पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए उठाए गए कदम
Posted On:
31 JUL 2025 3:15PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदारी निभाने वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में 16,207 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया है। 01.04.2025 तक, 69,342 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल 777 किलोमीटर लंबाई की 12 रेलवे परियोजनाओं (08 नई लाइन और 04 दोहरीकरण) को रेल मंत्रालय द्वारा मंजूरी दी गई है। यह आंशिक और पूरी तरह से पूर्वोत्तर क्षेत्र में आती हैं, इनमें से 278 किमी चालू हो गई हैं और मार्च 2025 तक 41,676 करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत, पूर्वोत्तर क्षेत्र में 89,436 किलोमीटर के 17,637 सड़क कार्य और 2398 पुलों को मंजूरी दी गई है पूर्वोत्तर क्षेत्र के दूरदराज और ग्रामीण गांवों में उच्च बैंडविड्थ क्षमता वाली इंटरनेट/ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और मोबाइल सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) से वित्त पोषण के साथ कई कदम और परियोजनाएं शुरू की गई हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारतनेट परियोजना के तहत 6355 ग्राम पंचायतों को सेवा मुहैया कराई गई है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सरकारी वित्त पोषित मोबाइल परियोजनाओं के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में 3297 मोबाइल टावर चालू किए गए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश में बिना सेवा वाले और कम सेवा वाले हवाई अड्डों से क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ाने और आम लोगों के लिए यात्रा को सस्ता बनाने के लिए क्षेत्रीय संपर्क योजना - उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना शुरू की थी। क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में कुल 90 मार्गों का संचालन किया गया है
इसके अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) आठ पूर्वोत्तर राज्यों को बुनियादी ढांचे के विकास, संपर्कता, संचार आदि से जुड़ी विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है। यह वित्तीय सहायता एनईएसआईडीएस (सड़कें), एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई), पीएम-डिवाइन, पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की योजनाओं और विशेष विकास पैकेजों (एसडीपी) की पांच केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं के तहत उपलब्ध है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) को केंद्रीय बजट 2022-23 में 100 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण के साथ एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में घोषित किया गया था और 12 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 2022-23 से 2025-26 तक की 4 साल की अवधि के लिए 6,600 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया था। पीएम-देवाइन योजना का उद्देश्य पीएम गतिशक्ति की भावना के अनुरूप, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को एकीकृत रूप से वित्तपोषित करना, पूर्वोत्तर क्षेत्र की आवश्यकताओं के आधार पर सामाजिक विकास परियोजनाओं को समर्थन प्रदान करना, युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधियों को सक्षम बनाना और विभिन्न क्षेत्रों में विकास सम्बंधी कमियों को दूर करना है।
पर्यटन स्थलों का विकास और संवर्धन मुख्य रूप से सम्बंधित राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन द्वारा किया जाता है। हालांकि, पर्यटन मंत्रालय अपनी केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं 'स्वदेश दर्शन (एसडी)', स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0)', 'पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई)', 'चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)' - स्वदेश दर्शन की एक उप-योजना और 'तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)' के माध्यम से, अन्य बातों के साथ-साथ, पूर्वोत्तर राज्यों सहित, राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान करके पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के प्रयासों को पूरा करता है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय अपनी केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए आठ पूर्वोत्तर राज्यों को वित्त पोषण भी प्रदान करता है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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(Release ID: 2150766)