कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे का भुगतान
Posted On:
01 AUG 2025 4:33PM by PIB Delhi
2016 में अपनी शुरुआत से लेकर 2024-25 तक, 30 जून 2025 तक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 78.407 करोड़ किसान आवेदनों का बीमा किया जा चुका है। इन आवेदनों में से, 22.667 करोड़ किसानों को इसी अवधि में कुल 1.83 लाख करोड़ रुपये का क्लेम मिला।
सरकार ने इस योजना के कार्यान्वयन को मजबूत करने, पारदर्शिता लाने और क्लेम के समय पर निपटान के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जैसे:
- सब्सिडी भुगतान, समन्वय, पारदर्शिता, सूचना का प्रसार और किसानों के सीधे ऑनलाइन नामांकन सहित सेवाओं की डिलीवरी, बेहतर निगरानी के लिए व्यक्तिगत बीमित किसानों के विवरण अपलोड करना/प्राप्त करना और किसान के बैंक खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप से क्लेम की राशि का हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए डेटा के एकल स्रोत के रूप में राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एनसीआईपी) का विकास।
- क्लेम संवितरण प्रक्रिया की कड़ी निगरानी के लिए, खरीफ 2022 से क्लेम के भुगतान हेतु 'डिजिक्लेम मॉड्यूल' नामक एक समर्पित मॉड्यूल शुरू किया गया है। इसमें राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एनसीआईपी) को सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) और बीमा कंपनियों की लेखा प्रणाली के साथ एकीकृत किया गया है।
- प्रीमियम सब्सिडी में केन्द्र सरकार के हिस्से को राज्य सरकारों के हिस्से से अलग कर दिया गया है, ताकि किसानों को केन्द्र सरकार के हिस्से से संबंधित यथोचित क्लेम मिल सकें।
- योजना के प्रावधानों के अनुसार, संबंधित राज्य सरकार द्वारा अपने प्रीमियम हिस्से को अग्रिम रूप से जमा करने के लिए एस्क्रो खाता खोलना खरीफ 2025 सीजन से अनिवार्य कर दिया गया है।
- इसके अलावा, योजना के कार्यान्वयन में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में, सीसीई-एग्री ऐप के माध्यम से उपज डेटा/फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) डेटा को कैप्चर करना और इसे एनसीआईपी पर अपलोड करना, बीमा कंपनियों को सीसीई के संचालन को देखने की सुविधा देना, एनसीआईपी के साथ राज्य भूमि रिकॉर्ड को एकीकृत करना आदि जैसे विभिन्न कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं ताकि किसानों के क्लेम का समय पर निपटान हो सके।
- बीमा कंपनी द्वारा क्लेम के भुगतान में देरी पर 12 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एनसीआईपी) पर स्वतः परिकलित किया जाता है।
किसानों, विशेषकर गैर-ऋणी किसानों का कवरेज बढ़ाने और फसल बीमा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों बीमा कंपनियों को शामिल किया गया है ताकि किसानों को प्रतिस्पर्धी दरों पर सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान की जा सकें। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण, बीमांकिक/बोली प्रीमियम दरों में भी कमी आई है। पूर्ववर्ती फसल बीमा योजनाओं की तुलना में, किसान आवेदनों का कवरेज 2014-15 के 371 लाख से बढ़कर 2024-25 में 1510 लाख हो गया है। गैर-ऋणी किसानों के आवेदनों की संख्या भी 2014-15 के 20 लाख के आंकड़े से बढ़कर 2024-25 में 522 लाख हो गई है।
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2151653)