सूचना और प्रसारण मंत्रालय
सरकार वित्तीय सहायता, क्षमता निर्माण और हितधारक सहयोग के माध्यम से सामुदायिक रेडियो को सशक्त बना रही है
सामुदायिक रेडियो नेटवर्क स्वीकृत 540 स्टेशनों के साथ राष्ट्रव्यापी विस्तार प्रदान करता है
Posted On:
24 JUL 2025 7:07PM by PIB Delhi
सरकार एक नीति के तहत सामुदायिक रेडियो लाइसेंस प्रदान करती है, जो इस वेबसाइट : https://mib.gov.in/ministry/our-wings/broadcating-wing पर उपलब्ध है।
नीति के अनुसार, सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को स्थानीय समुदाय के लिए तीन साल की सेवा के प्रमाणित रिकॉर्ड के साथ नॉट-फॉर-प्रॉफिट संगठनों द्वारा स्थापित किया जा सकता है। नीति यह बताती है कि सामुदायिक रेडियो स्टेशनों द्वारा प्रसारित कार्यक्रम समुदाय के शैक्षिक, विकासात्मक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं के लिए प्रासंगिक होना चाहिए।
सरकार सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को स्थापित करने, मरम्मत और उन्हें बनाए रखने के लिए वित्तीय सहायता के माध्यम से सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का सहयोग करती है। इसके माध्यम से बाढ़, चक्रवात, या बिजली की क्षति जैसी आपात स्थितियों के दौरान सहायता भी प्रदान की जाती है।
सरकार 50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 'भारत में सामुदायिक रेडियो आंदोलन' नामक एक योजना को लागू कर रही है। यह मौजूदा और नए सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया है।
योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
तीन महीने के लिए चालू होने के बाद नए स्थापित सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को वित्तीय सहायता।
पांच वर्षों से अधिक समय तक काम करने वाले केंद्रों को पुराने उपकरणों को नवीनीकृत करने या बदलने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
कार्यशालाओं, वेबिनार और सम्मलेन के माध्यम से प्रशिक्षण व जागरूकता।
सामुदायिक रेडियो हितधारकों के बीच सहकर्मी को सीखने हेतु सक्षम करने के लिए क्षेत्रीय व राष्ट्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से हितधारक जुड़ाव।
सरकार ने पूरे देश में 540 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को मंजूरी दी है। इनमें से 48 तमिलनाडु में हैं, जो 24 जिलों में फैले हुए हैं। ये स्टेशन आपदा प्रबंधन, समुद्री संरक्षण, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान, कुल 40,03,098/- की कुल राशि तमिलनाडु में स्थित सामुदायिक रेडियो स्टेशनों हेतु जारी की गई है।
यह जानकारी केंद्रीय सूचना और प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन द्वारा लोकसभा में दी गई।
सामुदायिक रेडियो के बारे में जानकारी
सामुदायिक रेडियो केंद्र रेडियो प्रसारण में एक महत्वपूर्ण तीसरे स्तर का प्रतिनिधित्व करता है, जो लोक सेवा प्रसारण और वाणिज्यिक रेडियो से अलग है। ये कम शक्ति वाले एफएम स्टेशन हैं, जिनकी अधिकतम प्रभावी विकिरणित शक्ति (ईआरपी) 100 वाट है, इनसे स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की अपेक्षा की जाती है और इनका स्वामित्व तथा प्रबंधन समुदाय के लाभ के लिए समुदाय द्वारा किया जाता है। स्टेशन की पहुंच लगभग 10-15 किलोमीटर के दायरे में होती है।
सामुदायिक रेडियो केंद्र एक स्थानीय स्तर पर संचालित रेडियो स्टेशन होते हैं, जिसे किसी विशिष्ट समुदाय के सदस्यों द्वारा उस समुदाय के हितों, संस्कृति व अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए स्थापित, प्रबंधित एवं संचालित किया जाता है। आज की तारीख में भारत में 540 सामुदायिक रेडियो स्टेशन कार्यरत हैं।
सामुदायिक रेडियो पर कार्यक्रम स्थानीय बोली में होने के अलावा श्रोताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप भी बनाए जा सकते हैं। वास्तव में, समाज के हाशिए पर पड़े कई वर्गों के लिए सामुदायिक रेडियो के माध्यम से अपनी आवाज सुन पाना एक सशक्त अनुभव है। दूरदराज के समुदाय, चाहे वे किसान हों, मछुआरे हों, विद्यार्थी हों या दिहाड़ी मजदूर हों, इस रेडियो माध्यम को अपना मानकर नियमित रूप से योगदान देते हैं। किसी भी अन्य मुख्यधारा के मीडिया पर इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। स्वाभाविक रूप से, प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, कृषि व मछुआरों से जुड़े मुद्दों पर प्रतिक्रिया, सड़क सुरक्षा, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, लोक संस्कृति और जीवन के साथ-साथ स्थानीय निवासियों तथा विद्यार्थियों के मनोरंजन जैसे विषयों को शामिल किया जाता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थापना और इन स्टेशनों के लिए आवश्यक विभिन्न अनुमोदनों की प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित कर दिया है। आवेदक अब प्रसारण सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और पोर्टल के माध्यम से अपने लंबित आवेदन की स्थिति जांच सकते हैं।
