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एएसआई द्वारा कीझाड़ी उत्खनन रिपोर्ट का प्रकाशन

प्रविष्टि तिथि: 24 JUL 2025 4:57PM by PIB Delhi

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने वैगई नदी बेसिन में सर्वेक्षण करने के बाद कीझाड़ी की पुरातात्विक क्षमता की पहचान की थी। इस स्थल पर वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में खुदाई का कार्य किया गया। महत्वपूर्ण स्थलों पर उत्खनन विभिन्न एजेंसियों द्वारा किया जाता है जिनमें राज्य पुरातत्व विभाग और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। वर्तमान में कीझाड़ी उत्खनन तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है।

माननीय मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ द्वारा 29 फरवरी 2024 को जारी आदेश में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। वर्ष 2014-15 और 2015-16 के दौरान किए गए उत्खनन पर रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत की जा चुकी है तथा निर्धारित पद्धति के अनुसार प्रख्यात जानकारों द्वारा इसकी जांच की जा चुकी है।

प्रमुख पुरातत्वविद उत्खनन की एक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं, जिसे विशेषज्ञों द्वारा जांचा जाता है। मुख्य उत्खनन पुरातत्वविद् के साथ सहमति में विशेषज्ञों के निष्कर्षों को विधिवत सत्यापित करने और शामिल करने के बाद, एएसआई एक आधिकारिक रिपोर्ट जारी करता है। कीझाड़ी में खुदाई एएसआई के तत्वावधान में की गई है और प्रमुख पुरातत्ववेत्ता की रिपोर्ट की समीक्षा की गई है। विशेषज्ञों की टिप्पणियों को प्रमुख पुरातत्वविद् के साथ भी साझा किया गया है।

एएसआई कीझाड़ी में उत्खनन के आधार पर सटीक निष्कर्ष जारी करने के लिए कानून का पालन करने और दुनिया भर में स्वीकृत वैज्ञानिक प्रक्रिया और अभ्यास का पालन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/केसी/डीवी


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