रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
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प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत, 30 जून 2025 तक कुल 16,912 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं; मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य है


इस योजना के अंतर्गत 2,110 दवाइयां और 315 शल्य चिकित्सा उपकरण, चिकित्सा उपभोग्य वस्तुएं और उपकरण शामिल हैं

Posted On: 29 JUL 2025 5:06PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत 30.6.2025 तक कुल 16,912 जन औषधि केंद्र (जेएके) खोले जा चुके हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशवार खोले गए जेएके की संख्या अनुलग्नक में दी गई है।

इस योजना के अंतर्गत 2,110 दवाइयाँ और 315 शल्य चिकित्सा, चिकित्सा उपभोग्य वस्तुएं और उपकरण शामिल हैं, जिनमें सभी प्रमुख चिकित्सीय समूह शामिल हैं, जैसे हृदय रोग, कैंसर-रोधी, मधुमेह-रोधी, संक्रमण-रोधी, एलर्जी-रोधी और जठरांत्र संबंधी दवाइयां और न्यूट्रास्युटिकल्स। प्रयोगशाला अभिकर्मकों और टीकों को छोड़कर, आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल लगभग सभी जेनेरिक दवाइयाँ इस योजना के उत्पाद समूह में शामिल हैं।

जेएके में सुचारू आपूर्ति और उत्पाद उपलब्धता के लिए, एक संपूर्ण आईटी-सक्षम आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें एक केंद्रीय गोदाम, चार क्षेत्रीय गोदाम और देश भर में नियुक्त 39 वितरक शामिल हैं। 400 फास्ट-मूविंग उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उनकी नियमित निगरानी की जाती है। इसके अलावा, 200 दवाओं के लिए एक न्यूनतम भंडारण अधिदेश लागू किया गया है, जिसमें योजना उत्पाद समूह की 100 सबसे अधिक बिकने वाली दवाएं और बाजार में 100 तेजी से बिकने वाली दवाएं शामिल हैं। भंडारण अधिदेश के तहत, जेएके मालिक अपने द्वारा बनाए गए उक्त 200 दवाओं के स्टॉक के आधार पर प्रोत्साहन का दावा करने के पात्र हो जाते हैं।

सरकार ने सभी को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराने के लिए यह योजना शुरू की है। इस योजना के परिणामस्वरूप, पिछले 11 वर्षों में, ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना में नागरिकों को लगभग ₹38,000 करोड़ की अनुमानित बचत हुई है, जिससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा अनुमानों के अनुसार, परिवारों द्वारा अपनी जेब से किए जाने वाले खर्च में भारी कमी आई है, जो वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल स्वास्थ्य व्यय के 62.6% से घटकर वित्तीय वर्ष 2021-22 में 39.4% रह गया है। जन औषधि दवाओं की पहुंच को और बढ़ाने तथा जेब से होने वाले खर्च को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने फ्रेंचाइजी जैसा मॉडल अपनाया है, जिसमें विभिन्न ब्लॉकों और तहसीलों सहित देश भर से भारतीय औषधि एवं चिकित्सा उपकरण ब्यूरो की वेबसाइट (www.janaushadhi.gov.in) के माध्यम से व्यक्तिगत उद्यमियों, गैर-सरकारी संगठनों, सोसायटियों, ट्रस्टों, फर्मों, निजी कंपनियों आदि से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।

अनुलग्नक

राज्य और केंद्र शासित प्रदेश-वार खोले गए जन औषधि केंद्रों (जेएके) की संख्या

 

क्रम संख्या

राज्य / केंद्र शासित प्रदेश

30.6.2025 तक खोले गए JAK की कुल संख्या

1

अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह

9

2

आंध्र प्रदेश

281

3

अरुणाचल प्रदेश

35

4

असम

179

5

बिहार

900

6

चंडीगढ़

14

7

छत्तीसगढ

316

8

दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव

40

9

दिल्ली

552

10

गोवा

22

11

गुजरात

812

12

हरयाणा

465

13

हिमाचल प्रदेश

75

14

जम्मू और कश्मीर

335

15

झारखंड

163

16

कर्नाटक

1,480

17

केरल

1,629

18

लद्दाख

2

19

लक्षद्वीप

1

20

मध्य प्रदेश

592

21

महाराष्ट्र

723

22

मणिपुर

61

23

मेघालय

26

24

मिजोरम

15

25

नगालैंड

22

26

ओडिशा

753

27

पुदुचेरी

33

28

पंजाब

520

29

राजस्थान

545

30

सिक्किम

12

31

तमिलनाडु

1,432

32

तेलंगाना

203

33

त्रिपुरा

31

34

उतार प्रदेश।

3,550

35

उत्तराखंड

331

36

पश्चिम बंगाल

753

कुल

16,912

 

यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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