युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
खेलो भारत नीति
प्रविष्टि तिथि:
28 JUL 2025 5:13PM by PIB Delhi
सरकार ने 01.07.2025 को खेलो भारत नीति 2025 का शुभारंभ किया है। इसका उद्देश्य भारत में खेलों के लिए सुदृढ़, समावेशी और प्रदर्शन पर आधारित अनुकूल परिवेश का निर्माण करना है। इस नीति का दृष्टिकोण "राष्ट्र निर्माण के लिए खेल - राष्ट्र के समग्र विकास के लिए खेलों की शक्ति का उपयोग" है। इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए यह नीति निम्नलिखित कई प्रमुख उद्देश्यों पर केंद्रित है:
- सभी प्रतिभागी समूहों के लिए मूलभूत स्तर से लेकर विशिष्ट स्तर तक व्यापक खेल कार्यक्रम शुरु करना।
- मज़बूत प्रतिस्पर्धी ढांचा तैयार करते हुए विभिन्न स्तरों पर खेल प्रतियोगिताओं और लीगों का आयोजन।
- खेल और शारीरिक गतिविधियों की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी स्तर पर शारीरिक शिक्षा से संबंधित पहलों को लागू करना।
- भविष्य के चैंपियन तैयार करने के लिए प्रतिभाओं की पहचान और उनके विकास की मजबूत प्रणाली विकसित करना।
- यह सुनिश्चित करना कि देश भर में खेल अवसंरचना तक सबकी एकसमान पहुंच हो।
- खिलाड़ियों के समग्र विकास के लिए एथलीट-केंद्रित सहायता प्रणालियां प्रदान करना।
- खिलाड़ियों के प्रदर्शन और उनकी तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान, चिकित्सा और नवाचार को बढ़ावा देना।
- खेल के क्षेत्र में शासन और संस्थागत ढांचे को मज़बूत करना।
- खेलों के सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए वित्तपोषण की व्यवस्था में सुधार करना।
- खेल-संबंधी उद्योगों और गतिविधियों के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
- खेलों के माध्यम से सामाजिक विकास और समावेशन को बढ़ावा देना।
- युवाओं के लिए खेलों को जीवनयापन के दृष्टिकोण से अच्छे करियर के विकल्प के रूप में स्थापित करना।
- स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए खेलों और फिटनेस संबंधी गतिविधियों में व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- चैंपियन एथलीटों के साथ-साथ सेवानिवृत्त एथलीटों को पुरस्कृत और सम्मानित करने के लिए मजबूत तंत्र विकसित करना।
- खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शिक्षण संस्थानों के लिए उपयुक्त ढांचे और दिशानिर्देशों का निर्माण करना ताकि वे फीडर संस्थान के रूप में कार्य करें।
खेलो भारत नीति में खेलों को समावेशी और सभी के लिए आर्थिक दृष्टि से वहन करने योग्य बनाने से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। यह नीति महिलाओं, शारीरिक रूप से अशक्त व्यक्तियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों सहित हर पृष्ठभूमि के एथलीटों के लिए खेल प्रशिक्षण और सुविधाओं तक पहुंच में सुधार करके ग्रामीण-शहरी अंतर को दूर करने पर केंद्रित है। यह नीति प्रशिक्षण के खर्च में कमी करने और सबकी पहुंच बढ़ाने के लिए सामुदायिक भागीदारी और हितधारकों के साथ साझेदारी के माध्यम से खेलों को विद्यालयों के पाठ्यक्रम से जोड़ने पर जोर देती है।
'खेल' राज्य का विषय है। इसके कारण ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए आकांक्षी खिलाड़ियों/स्थानीय खेल क्लबों को वित्तीय सहायता प्रदान करने सहित खेलों के प्रचार और विकास का उत्तरदायित्व मुख्य रूप से संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के सरकारों पर है। हालांकि केंद्र सरकार (i) खेलो इंडिया योजना (ii) टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टीओपीएस) (iii) राष्ट्रीय खेल महासंघों को सहायता योजना (iv) खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कार्यक्रम (v) मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन के लिए खेल निधि की योजना, और (vi) अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक विजेताओं और उनके प्रशिक्षकों को नकद प्रोत्साहन की योजना जैसी अपनी विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से उनके प्रयासों में सहयोग करती है। इन सभी योजनाओं का विवरण इस मंत्रालय की वेबसाइट https://yas.nic.in/sports/schemes पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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पीके/एके/केसी/केके/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2149658)
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