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नोबल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की करुणामय शासन पर आरजीडीआई श्रृंखला पर मुख्य भाषण दिया

प्रविष्टि तिथि: 01 MAY 2025 12:09PM by PIB Delhi

नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की प्रमुख प्रशिक्षण अकादमी पीडीयूएनएएसएस द्वारा आयोजित शासन की पुनर्कल्पना : उत्कृष्टता के लिए चर्चा (आरडीजीई) श्रृंखला में मुख्य भाषण दिया। देश भर से ईपीएफओ अधिकारियों और अधिकारियों ने इस सत्र में वर्चुअल रूप से भागीदारी की।

शासन की पुनर्कल्पना : उत्कृष्टता के लिए चर्चा (आरडीजीई) पहल का शुभारंभ वर्ष 2023 में सुशासन दिवस- 25 दिसंबर पर हुआ थी और यह देश में व्यावहारिक चर्चाओं के लिए अपनी तरह के एक मंच के रूप में विकसित हुई है, जो सार्वजनिक शासन में विश्वास और सच्ची उत्कृष्टता की खोज को प्रोत्साहन देती है। आरजीडीई श्रृंखला का यह लगातार सत्रहवां संस्करण था।

 

श्री सत्यार्थी ने जयपुर के बाल आश्रम से संबोधन करते हुए लोक प्रशासन में करुणामय शासन की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सहानुभूति, गहन सुनवाई और नैतिक उत्तरदायिता की भावना पर आधारित शासन उत्तरदायी और प्रभावी संस्थानों के निर्माण के लिए आवश्यक है। उन्होंने आधुनिक समाज के अपनी नैतिक सीमा खोने पर चिंता व्यक्त करते हुए शासन प्रणाली में कृतज्ञता और मानवीय संबंधों के नवीनीकरण का आह्वान किया।

 

श्री अजीत कुमार, अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (राजस्थान) ने जयपुर में श्री सत्यार्थी को सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त श्री रमेश कृष्णमूर्ति, संचालन पीडीयूएनएएसएस के निदेशक श्री कुमार रोहित तथा संचालन आरपीएफसी-I श्री उत्तम प्रकाश ने किया।

केंद्रीय पीएफ आयुक्त ने अपने समापन भाषण में, सभी ईपीएफओ अधिकारियों से अपने कार्य में कम से कम एक निर्णय को लागू करने का आग्रह किया, जो करुणा के मूल्यों को दर्शाता हो - जो इस गहन रूप से आकर्षक सत्र से प्राप्त एक कार्यान्वयन योग्य सीख है।

आरजीडीई श्रृंखला ईपीएफओ के भीतर विचार नेतृत्व, मूल्य-आधारित प्रशासन और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहन देती है।

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एमजी/केसी/एजे/एसके


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