रक्षा मंत्रालय
आईएनएस सतपुड़ा सिम्बेक्स-25 में भाग लेने के लिए सिंगापुर पहुंचा
इसका उद्देश्य भारत-सिंगापुर समुद्री सहयोग को मजबूत करना है
Posted On:
30 JUL 2025 5:30PM by PIB Delhi
नौसेना का पोत सतपुड़ा सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (सिमबेक्स-25) के 32वें संस्करण में भाग लेने के लिए सिंगापुर पहुंच गया है, जो भारतीय नौसेना और सिंगापुर गणराज्य की नौसेना (आरएसएन) के बीच मजबूत और स्थायी समुद्री भागीदारी में एक और अध्याय जोड़ता है।
यह अभ्यास, जो दोनों देशों के बीच गहरे नौसैनिक सहयोग का प्रतीक है, हार्बर चरण से शुरू हुआ, जिसमें सब्जेक्ट मैटर विशेषज्ञों का आदान-प्रदान (एसएमईई) , पेशेवर बातचीत और परिचालन-स्तरीय चर्चाएं शामिल हैं। इनका उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना, सिद्धांतों को संरेखित करना और भाग लेने वाले जहाजों - आरएसएन विजिलेंट और आरएसएन सुप्रीम - पर डेक परिचयात्मक दौरे आयोजित करना है।
ये गतिविधियां भारत के 'महासागर' विजन और एक्ट ईस्ट नीति के अनुरूप दोनों नौसेनाओं के बीच बढ़ते पेशेवर तालमेल और रणनीतिक विश्वास की पुनः पुष्टि करती हैं, जो पड़ोसी देशों के साथ मजबूत जुड़ाव पर जोर देती है।
सिम्बेक्स-25 के दूसरे दिन एक आधिकारिक उद्घाटन समारोह होगा, जिसके बाद एक प्री-सेल सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन के दौरान भाग लेने वाली नौसेना की टुकड़ियां अभ्यास के आगामी समुद्री चरण पर चर्चा करेंगी।
सिम्बेक्स-25 का समुद्री चरण - द्विपक्षीय समुद्री जुड़ाव की आधारशिला – उन्नत नौसैनिक अभियानों की एक विस्तृत श्रृंखला के प्रदर्शन का गवाह बनेगा। इनमें वायु रक्षा अभ्यास, क्रॉस-डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशन, सतह और हवाई प्लेटफार्मों से सटीक निशाना लगाना, जटिल युद्धाभ्यास अभ्यास, विजिट, बोर्ड, खोज और ज़ब्ती (वीबीएसएस) अभियान शामिल हैं। इन अभ्यासों का उद्देश्य अंतर-संचालनीयता और परिचालन समन्वय को बढ़ाना है, जबकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना है।
सिम्बेक्स भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत नौसैनिक संबंधों का एक प्रमाण है, जो आपसी सम्मान, व्यावसायिकता और एक सुरक्षित एवं नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था के लिए एक साझा विजन को प्रदर्शित करता है।
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