए, सप्ताह में कम से कम एक बार हथकरघा पहनने की अपील की।

वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा ने कहा कि यह राष्ट्रीय हथकरघा दिवस स्वदेशी आंदोलन के प्रति श्रद्धांजलि है और हाथ से बुने कपड़े प्रतिरोध, गौरव और पहचान का प्रतीक बन गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री का "वोकल फॉर लोकल" और "लोकल फॉर ग्लोबल" का दृष्टिकोण एक जीवंत वास्तविकता बन रहा है और केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह के मार्गदर्शन में, वस्त्र मंत्रालय हथकरघा क्षेत्र में विकास और नवाचार के नए युग की शुरुआत कर रहा है। श्री पबित्रा मार्गेरिटा ने हैंडलूम मार्क और इंडिया हैंडलूम ब्रांड जैसी पहलों पर प्रकाश डाला, जो भारतीय हथकरघा कपड़ों को स्थिरता के वैश्विक प्रतीकों में बदल रही हैं।

कार्यक्रम के बाद, गणमान्य व्यक्तियों को पुरस्कार प्राप्त हथकरघा प्रदर्शनों की एक विशेष प्रदर्शनी यात्रा कराई गई, जिसमें भारतीय बुनाई की विविध कलात्मकता और क्षेत्रीय समृद्धि को प्रदर्शित किया गया।

समारोह में ये भी शामिल थे:

  • निफ्ट मुंबई द्वारा हथकरघा उत्कृष्टता पर एक कॉफी टेबल बुक का अनावरण
  • पुरस्कार विजेता हथकरघा उत्पादों की एक विशेष प्रदर्शनी
  • हथकरघा योजनाओं पर एक सुविधा डेस्क
  • "वस्त्र वेद - भारत की हथकरघा विरासत" शीर्षक से एक फैशन शो
  • हथकरघा पर विशेष रूप से तैयार की गई फिल्मों का शुभारंभ

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के बारे में

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है, ताकि 1905 में शुरू हुए स्वदेशी आंदोलन की स्मृति को चिरस्थायी बनाया जा सके। इस आंदोलन ने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित किया और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दिया। पहले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में चेन्नई में किया था।

हथकरघा क्षेत्र पूरे भारत में 35 लाख से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देता है, जिनमें से 70% से ज़्यादा महिलाएँ हैं। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है।

इस वर्ष के समारोह में देश भर से बुनकर, कारीगर, डिजाइनर, आईआईएचटी और एनआईएफटी के छात्र, हैंडलूम हैकाथॉन विजेता, निर्यातक, विदेशी खरीदार, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और अन्य हितधारक एक साथ आए, जिससे भारत की विरासत और भविष्य के निर्माण में इस क्षेत्र की भूमिका की पुष्टि हुई।

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पीके/केसी/जीके


(Release ID: 2153905)