पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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संसद प्रश्न:- वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए कदम

Posted On: 24 JUL 2025 3:55PM by PIB Delhi

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन एक संस्था, भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई), देहरादून देश के वन एवं वृक्षावरण का द्विवार्षिक मूल्यांकन करती है। इसके निष्कर्ष भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) में प्रकाशित किए जाते हैं। यह वनावरण मूल्यांकन, गहन भू-सत्यापन और राष्ट्रीय वन सूची से प्राप्त क्षेत्रीय आंकड़ों द्वारा समर्थित सुदूर संवेदन पर आधारित एक व्यापक मानचित्रण प्रक्रिया है।

आईएसएफआर 2023 के अनुसार, देश का कुल वन एवं वृक्षावरण 8,27,356.95 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 25.17 प्रतिशत है। इसमें 7,15,342.61 वर्ग किलोमीटर वनावरण और 1,12,014.34 वर्ग किलोमीटर वृक्षावरण शामिल है। वर्तमान आकलन 2021 के पिछले आकलन की तुलना में वन एवं वृक्षावरण में 1445.81 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्शाता है। इसमें 156.41 वर्ग किलोमीटर वनावरण और 1289.4 वर्ग किलोमीटर वृक्षावरण शामिल है।

आईएसएफआर 2013 और आईएसएफआर 2023 के बीच देश में पिछले दस वर्षों के दौरान वन क्षेत्र में 16,630.25 वर्ग किलोमीटर की शुद्ध वृद्धि हुई है। इस प्रकार, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए संरक्षण प्रयासों सहित विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के कारण, देश का वन क्षेत्र न केवल बरकरार है, बल्कि पिछले एक दशक में इसमें शुद्ध वृद्धि भी हुई है। पिछले एक दशक से देश में वन क्षेत्र में वृद्धि का रुझान रहा है।

वनों की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन मुख्य रूप से राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों की ज़िम्मेदारी है। देश में वनों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए कानूनी ढांचे मौजूद हैं। इनमें भारतीय वन अधिनियम, 1927; वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980; वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और राज्य वन अधिनियम एवं नियम आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को वनों और वृक्षों की सुरक्षा के लिए परामर्श जारी करता है।

मंत्रालय देश में वनों की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसमें विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों, जैसे राष्ट्रीय हरित भारत मिशन (जीआईएम), वन अग्नि निवारण एवं प्रबंधन योजना (एफपीएम), नगर वन योजना (एनवीवाई), वन्यजीव आवासों का एकीकृत विकास और तटरेखा आवासों एवं मूर्त आय के लिए मैंग्रोव पहल (मिष्टी) के अंतर्गत केंद्र सरकार से प्राप्त धनराशि शामिल है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) के अंतर्गत भी वनरोपण किया जाता है।

इसके अतिरिक्त, विश्व पर्यावरण दिवस 2024 के अवसर पर देश भर में वृक्षारोपण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक वृक्षारोपण अभियान "एक पेड़ माँ के नाम #Plant4Mother" शुरू किया गया है। यह अभियान देश में हरित आवरण बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ "संपूर्ण सरकार" और "संपूर्ण समाज" के दृष्टिकोण का अनुसरण करता है। इस अभियान ने देश में हरित आवरण को बढ़ाने में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण में योगदान दिया है और इसे चालू वर्ष में भी जारी रखा जा रहा है।

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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(Release ID: 2147839)
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