ग्रामीण विकास मंत्रालय
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प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत आवासों का निर्माण

Posted On: 01 AUG 2025 3:32PM by PIB Delhi

ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों में "सभी के लिए आवास" के उद्देश्य को हासिल करने के लिए 1 अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) का कार्यान्वयन कर रहा है, जिसका उद्देश्य पात्र ग्रामीण परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के मकानों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करना है।

पीएमएवाई-जी के तहत, प्रारंभिक लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2023-24 तक 2.95 करोड़ मकानों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करना था। भारत सरकार ने 2 करोड़ अतिरिक्त मकानों के निर्माण हेतु सहायता प्रदान करने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक इस योजना के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी है। पीएमएवाई-जी के तहत लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 डेटाबेस और अंतिम आवास+ सर्वेक्षण सूची के तहत आवास अभाव मानदंडों के आधार पर की जाती है।

भारत सरकार ने अप्रैल, 2024 से मार्च, 2029 तक बुनियादी सुविधाओं के साथ 2 करोड़ पक्के मकानों की समग्र सीमा के भीतर सहायता प्रदान करके आवास+ (2018) सूची (अद्यतन के बाद) को पूरा करने और एसईसीसी 2011 स्थायी प्रतीक्षा सूची (पीडब्ल्यूएल) में शेष पात्र परिवारों को रखने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को जारी रखने की मंजूरी दे दी है।

पीएमएवाई-जी के तहत, 29 जुलाई 2025 तक, मंत्रालय ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को 4.12 करोड़ मकानों का संचयी लक्ष्य (चरण I + चरण II) आवंटित किया है, जिसकी तुलना में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने 3.84 करोड़ लाभार्थियों को मंजूरी दी है और 2.81 करोड़ मकान पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं।

लाभार्थियों को किश्तें जारी करना, निर्माण के पूर्व-निर्धारित चरण के पूरा होने और उस चरण की समय एवं दिनांक के साथ जियो-टैग की गई तस्वीर को "आवासऐप" के माध्यम से "आवाससॉफ्ट" पर अपलोड करने पर निर्भर करता है। पीएमएवाई-जी के तहत, मकानों के निर्माण के प्रत्येक चरण में समय और दिनांक के साथ जियो-टैग की गई तस्वीरें अपलोड करना अनिवार्य है, जिसमें मकानों की मंजूरी से पहले 'मौजूदा स्थल' और 'प्रस्तावित स्थल' की जियो-टैगिंग भी शामिल है। मंत्रालय का "आवासऐप" मोबाइल एप्लिकेशन इसकी सुविधा प्रदान करता है। 29 जुलाई, 2025 तक, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) योजना के तहत लाभार्थियों को मकान स्वीकृत करने से पहले 3.84 करोड़ मकानों की साइटों की जियो-टैगिग की जा चुकी है। 

यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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