जल शक्ति मंत्रालय
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने दिल्ली में भारत के सबसे बड़े स्वच्छता सर्वेक्षण- स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2025 का शुभारंभ किया
स्वच्छता एक बार का लक्ष्य नहीं बल्कि सतत यात्रा है: केंद्रीय मंत्री
एसएसजी निरंतर ओडीएफ प्लस मॉडल परिणामों तक पहुंच बनाएगा और उन्हें सुदृढ़ करेगा तथा स्वच्छता प्रगति पर ग्रामीण भारत को रैंक प्रदान करेगा
एसएसजी 2025 के तहत 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 761 जिलों के 21,000 गांवों को शामिल किया जाएगा
Posted On:
29 MAY 2025 7:58PM by PIB Delhi

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी आर पाटिल ने आज दिल्ली में जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना की उपस्थिति में जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) द्वारा राष्ट्रव्यापी ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2025 का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में डीडीडब्ल्यूएस सचिव श्री अशोक केके मीना, अपर सचिव और मिशन निदेशक, श्री कमल किशोर सोन, राज्य सचिवों और मिशन निदेशकों सहित वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में, केंद्रीय मंत्री, श्री सी आर पाटिल ने "प्रबंधन के लिए मापने" के महत्व को दोहराया। यह ऐसा सिद्धांत है जो प्रमुख कार्यक्रमों के प्रभाव की जानकारी प्रदान करता है। उन्होंने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अपने नवाचारों और सर्वोत्तम परिपाटियों को साझा करना जारी रखने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि स्वच्छता एक बार का लक्ष्य नहीं बल्कि सतत यात्रा है। जैसे-जैसे हम विकसित भारत की दिशा में काम कर रहे हैं, स्वच्छता को सतत, लोगों के नेतृत्व वाला प्रयास बना रहना चाहिए जो सच्ची जनभागीदारी से संचालित हो।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, राज्य मंत्री, सचिव-डीडीडब्ल्यूएस, एएसएमडी-जेजेएम और एसबीएमजी और आर्थिक सलाहकार द्वारा स्वच्छता क्रॉनिकल्स वॉल्यूम III का शुभारंभ
जल शक्ति और रेल राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना ने कहा कि एसएसजी केवल एक सर्वेक्षण नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सत्यापन अभ्यास है, और राज्यों और जिलों को उनके ग्रामीण स्वच्छता प्रदर्शन पर रैंक करने का शक्तिशाली उपकरण है। उन्होंने सभी को याद दिलाया कि ‘हमारे गाँव भारत की आत्मा हैं’ और उन्हें ओडीएफ प्लस मॉडल बनाना जीवंत और दृश्यमान वास्तविकता के रूप में देखा जाना चाहिए।
डीडीडब्ल्यूएस के सचिव, श्री अशोक केके मीना ने बताया कि एसएसजी 2025 एसबीएम-जी चरण 2 का हिस्सा है और इस बड़े प्रयास की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सटीक और समय पर आईएमआईएस रिपोर्टिंग सुनिश्चित करनी चाहिए, क्षमता निर्माण के लिए जिला प्रशिक्षण प्रबंधन इकाइयों और स्वच्छाग्रहियों जैसे जमीनी स्तर के नेटवर्क को जुटाना चाहिए और सभी स्तरों पर प्रशिक्षित कर्मचारियों को तैनात करना चाहिए।
एसएसजी 2025 का उद्देश्य ग्रामीण स्वच्छता की जमीनी स्थिति का गहन मूल्यांकन करना है, जिसमें एसबीएम-जी के तहत प्राप्त खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस मॉडल परिणामों को बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया है। एसएसजी-2025 का व्यापक उद्देश्य एसबीएम-II के तहत पहचाने गए मात्रात्मक और गुणात्मक स्वच्छता मापदंडों के आधार पर भारत के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों की राष्ट्रीय रैंकिंग प्रदान करना है।
डीडीडब्ल्यूएस ने एक स्वतंत्र एजेंसी को नियुक्त किया है जो एसबीएम-जी चरण II दिशानिर्देशों के अनुरूप संरचित मूल्यांकन ढांचे का उपयोग करके सर्वेक्षण करेगी। एसएसजी-2025 नमूना गांव मूल्यांकन के माध्यम से एसबीएम-जी की प्रगति का पता लगाने में मदद करेगा, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयों (पीडब्लूएमयू), फेकल स्लज मैनेजमेंट (एफएसएम) संयंत्रों, गोबरधन संयंत्र, नागरिक प्रतिक्रिया और स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग (एसजीएलआर) साइटों की कार्यक्षमता सहित विभिन्न स्वच्छता मापदंडों पर उनकी स्थिति का आकलन करने के लिए गांवों में घरों (एचएच) और सार्वजनिक स्थानों का सर्वेक्षण करेगा।
एसबीएम चरण-II के प्रमुख निष्पादन परिणामों के आधार पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए संरचित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा और उन्हें चार प्रमुख घटकों के आधार पर रैंकिंग दी जाएगी:
० जिला स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट और ओडीएफ प्लस मॉडल सत्यापित गांवों के डेस्कटॉप सत्यापन के आंकड़ों के आधार पर सेवा-स्तर की प्रगति (एसएलपी)
० नमूनाबद्ध गांवों, घरों और स्कूलों, सीएससी आदि सहित सार्वजनिक स्थानों में क्षेत्र-आधारित अवलोकन के माध्यम से गांवों की स्वच्छता स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन
० प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयों, गोबरधन संयंत्रों और मल कीचड़ प्रबंधन प्रणालियों जैसे स्वच्छता बुनियादी ढांचे की कार्यक्षमता का प्रत्यक्ष अवलोकन
० एसएसजी 2025 नागरिक प्रतिक्रिया, मोबाइल एप्लिकेशन और क्षेत्र सर्वेक्षण के दौरान आमने-सामने बातचीत के माध्यम से एकत्र की गई
इन तत्वों को समग्र स्कोर प्राप्त करने के लिए उप-घटकों में समूहीकृत किया जाएगा, जिससे पारदर्शी, प्रौद्योगिकी-संचालित और समुदाय-नेतृत्व वाली मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। डेटा अखंडता को बनाए रखने के लिए, सर्वेक्षण में जियो-फेंसिंग सुविधा शुरू की गई है और इसके अलावा, सार्वजनिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए, नागरिक प्रतिक्रिया एकत्र करने के लिए समर्पित मोबाइल ऐप बनाया गया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ ग्रामीण समुदायों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले महीनों में, पंचायतों, स्थानीय नेताओं, फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और नागरिकों के सामूहिक प्रयास ग्रामीण भारत की स्वच्छता की कहानी को आकार देंगे, जिससे राष्ट्र स्वच्छ भारत के लक्ष्य के करीब पहुँचेगा।
इस कार्यक्रम में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के मूल्यांकन ढांचे और राज्य की सर्वोत्तम प्रथाओं के संकलन, स्वच्छता क्रॉनिकल्स वॉल्यूम III का शुभारंभ किया गया।
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एमजी/केसी/पीके
(Release ID: 2132558)