पंचायती राज मंत्रालय
नई दिल्ली में पंचायत विकास सूचकांक (पीएआई) 2.0 के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय लेखशाला का आयोजन
26-27 मई 2025 को लेखशाला का आयोजन होगा; डेटा-संचालित शासन के माध्यम से पंचायतों को सशक्त बनाने का लक्ष्य
Posted On:
24 MAY 2025 4:01PM by PIB Delhi
पंचायती राज मंत्रालय 26-27 मई 2025 को डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में पंचायत विकास सूचकांक (पीएआई) संस्करण 2.0 पर दो दिवसीय राष्ट्रीय लेखशाला का आयोजन कर रहा है। यह लेखशाला वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पीएआई 2.0 के राष्ट्रीय आंकड़ों को दर्शाती है। इसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र, समावेशी और सतत विकास की उपलब्धि के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर डेटा-आधारित निगरानी और योजना के लिए क्षमता निर्माण करना है।
उद्घाटन सत्र में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज; सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव श्री सौरभ गर्ग; पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव श्री सुशील कुमार लोहानी; नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार श्री राजीब कुमार सेन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित होंगे।

पीएआई को स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) से जुड़े नौ विषयों के आधार पर ग्राम पंचायतों की प्रगति का आकलन और निगरानी करने के लिए एक मजबूत, बहुआयामी माध्यम के रूप में विकसित किया गया है। इन विषयों में गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल पर्याप्तता, स्वच्छ पर्यावरण, बुनियादी ढांचा, शासन, सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
जबकि पीएआई 1.0 (वित्त वर्ष 2022-23) ने आधारभूत मूल्यांकन माध्यम के रूप में काम किया, पीएआई 2.0 में क्षेत्र के व्यापक अनुभव और हितधारकों की प्रतिक्रिया के आधार पर प्रमुख विस्तार शामिल हैं। पीएआई 2.0 संकेतकों की संख्या को 516 से 147 तक तर्कसंगत बनाकर एक अधिक स्पष्ट और अधिक केंद्रित रूपरेखा प्रस्तुत करता है जिससे उच्च डेटा गुणवत्ता, रिपोर्टिंग में आसानी और कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि सुनिश्चित होती है। नयी स्थानीय संकेतक रूपरेखा अब नौ एलएसडीजी विषय में परिणाम-उन्मुख, मापने योग्य संकेतकों पर जोर देती है, जिससे ग्राम पंचायतें विकास की बेहतर ढंग से जानकारी प्राप्त कर सकती हैं, कार्यक्रमों को प्राथमिकता दे सकती हैं और स्थानीय शासन में पारदर्शिता बढ़ा सकती हैं। पीएआई 2.0 में प्रमुख सुधारों में शामिल हैं:
- प्रयोज्यता में सुधार और रिपोर्टिंग की समस्या को कम करने के लिए संकेतकों की संख्या को पीएआई 1.0 में 516 से घटाकर पीएआई 2.0 में 147 करना;
- तर्कसंगत डेटा बिंदु और विषय, मात्रा की तुलना में गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना;
- केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के राष्ट्रीय पोर्टलों से डेटा का स्वतः एकीकरण;
- बेहतर डैशबोर्ड और उपयोगकर्ता पहुंच के साथ सुव्यवस्थित और मोबाइल-अनुकूल पोर्टल इंटरफ़ेस;
- सटीक डेटा प्रविष्टि और ट्रैकिंग सुनिश्चित करने के लिए अंतर्निहित सत्यापन और विसंगति पहचान तंत्र;
- पंचायतों को विकास की कमी की पहचान करने और संसाधन आवंटन को प्राथमिकता देने में सहायता करने के लिए एक निर्णय समर्थन प्रणाली।
दो दिवसीय राष्ट्रीय लेखशाला में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए स्थानीय संकेतक रूपरेखा (एलआईएफ) पुस्तिका का विमोचन तथा उन्नत पीएआई 2.0 पोर्टल और मानक संचालन प्रक्रिया का शुभारंभ शामिल होगा। जबकि तकनीकी सत्र पीएआई 1.0 आधार रिपोर्ट की रूपरेखा, पीएआई 2.0 की रूपरेखा और कार्यप्रणाली, तथा पोर्टल की कार्यक्षमताओं के प्रदर्शन पर केंद्रित होंगे।
प्रतिभागी पोर्टल विन्यास, डेटा प्रविष्टि, सत्यापन और नियोजन में पीएआई आउटपुट के उपयोग के लिए व्यावहारिक सामूहिक अभ्यास में भी शामिल होंगे। दूसरे दिन, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की टीमें अपने अनुभव बताएगी, पीएआई 1.0 से कार्यान्वयन की अंतर्दृष्टि साझा करेंगी और दिखाएँगी कि वे ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) को मजबूत करने के लिए पीएआई 2.0 का उपयोग करने की योजना कैसे बना सकते हैं। इस लेखशाला में 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी होगी जिसमें पंचायती राज, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, महिला और बाल विकास विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और नीति आयोग, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की तकनीकी टीमें और यूनिसेफ, यूएनएफपीए, टीआरआई और पिरामल फाउंडेशन जैसे ज्ञान भागीदार शामिल होंगे।
भाषाई समावेशिता और राष्ट्रीय पहुंच को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम का ग्यारह भारतीय भाषाओं- असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में सीधा प्रसारण किया जाएगा।
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एमजी/केसी/पीपी/एनके
(Release ID: 2130950)