नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
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भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता में वित्त वर्ष 2024-25 में ऐतिहासिक वृद्धि


कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 220.10 गीगावाट तक पहुंची, जिसमें 30 गीगावाट की रिकॉर्ड अतिरिक्त वृद्धि हुई

सौर ऊर्जा 106 गीगावाट पर पहुंची; पवन ऊर्जा ने 50 गीगावाट का आंकड़ा पार किया

Posted On: 10 APR 2025 6:15PM by PIB Delhi

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत प्रगति की रिपोर्ट दी है। 29.52 गीगावॉट की रिकॉर्ड वार्षिक क्षमता वृद्धि के साथ, देश में कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता 31 मार्च 2025 तक 220.10 गीगावॉट तक पहुँच गई है, यह पिछले वित्त वर्ष में 198.75 गीगावॉट थी। यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित 'पंचामृत' लक्ष्यों के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं के तहत वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित क्षमता प्राप्त करने के लक्ष्य की ओर भारत की निरंतर प्रगति को दर्शाता है।

सौर ऊर्जा से विकास को गति

सौर ऊर्जा ने वर्ष की क्षमता विस्तार में सबसे अधिक योगदान दिया। वित्त वर्ष 2024-25 में 23.83 गीगावाट जोड़ा गया, जो पिछले वर्ष में जोड़े गए 15.03 गीगावाट से उल्लेखनीय वृद्धि है। कुल स्थापित सौर क्षमता अब 105.65 गीगावाट है। इसमें ग्राउंड-माउंटेड इंस्टॉलेशन से 81.01 गीगावाट, रूफटॉप सोलर से 17.02 गीगावाट, हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स के सोलर कंपोनेंट से 2.87 गीगावाट और ऑफ-ग्रिड सिस्टम से 4.74 गीगावाट शामिल हैं। यह वृद्धि उपयोगिता-पैमाने और वितरित श्रेणियों में सौर ऊर्जा के निरंतर उपयोग को दर्शाती है।

पवन ऊर्जा में निरंतर वृद्धि

वर्ष के दौरान पवन ऊर्जा में भी निरंतर प्रगति देखी गई, जिसमें 4.15 गीगावाट की नई क्षमता जोड़ी गई, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 3.25 गीगावाट थी। कुल संचयी स्थापित पवन क्षमता अब 50.04 गीगावाट है, जो भारत के नवीकरणीय ऊर्जा में पवन ऊर्जा की भूमिका को मजबूत करती है।

जैव ऊर्जा और लघु जल विद्युत में गति बरकरार

जैव ऊर्जा संयंत्रों की कुल क्षमता 11.58 गीगावाट तक पहुंच गई है, जिसमें ऑफ-ग्रिड और अपशिष्ट-से-ऊर्जा परियोजनाओं से 0.53 गीगावाट शामिल है। लघु पनबिजली परियोजनाओं ने 5.10 गीगावाट की क्षमता प्राप्त कर ली है, जबकि 0.44 गीगावाट का कार्यान्वयन किया जा रहा है। ये क्षेत्र भारत के ऊर्जा परिदृश्य की विकेंद्रीकृत और विविध प्रकृति में योगदान देकर सौर और पवन क्षेत्रों के पूरक बने हुए हैं।

स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार

स्थापित क्षमताओं के अलावा, भारत में 169.40 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं और 65.06 गीगावाट के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं। इसमें हाइब्रिड सिस्टम, राउंड-द-क्लॉक (आरटीसी) पावर, पीकिंग पावर और थर्मल + आरई बंडलिंग परियोजनाओं जैसे उभरते उपायों से 65.29 गीगावाट सम्मिलित हैं। ये पहल ग्रिड स्थिरता और अक्षय स्रोतों से विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक रणनीतिक परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करती हैं।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी के नेतृत्व में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रमुख पहल कर रहा है। निरंतर वृद्धि भारत की जलवायु लक्ष्यों और ऊर्जा सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, तथा देश भर में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए सरकार के केंद्रित प्रयासों को रेखांकित करती है।

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