वित्त मंत्रालय
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ट्रांसशिपमेंट और एयर कार्गो से संबंधित कई व्यापार सुविधाजनक उपाय लागू किए
Posted On:
25 APR 2025 5:02PM by PIB Delhi
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा बजट भाषण वर्ष 2025-26 में की गई घोषणा के अनुरूप, उच्च मूल्य एवं जल्दी खराब होने वाले बागवानी उत्पादों सहित एयर कार्गो के लिए बुनियादी ढांचे और गोदाम के विकास की सुविधा और कार्गो स्क्रीनिंग और सीमा शुल्क प्रोटोकॉल को सुव्यवस्थित करने और इसे उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने विशेष रूप से एयर कार्गो और सामान्य रूप से ट्रांसशिपमेंट मूवमेंट में कई व्यापार सुविधाजनक उपाय लागू किए हैं।
लॉजिस्टिक ऑपरेटर कभी-कभी लॉजिस्टिक सुविधा या अन्य व्यावसायिक निर्णयों के लिए सीमा शुल्क क्षेत्रों (बंदरगाहों/कंटेनर फ्रेट स्टेशनों/अंतर्देशीय कंटेनर डिपो आदि) के बीच सीमा शुल्क निकासी के दौरान सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के अंतर्गत ट्रांसशिपमेंट प्रक्रिया का पालन करके शुल्क का भुगतान किए बिना आयातित कार्गो की आवाजाही करते हैं। पहले प्रत्येक ट्रांसशिपमेंट परमिट के लिए ट्रांसशिपमेंट परमिट शुल्क का भुगतान करना आवश्यक था। बाद में ट्रांसशिप किए गए कार्गो सहित व्यापार की मात्रा में वृद्धि के कारण कुछ लोगों को प्रक्रिया में देरी का अनुभव हुआ। व्यापार को आसान बनाने के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने इस मामले की जांच की है और 24 अप्रैल 2025 से प्रभावी होने के साथ केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने सभी ट्रांसशिपमेंट मूवमेंट के लिए ट्रांसशिपमेंट परमिट शुल्क माफ करने का फैसला किया है।
इस संबंध में अधिसूचना संख्या 30/2025-सीयूएस (एनटी) दिनांक 24 अप्रैल 2025 ( https://www.cbic.gov.in/f2d0927b-945d-411c-8c34-65d272a6d047 )
के माध्यम से विनियमों में परिवर्तन जारी किए गए हैं।
एयर कार्गो की मात्रा में वृद्धि के साथ खराब होने वाले माल के कुछ मामलों में सीमा शुल्क क्षेत्र के बाहर यूनिट लोड डिवाइस (यूएलडी) को अस्थायी रूप से हटाने की आवश्यकता व्यापार द्वारा महसूस की गई थी। इस समय निकासी से पहले यूएलडी से एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स में कार्गो को उतार दिया जाता है। सीमा शुल्क प्रोटोकॉल को सुव्यवस्थित करने और सीमा शुल्क क्षेत्र के बाहर यूनिट लोड डिवाइस (यूएलडी) की आवाजाही के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेष उपायों में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने वर्ष 2005 से बंदरगाहों के माध्यम से संभाले जा रहे समुद्री कंटेनरों के लिए पहले से निर्धारित प्रक्रिया की तर्ज पर यूएलडी के अस्थायी आयात के लिए सरल और सुसंगत प्रक्रिया निर्धारित की है।
इस आसान प्रक्रिया के साथ, यूएलडी/एयर कंटेनर को एयर कैरियर/एयर कंसोल एजेंटों द्वारा निरंतरता बांड के निष्पादन पर सीमा शुल्क क्षेत्र के बाहर अस्थायी रूप से आयात किया जा सकता है, जो निर्दिष्ट समय अवधि के अंतर्गत वापस निर्यात करने की जिम्मेदारी लेते हैं। पहले इस तरह के अस्थायी आयात के मामले में माल के आयातक को यूएलडी/एयर कंटेनर को वापस निर्यात करने की जिम्मेदारी लेनी पड़ती थी। यह स्पष्ट किया गया है कि आयातक द्वारा पुनः निर्यात की जिम्मेदारी लेने का विकल्प अभी भी मौजूद है यदि वह ऐसा करना चाहता है।
यह भी सूचित किया जाता है कि एयर कार्गो परिसरों में 'अखिल भारतीय राष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट बॉन्ड' की सुविधा वर्ष 2022 से चालू है। इस सुविधा का उद्देश्य आयातित कार्गो के ट्रांसशिपमेंट के लिए एयरलाइनों द्वारा कई कस्टम स्टेशनों पर जमा किए जाने वाले बॉन्ड की बहुलता से बचना है। एकीकृत सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक गेटवे (आईसीईजीएटीई) में ट्रांसशिपमेंट आवेदन की ऑनलाइन फाइलिंग भी उपलब्ध की गई है जिससे एयर कार्गो में सेवा केंद्र पर जाने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
अधिक जानकारी के लिए बोर्ड परिपत्र संख्या 15/2025-सीमा शुल्क दिनांक 25 अप्रैल 2025 का संदर्भ लिया जा सकता है।
इन उपायों का उद्देश्य अनुपालन को आसान बनाना और एयर कार्गो परिसरों में व्यापार को सुविधाजनक बनाना है। एयरलाइंस, कंसोल एजेंट या अन्य हितधारकों को उपरोक्त सुविधाओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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