वित्‍त मंत्रालय
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वित्तीय समावेश को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किए गए हैं; 2014 से अब तक 55.90 करोड़ से ज्यादा जन धन खाते खोले गए


मुद्रा योजना की शुरुआत से अब तक, 35.13 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा मूल्य के लगभग 54 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं

ऋण मूल्यांकन को मजबूत करने और औपचारिक ऋण तक पहुँच बढ़ाने के लिए, सरकार तकनीक और वैकल्पिक आंकड़ों का लाभ उठा रही है

Posted On: 04 AUG 2025 6:17PM by PIB Delhi

सरकार ने वित्तीय समावेश को मजबूत बनाने और प्राथमिक बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच से औपचारिक वित्तीय प्रणाली में सार्थक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैंजिसमें ऋण तक पहुँच भी शामिल है। अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत से बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया इसके तहत प्राथमिक बचत बैंक जमा खाते खोलने की सुविधा प्रदान की गई तथा इसमें रुपे डेबिट कार्ड और अंतर्निहित ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएँ भी प्रदान की गयी। आज तकपीएमजेडीवाई के तहत 55.90 करोड़ से ज़्यादा खाते खोले जा चुके हैं।

सरकार नेअन्य बातों के साथ-साथयह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं कि ऋण समावेश, जमा समावेश का पूरक हो तथा वित्तपोषण की सुविधा से वंचित लोगों को वित्तपोषित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) शुरू की गई, जो सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बिना किसी जमानत के 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती हैजिससे स्वरोजगार और आय सृजन संभव हो पाता है। अपनी शुरुआत से अब तकइस योजना के तहत 35.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि के कुल 53.85 करोड़ ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं।

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियोंरेहड़ी-पटरी वालोंकारीगरों और अन्य सूक्ष्म उद्यमों के लिए ऋण पहुँच का विस्तार करने हेतु स्टैंड-अप इंडिया (एसयूपीआई)प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि)प्रधानमंत्री विश्वकर्मा और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) जैसी समर्पित योजनाएँ लागू की गई हैं।

ऋण गारंटी व्यवस्था: इसमें सूक्ष्म इकाइयों के लिए ऋण गारंटी कोष (सीजीएफएमयूऔर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी कोष ट्रस्ट (सीजीटीएमएसईशामिल हैंजो ऋणदाताओं के लिए ऋण जोखिम को कम करते हैं और वंचित वर्गों को औपचारिक ऋण देने के लिए प्रोत्साहन देते हैं।

पारंपरिक ऋण इतिहास से वंचित व्यक्तियों के लिए ऋण मूल्यांकन व्यवस्था को मजबूत करने हेतुसरकार प्रौद्योगिकी और वैकल्पिक डेटा स्रोतों का लाभ उठा रही है:

स्वयं सहायता समूह (एसएचजीउधार लेने वालों और किसानों एवं वंचित समुदायों सहित ग्रामीण आबादी के ऋण मूल्यांकन में सहायता के लिए एक ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की घोषणा की गई है। इस पहल से ऋण निर्णयों की गुणवत्ता और निष्पक्षता में वृद्धि होने और ग्रामीण क्षेत्रों में औपचारिक ऋण तक बेहतर पहुँच की सुविधा मिलने की उम्मीद है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा एमएसएमई की नयी डिजिटल ऋण मूल्यांकन व्यवस्था, तेज़ और अधिक सटीक ऋण मूल्यांकन को सक्षम करने के लिए आयकर रिटर्नजीएसटी अनुपालन और उपयोगिता भुगतानों से जुड़े एकीकृत डेटा का उपयोग करती है।

जन समर्थ पोर्टल एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म हैजो ऋण चाहने वालों को पात्र सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए शुरू किया गया हैजिससे पारदर्शिता बढ़ेगीप्रसंस्करण समय कम होगा और पहुँच में सुधार होगा।

इसके अलावाभारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआईने प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएललक्ष्यों को अनिवार्य किया है ताकि कृषिसूक्ष्म एवं लघु उद्यमोंकमजोर वर्गों और अर्थव्यवस्था के अन्य वंचित हिस्सों जैसे क्षेत्रों में ऋण प्रवाह सुनिश्चित हो सके। इन समन्वित प्रयासों के माध्यम सेसरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय समावेश केवल बैंक खातों तक पहुँच से आगे बढ़कर समय पर और किफायती ऋण तक समान पहुँच को शामिल करेताकि समावेशी विकास को बढ़ावा मिले।

यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

 

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(Release ID: 2152344)
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