भारत सरकार ने सामुदायिक रेडियो क्षेत्र को सशक्त करने के लिए "भारत में सामुदायिक रेडियो आंदोलन को सहयोग" नामक एक केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) को मंजूरी दी। इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विभिन्न गतिविधियां प्रस्तावित की गई हैं: -
i) कार्यशालाओं का आयोजन करके योजना के बारे में जागरूकता पैदा करना, जिससे अधिक से अधिक संगठनों को सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के लिए आवेदन करने हेतु प्रोत्साहित किया जा सके और मीडिया से वंचित क्षेत्रों में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की अधिक पहुंच हो सके।
ii) भावी आवेदकों की क्षमता निर्माण करना।
iii) नए और मौजूदा दोनों सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को संसाधनों, क्षमता तथा प्रौद्योगिकी के साथ मजबूत करना, जिससे चलने वाले सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या और प्रभावशीलता में वृद्धि हो।
iv) सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का संचालन।
इस योजना के अंतर्गत, मंत्रालय हरित ऊर्जा (सौर) के उपयोग और महिलाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान देते हुए नए सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में 15.60 लाख रुपये से 21.00 लाख रुपये तक तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में 18.20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र और पूर्वोत्तर के अलावा अन्य क्षेत्रों में मौजूदा सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को उपकरणों के नवीकरण या प्रतिस्थापन हेतु क्रमशः 10.50 लाख रुपये तथा 11.10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। प्राकृतिक आपदाओं, बिजली गिरने, चक्रवात आदि जैसी चरम आपातकालीन स्थितियों में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को होने वाले नुकसान को कवर करने के उद्देश्य से 11.50 लाख रुपये तक का आपातकालीन अनुदान भी प्रदान किया जाता है।
पिछले कई वर्षों से मंत्रालय देश के विभिन्न भागों में जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन भी करता रहा है। ये कार्यशालाएं सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए दिशा-निर्देश, आवेदन प्रक्रिया, विषय-वस्तु और स्थिरता संबंधी मुद्दों को हल करने में सफल रही हैं। ये कार्यशालाएं न केवल जागरूकता फैलाने में उपयोगी साबित हुई हैं, बल्कि सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को प्रभावी तरीके से संचालित करने के लिए गैर सरकारी तथा अन्य संगठनों की क्षमता निर्माण में भी सहायक सिद्ध हुई हैं।
सामुदायिक रेडियो स्टेशन, अपनी परिभाषा के अनुसार ही, किसी को भी पीछे न छोड़ने के इस आदर्श वाक्य की पुष्टि करते हैं क्योंकि ये जमीनी स्तर पर लोगों के संस्थान हैं, जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक संदेश पहुंचाने का प्रयास करते हैं, साथ ही इस अंतिम व्यक्ति को अपनी राय व्यक्त करने का अवसर देते हैं, जो स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार की पुष्टि करता है।
अंत में, देश भर में सामुदायिक रेडियो आंदोलन की सराहना करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसने समुदायों के लिए अभूतपूर्व सेवा प्रदान की है। भारतीय सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के कार्य से यह स्पष्ट है कि सामुदायिक रेडियो क्षेत्र सतत विकास के एजेंडे की दिशा में कार्य कर रहा है।
तमिलनाडु में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का विवरण:
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एमजी/केसी/एनके
(Release ID: 2148192)