रक्षा मंत्रालय
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रक्षा मंत्रालय ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की व्यापक समीक्षा शुरू की

Posted On: 19 JUN 2025 4:48PM by PIB Delhi

वर्ष 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित करने के बाद, रक्षा मंत्रालय ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 की व्यापक समीक्षा शुरू की है। समीक्षा का उद्देश्य इसे सरकार की मौजूदा नीतियों और पहलों के साथ जोड़ना है। सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने के लिए महानिदेशक (अधिग्रहण) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।

समिति में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा उद्योग और शिक्षा जगत के प्रतिनिधि शामिल हैं। मंत्रालय ने पूर्व आईएएस अधिकारी श्री अपूर्व चंद्रा (1980 बैच) को भी समिति का प्रधान सलाहकार नियुक्त किया है। श्री अपूर्व चंद्रा पहले महानिदेशक (अधिग्रहण) के पद पर कार्य कर चुके हैं। पैनल ने पहले ही परामर्श शुरू कर दिया है और 05 जुलाई, 2025 तक हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं, जिन्हें secy-dap2025[at]gov[dot]in पर भेजा जा सकता है।

डीएपी समीक्षा का उद्देश्य है:

1. राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों की परिचालन आवश्यकताओं और आधुनिकीकरण को समय पर पूरा करना।

2. अधिग्रहण प्रक्रियाओं को सरकार की नीतियों और पहलों के साथ संरेखित करना:

  1. स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित प्रणालियों के माध्यम से प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता लाना।
  2. निजी क्षेत्र के लिए संयुक्त उद्यमों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा के माध्यम से देश में रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देकर 'मेक इन इंडिया' को सक्षम बनाना, एफडीआई संरेखण के माध्यम से विदेशी ओईएम को प्रोत्साहित करना और भारत को वैश्विक रक्षा विनिर्माण और एमआरओ केंद्र के रूप में स्थापित करना।
  3. सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में डिजाइन और विकास को बढ़ावा देना, स्वदेशी प्रौद्योगिकी के समावेश के लिए स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स और निजी रक्षा उद्योग पर ध्यान केंद्रित करना।

हितधारकों से आमंत्रित सुझाव इस प्रकार हैं:

1. अधिग्रहण प्रक्रियाओं को कारगर बनाने के लिए नीति/प्रक्रियागत परिवर्तन, इसमें वर्गीकरण, व्यापार करने में आसानी, परीक्षणों का संचालन, अनुबंध के बाद प्रबंधन, फास्ट ट्रैक प्रक्रियाएं और एआई जैसी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाना शामिल है।

2. डीएपी में अस्पष्टता को दूर करने, विसंगतियों को दूर करने और प्रक्रियात्मक स्पष्टता बढ़ाने के लिए भाषा में सुधार।

3. कई अन्य प्रासंगिक मुद्दे जिन पर समीक्षा में ध्यान दिया जाना चाहिए।

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एमजी/केसी/वीके/ओपी


(Release ID: 2137746)
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