जल शक्ति मंत्रालय
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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने वेब आधारित जलाशय भंडारण निगरानी प्रणाली (आरएसएमएस) पोर्टल का शुभांरभ किया


https://rsms.cwc.gov.in/frameWork/web/public-dashboard

Posted On: 03 APR 2025 5:45PM by PIB Delhi

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने आज नई दिल्ली में वेब आधारित जलाशय भंडारण निगरानी प्रणाली (आरएसएमएस) पोर्टल का शुभारंभ किया। केंद्रीय जल आयोग देश के 161 महत्वपूर्ण जलाशयों की वास्तविक भंडारण क्षमता की निगरानी करता है और प्रत्येक गुरुवार को साप्ताहिक बुलेटिन जारी करता है। एफआरएल में इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 182.375 बीसीएम है जो देश में अनुमानित कुल भंडारण क्षमता का लगभग 70.74 प्रतिशत है। यह बुलेटिन पीएमओ, नीति आयोग, एमओजेएस, एमओपी, एमओएएंडएफडब्ल्यू, आईएमडी, आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों और सभी संबंधित राज्यों को भेजा जाता है और साथ ही सीडब्ल्यूसी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। भंडारण की स्थिति को हर गुरुवार को अपडेट किया जाता है और भंडारण की (संभावित) गंभीर स्थिति के मामले में संबंधित राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया जाता है।

वर्तमान प्रणाली में बुलेटिन में शामिल करने के लिए विभिन्न ग्राफ, चार्ट और तालिकाओं आदि को मैन्युअल रूप से तैयार करना शामिल है। हालांकि, नए पोर्टल में सभी आवश्यक डेटा विश्लेषण और मानचित्र, तालिकाएं, ग्राफ आदि तैयार करने सहित फाइनल बुलेटिन जारी करना शामिल है और पोर्टल में डेटा दर्ज होने के बाद बटन पर क्लिक करके स्वचालित रूप से किया जाएगा। साथ ही, इस पोर्टल के माध्यम से आम जनता किसी विशेष जलाशय या किसी भी राज्य या देश की भंडारण स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकती है। यदि आवश्यक हो, तो कोई भी व्यक्ति पोर्टल से बुलेटिन डाउनलोड भी कर सकता है। आज यानी 3 अप्रैल 2025 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री द्वारा वेब आधारित जलाशय भंडारण निगरानी प्रणाली (आरएसएमएस) पोर्टल के शुभारंभ के साथ वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला बुलेटिन जारी किया गया है।

जलाशयों की वास्तविक भंडारण स्थिति निर्णयकर्ताओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण इनपुट है, ताकि घरेलू, कृषि, बिजली, नेविगेशन और मनोरंजन के उपयोग के संदर्भ में पानी की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जा सके। यह देश में जल सुरक्षा के स्तर को दर्शाता है। यह संबंधित अधिकारियों को देश भर में विभिन्न कृषि गतिविधियों की योजना बनाने में भी मदद करता है।

जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो न केवल हमारे दैनिक जीवन को बल्कि हमारे समुदायों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण को भी रेखांकित करता है। कृषि भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए, विशेषकर ग्रामीणों क्षेत्रों में आय और आजीविका का प्राथमिक स्रोत है। जलाशय सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे आर्द्र मौसम के दौरान जल का भंडारण करते हैं, जिससे शुष्क मौसम के दौरान कृषि उपयोग के लिए इसका नियमित रूप से उपयोग संभव हो पाता है, फसलों के लिए विश्वसनीय जल आपूर्ति सुनिश्चित होती है और जल की कमी के प्रभावों को कम किया जा सकता है। जलाशय शुष्क मौसम के दौरान सुरक्षा भी प्रदान करते हैं और मौसम के चरम पैटर्न के प्रभावों को कम करने में हमारी मदद करते हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण बारंबार और तीव्र होते जा रहे हैं।

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