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दूरसंचार वाणिज्यिक संचार उपभोक्ता वरीयता विनियम, 2018 अवांछित वाणिज्यिक संचार या स्पैम से संबंधित है

Posted On: 07 AUG 2025 3:21PM by PIB Delhi

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के विनियम, अर्थात् दूरसंचार वाणिज्यिक संचार उपभोक्ता वरीयता विनियम, 2018 (टीसीसीसीपीआर-2018), अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) या स्पैम से संबंधित हैं। टीसीसीसीपीआर-2018 में निम्नलिखित प्रावधान हैं:

  1. वाणिज्यिक संचार के लिए प्राथमिकताएं दर्ज करना, जहां दूरसंचार उपभोक्ता सभी वाणिज्यिक संचारों को अवरुद्ध करने का विकल्प चुन सकता है या प्राथमिकता श्रेणियों के अनुसार चुनिंदा वाणिज्यिक संचारों को अवरुद्ध कर सकता है और मोबाइल ऐप के माध्यम से यूसीसी भेजने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकता है, शॉर्ट कोड 1909 पर एसएमएस भेज सकता है और 1909 पर कॉल कर सकता है।
  2. टीसीसीसीपीआर-2018 के उल्लंघन के लिए पंजीकृत संस्थाओं और टेलीमार्केटर्स को ब्लैकलिस्ट करना।
  3. अपंजीकृत टेलीमार्केटर (यूटीएम) के विरुद्ध कार्रवाई जैसे चेतावनी देना, उपयोग सीमा के अंतर्गत रखना या बार-बार उल्लंघन करने पर कनेक्शन काट देना।
  4. यूसीसी पर अंकुश लगाने में विफल रहने पर एक्सेस सेवा प्रदाताओं के विरुद्ध वित्तीय निरुत्साहन (एफडी)।

इसके अलावा, ट्राई ने 12.02.2025 को टीसीसीसीपीआर-2018 में संशोधन किया है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रावधान हैं:

  1. अब ग्राहक स्पैम प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर यूसीसी के बारे में शिकायत कर सकता है, जबकि पहले यह समय सीमा 3 दिन थी।
  2. अपंजीकृत प्रेषकों से प्राप्त यूसीसी के विरुद्ध एक्सेस प्रदाताओं द्वारा कार्रवाई करने की समय-सीमा 30 दिन से घटाकर 5 दिन कर दी गई है।
  3. यूसीसी भेजने वालों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए, उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के मानदंडों को संशोधित किया गया है तथा उन्हें अधिक कठोर बनाया गया है।

टीसीसीसीपीआर-2018 विनियम प्रत्येक एक्सेस सेवा प्रदाता को उपभोक्ता जागरूकता के लिए काम करने का आदेश देते हैं, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. वरीयताओं को पंजीकृत करने, सहमति को पंजीकृत करने और रद्द करने की प्रक्रिया।
  2. शिकायत करना, जानकारी प्रदान करना या यूसीसी की रिपोर्ट करना।
  3. उपभोक्ताओं को यूसीसी में शामिल न होने के बारे में जानकारी देना तथा उल्लंघन की स्थिति में दूरसंचार संसाधनों को बंद करने जैसी कार्रवाई करना।

यह जानकारी संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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पीके/ एके / केसी/ एनकेएस

 


(Release ID: 2153795)
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