संस्कृति मंत्रालय
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर 18 मई को एएसआई स्मारकों और संग्रहालयों में प्रवेश निशुल्क
Posted On:
17 MAY 2025 8:14PM by PIB Delhi
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने घोषणा की है कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर 18 मई 2025 को देश भर के सभी एएसआई स्मारकों और संग्रहालयों में प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने, शिक्षा को बढ़ावा देने तथा समुदायों और पीढ़ियों के बीच संवाद को बढ़ावा देने में संग्रहालयों की महत्वपूर्ण भूमिका उजागर करता है।

इस वर्ष व्यापक जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एएसआई अपने 52 संग्रहालयों और देश के सभी स्मारकों जहां टिकट लगती है वहां निशुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है जिनमें भारत की कुछ सबसे बहुमूल्य पुरातात्विक कलाकृतियाँ, प्रागैतिहासिक औजारों और मूर्तियों से लेकर मध्यकालीन शिलालेख और बहुत कुछ है।

इस पहल का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ जनता की भागीदारी को बढ़ाना तथा लोगों को इतिहास और विरासत से पुनः जुड़ने के लिए एक सार्थक मंच प्रदान करना है।

एएसआई के पास एक संग्रहालय विंग भी है जो 52 स्थल-संग्रहालयों के रखरखाव और प्रबंधन से संबंधित है, जिसमें सारनाथ (1910) भी शामिल है, जो देश भर में पुरातत्व स्थल संग्रहालयों की श्रृंखला में सबसे पुराना है।

पुरातत्व स्थल संग्रहालय का उद्देश्य स्थल के निकट से उत्खनित की गई कलाकृतियों को संरक्षित करना और प्रदर्शित करना है ताकि प्रदर्शित वस्तुएं अपना संदर्भ न खोएं और शोधकर्ताओं और आगंतुकों द्वारा स्थल का दौरा करते समय उनका अध्ययन किया जा सके।

हाल ही में, विश्व धरोहर स्थल हुमायूं के मकबरे में भारत के पहले भूमिगत संग्रहालय का उद्घाटन किया गया साथ ही वाराणसी के मानव महान वेधशाला और ओडिशा के ललितागिरी पुरातत्व स्थल में वर्चुअल अनुभवात्मक संग्रहालय का भी उद्घाटन किया गया।
एएसआई साइट-म्यूजियमों को समाज के हर वर्ग की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्नत किया जा रहा है और आगंतुकों को समग्र अनुभव देने के लिए एआर-वीआर जैसे आधुनिक हस्तक्षेप भी शामिल किए जा रहे हैं।
3,698 संरक्षित स्मारकों और स्थलों तथा 52 संग्रहालयों तक पहुंच के साथ, एएसआई के 26 स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में हैं - जो देश की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और वास्तुशिल्प चमत्कारों को संरक्षित करने में एएसआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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(Release ID: 2129393)