रेल मंत्रालय
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ट्रेनों में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता बेहतर करने के लिए आईआरसीटीसी द्वारा सटीक निगरानी प्रणालियाँ और अनुपालन उपाय लागू किए गए हैं: अश्विनी वैष्णव


भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क में प्रतिदिन 16.5 लाख भोजन परोसता है, जबकि आईआरसीटीसी ने शिकायतों पर पिछले वित्तीय वर्ष में 13.2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है

बेहतर आईआरसीटीसी भोजन सेवाओं के लिए 1695 होटल प्रबंधन स्नातक, बेस किचन और ऑन-बोर्ड कैटरिंग की देखरेख और निगरानी कर रहे हैं

Posted On: 06 AUG 2025 7:02PM by PIB Delhi

ट्रेनों में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता में सुधार लाने के मकसद से, रेल मंत्रालय ने 2023 के वाणिज्यिक परिपत्र संख्या 24 के माध्यम से निर्देश जारी किए हैं। इसमें किसी एक ट्रेन के स्थान पर, ट्रेनों के समूहों के लिए अनुबंध प्रदान करने की बात कही गई है। बुनियादी ढाँचे के विकास और ट्रेन में भोजन उत्पादन और सेवाओं की संपूर्ण जवाबदेही तय करने पर ज़ोर दिया गया है।

आईआरसीटीसी ने मौजूदा नीति दिशानिर्देशों के ढांचे के तहत, ट्रेनों में भोजन की आपूर्ति के लिए बेस किचन शुरू करने हेतु, स्थानों की पहचान के साथ-साथ रूट-वार ट्रेनों के समूह बनाए हैं। निविदा दस्तावेजों में निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार, आईआरसीटीसी द्वारा पारदर्शी प्रक्रिया के ज़रिए, उच्चतम बोली लगाने वालों को ट्रेनों के समूहों के अनुबंध प्रदान किए गए हैं। ठेकेदारों द्वारा निविदा शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करने और किसी भी ठेकेदार को किसी भी अनैतिक व्यवहार या अनुचित लाभ मिलने से रोकने के लिए, आईआरसीटीसी द्वारा मजबूत निगरानी प्रणाली और अनुपालन उपाय लागू किए गए हैं।

आईआरसीटीसी द्वारा जारी ट्रेनों के समूहों के लिए निविदाओं में, कुल 24 बोलीदाताओं ने भाग लिया, जिनमें से 20 संस्थाओं को आईआरसीटीसी ने अनुबंध प्रदान किए हैं। निविदा शर्तों के विपरीत आईआरसीटीसी ने कोई भी अनुबंध नहीं दिया है। विभिन्न सेवा प्रदाताओं को जारी किए गए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) का विवरण आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। आज तक किसी भी सफल बोलीदाता को क्लस्टर ए के 80% अनुबंध नहीं मिले हैं।

रेलवे द्वारा विभिन्न स्तरों पर हितधारकों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, केटरिंग संघों, व्यक्तियों आदि से प्रस्तुतिकरण, सुझाव, शिकायतें आदि प्राप्त करना एक सतत् प्रक्रिया है। इन शिकायतों की गुण-दोष के आधार पर जाँच की जाती है और उसी के मुताबिक ज़रुरी कार्रवाई की जाती है। वर्ष 2024-25 में, आईआरसीटीसी को प्राप्त शिकायतों पर 13.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा, रेलमदद पोर्टल पर शिकायतों की निरंतर निगरानी भी की जाती है।

भारतीय रेल नेटवर्क पर रोज़ाना औसतन 16.5 लाख भोजन परोसा जाता है। भारतीय रेल की कोशिश है कि मुसाफिरों को इतनी बड़ी मात्रा में भी भोजन की सुचारू और निर्बाध सेवाएँ मिल सकें। यात्रियों को दी जाने वाली समग्र सेवाओं में सुधार के लिए समय-समय पर आवश्यक उपाय किए जाते हैं।

सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए, परिपत्र में कई प्रावधान किए गए हैं, जिनमें खानपान सेवाओं के प्रबंधन के लिए तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों की योग्यता और प्रशिक्षण संबंधी निर्देश शामिल हैं। इन सेवाओं की देखरेख और निगरानी के लिए होटल प्रबंधन स्नातकों को तैनात करना ज़रुरी किया गया है। इसी प्रकार, आईआरसीटीसी/ठेकेदारों द्वारा डिग्री/डिप्लोमा हॉस्पिटैलिटी मॉनिटर नियुक्त किए जाते हैं: रसोई संचालन की निगरानी के लिए विभिन्न रसोई घरों में 819 और ट्रेनों में ऑन-बोर्ड खानपान सेवाओं की निगरानी के लिए 876 तैनात किए जाते हैं।

यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एनएस/डीए


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