आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
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प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को सब्सिडी

Posted On: 24 JUL 2025 6:34PM by PIB Delhi

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) 25 जून 2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू) को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य देश भर के सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को बुनियादी नागरिक सुविधाओं से युक्त, हर मौसम में उपयोग हेतु पक्के मकान उपलब्ध कराना है। यह योजना चार कार्यक्षेत्रों, अर्थात् लाभार्थी-आधारित निर्माण (बीएलसी), साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी), इन-सीटू स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर) और ऋण-आधारित सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के माध्यम से क्रियान्वित की जाती है।

सीएलएसएस वर्टिकल के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) श्रेणी के लाभार्थियों के लिए प्रति घर ₹2.67 लाख तक की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई। एमआईजी के लिए सीएलएसएस 31.03.2021 को तथा ईडब्ल्यूएस/एलआईजी के लिए सीएलएसएस 31.03.2022 को समाप्त हुआ। इस वर्टिकल को राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड (हुडको) जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कार्यान्वित किया गया था। ब्याज सब्सिडी प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों द्वारा बैंकों और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को आवेदन प्रस्तुत किया गया। उचित जांच के बाद, सभी पात्र लाभार्थियों को ब्याज सब्सिडी जारी कर दी गई है। इस योजना के तहत 25,04,220 लाभार्थियों को कुल ₹58,885 करोड़ की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई है।

पीएमएवाई-यू के कार्यान्वयन के अनुभवों से प्राप्त सीख के आधार पर, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इस योजना को नया रूप दिया है। इसके अंतर्गत, देश भर के शहरी क्षेत्रों में अगले पाँच वर्षों में 1 करोड़ अतिरिक्त पात्र लाभार्थियों द्वारा किफायती लागत पर घर बनाने, खरीदने और किराए पर देने के लिए 01.09.2024 से पीएमएवाई-यू 2.0 'सभी के लिए आवास' मिशन शुरू किया है। पीएमएवाई-यू 2.0 को चार कार्यक्षेत्रों, अर्थात् लाभार्थी-नेतृत्व निर्माण (बीएलसी), साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी), किफायती किराये के आवास (एआरएच) और ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।

योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, आईएसएस वर्टिकल के अंतर्गत, ₹9 लाख तक की आय वाले पात्र लाभार्थियों को अधिकतम ₹1.80 लाख की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है। ₹35 लाख तक की संपत्ति के लिए ₹25 लाख तक के गृह ऋण, जिनका कारपेट एरिया 120 वर्ग मीटर तक है, 12 वर्ष तक की अवधि के लिए पहले ₹8 लाख पर 4.0% की दर से सब्सिडी के लिए पात्र हैं। सब्सिडी लाभार्थी के ऋण खातों में 5 वार्षिक किश्तों में जारी की जाती है, बशर्ते सब्सिडी जारी होने के समय ऋण सक्रिय हो और 50% से अधिक मूलधन बकाया हो। संभावित लाभार्थी https://pmay-urban.gov.in पर उपलब्ध एकीकृत वेब पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं ।

यह जानकारी आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

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(Release ID: 2147981)
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