रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्री ने सैन्य चिकित्सा कोर से सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए नवीनतम तकनीकों को अपनाना जारी रखने का आग्रह किया
“रक्षा और असैन्य क्षेत्र दोनों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने की आवश्यकता व समग्र विकास हेतु असैन्य -सैन्य अभिसरण महत्वपूर्ण है”
आईएनएचएस अश्विनी, मुंबई ने 2024 के लिए एएफएमएस में सर्वश्रेष्ठ अस्पताल के लिए आरएम ट्रॉफी जीती
Posted On:
03 APR 2025 5:58PM by PIB Delhi
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि चिकित्सा क्षेत्र दुनिया भर में तकनीकी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और सैन्य चिकित्सा कोर (एएमसी) को हमारे सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए नवीनतम प्रगति को अपनाना जारी रखना चाहिए। वे आज 3 अप्रैल, 2025 को दिल्ली कैंट स्थित आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) में सैन्य चिकित्सा कोर के 261वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
रक्षा मंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाने और अत्याधुनिक तकनीक में अनुसंधान करने के सैन्य चिकित्सा कोर के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस क्षेत्र में नई सफलता हासिल करने के लिए विकसित कार्य प्रणालियों के साथ बने रहने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री सिंह ने नमूने पर आधारित प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया, जिसमें मशीन आधारित शिक्षा के माध्यम से चिकित्सा प्रक्रिया में विशेषज्ञता हासिल की जाती है। उन्होंने कोर कर्मियों को यह दक्षता हासिल करने के लिए अतिरिक्त अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की भी बात कही।
श्री राजनाथ सिंह ने दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की आवश्यकता जताई, जो रक्षा और असैन्य दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असैन्य-सैन्य अभिसरण समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्री ने आईसीएमआर, आईआईटी और एम्स जैसे शैक्षणिक संस्थानों तथा अन्य देशों के चिकित्सा संगठनों के साथ काम करने के लिए सैन्य चिकित्सा कोर की सराहना की। उन्होंने सैन्य कूटनीति के क्षेत्र में भारत का कद बढ़ाने के लिए सैन्य चिकित्सा कोर से अन्य विकासशील और अविकसित देशों के चिकित्सा पेशेवरों को प्रशिक्षित करने की संभावना तलाशने का भी आग्रह किया।
रक्षा मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार व बुनियादी ढांचे से लेकर सेवाओं एवं नीति निर्माण से लेकर कार्यान्वयन तक सैन्य चिकित्सा कोर के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि सैन्य चिकित्सा कोर ने उन्नत सचल शल्य चिकित्सा इकाइयों और त्वरित प्रतिक्रिया चिकित्सा टीमों की शुरुआत करके सशस्त्र बलों की युद्ध चिकित्सा तत्परता को सशक्त किया है। श्री सिंह ने कहा कि स्वदेशी मानसिक आघात प्रबंधन प्रणाली और एआई-संचालित चिकित्सा आपदा के समय घायलों के इलाज की वरीयता निर्धारण प्रणालियों ने आपातकालीन प्रतिक्रिया समय तथा रोगी देखभाल में सुधार किया है।
श्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सैन्य चिकित्सा कोर की सेवाएं केवल सेवारत सैनिकों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य कल्याण के लिए निरंतर प्रयास करते हैं।
रक्षा मंत्री ने सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) की वर्तमान तथा पहली महिला महानिदेशक सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन का विशेष उल्लेख किया और उन्हें सेना में बढ़ती नारी शक्ति का एक उज्ज्वल उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि महानिदेशक के नेतृत्व में न केवल हमारे डॉक्टर असाधारण कार्य कर रहे हैं, बल्कि महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है।
इस अवसर पर श्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के कार्मिकों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रक्षा मंत्री ट्रॉफी प्रदान की। साल 2024 के लिए एएफएमएस में सर्वश्रेष्ठ अस्पताल की ट्रॉफी मुंबई के आईएनएचएस अश्विनी को दी गई, जबकि दूसरे सर्वश्रेष्ठ अस्पताल की ट्रॉफी कमांड अस्पताल, पश्चिमी कमान, चंडीमंदिर, हरियाणा को दी गई। ये पुरस्कार सैन्य चिकित्सा कोर की उत्कृष्टता और रोगी देखभाल के प्रति अटूट प्रयास के प्रमाण हैं।
इस कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, डीजीएएफएमएस सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन और अन्य असैन्य एवं सैन्य अधिकारी सहित वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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