विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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शोधकर्ताओं ने बेहतर प्रदर्शन वाला पर्यावरण अनुकूल ल्यूब्रिकेंट विकसित किया है

Posted On: 09 MAY 2025 6:05PM by PIB Delhi

शोधकर्ताओं ने एक पर्यावरण अनुकूल ल्यूब्रिकेंट विकसित किया है जो मशीनों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार लाता है तथा समग्र कार्यक्षमता में विस्तार होता है। यह पारंपरिक ल्यूब्रिकेंट के लिए एक टिकाऊ विकल्प प्रदान करता है। यह मशीन की दक्षता और पर्यावरण से संबंधित समस्याओं का भी समाधान करता है।

ल्यूब्रिकेंट मशीनों में घर्षण को कम करते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता और जीवनकाल बढ़ता है। पारंपरिक खनिज या सिंथेटिक तेल आधारित ल्यूब्रिकेंट पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। इससे पर्यावरण अनुकूल विकल्पों की मांग बढ़ रही है।

गुवाहाटी स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन संस्थान (आईएएसएसटी) के शोधकर्ताओं ने इस समस्या का समाधान खोज लिया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से संबंधित इस संस्थान को स्वायत्तता प्राप्त है। इस संस्थान के शोधकर्ताओं ने जैव-आधारित अरंडी के तेल में सतह संशोधित ग्रेफाइटिक कार्बन नाइट्राइड (जी-सी3एन4) को शामिल करके एक ल्यूब्रिकेंट सूत्र विकसित किया है।

चित्र: जैव-आधारित तेलों के लिए उच्च-प्रदर्शन योजक के रूप में सतह-संशोधित ग्रेफाइटिक कार्बन नाइट्राइड का योजनाबद्ध चित्रण

प्रोफेसर देवाशेष चौधरी के नेतृत्व वाले समूह ने उज्जीबित बोरुआ, इंस्पायर जेआरएफ, बिथुपन मोहन, यूजीसी-जेआरएफ और एएसटीयू से डॉ. नवजीत देव चौधरी के साथ मिलकर जी-सी3एन4 नैनोशीट्स (नैनोसेटिन) को रासायनिक रूप से संशोधित करके तेल के साथ ल्यूब्रिकेंट की अनुकूलता को बढ़ाया, जिससे फैलाव और स्थिरता में सुधार हुआ।

सापेक्ष गति (ट्राइबोलॉजिकल मूल्यांकन) के दौरान घर्षण, स्नेहन और सतह स्नेहन पर किए गए अध्ययनों में बेहतर परिणाम देखे गए। अरंडी के तेल की तुलना में घर्षण में लगभग 54 प्रतिशत और खपत में 60.02 प्रतिशत की कमी देखी गई। इस ल्यूब्रिकेंट ने उच्च भार वहन क्षमता और अधिक तापीय स्थिरता प्रदर्शित की। ऑक्सीकरण प्रारंभ तापमान 320 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 339 डिग्री सेल्सियस हो गया। विषाक्त पदार्थों पर किए गए अध्ययनों से भी यह पुष्टि हुई है कि अल्प मात्रा में मुक्त कण उत्पन्न होते हैं (अधिक मुक्त कण प्रतिक्रियाओं को जन्म दे सकते हैं)। इससे पता चलता है कि यह फार्मूलेशन पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित है।

प्रोफेसर चौधरी ने कहा, "यह टिकाऊ ल्यूब्रिकेंट निर्माण पर्यावरण अनुकूल और कुशल स्नेहन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के अनुरूप है, जो न केवल मशीन के प्रदर्शन में सुधार करेगा, बल्कि उत्सर्जन को भी कम करेगा।" ये परिणाम हाल ही में एसीएस एप्लाइड नैनोमटेरियल्स में प्रकाशित हुए।

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एमजी/केसी/डीवी


(Release ID: 2128991)
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