पंचायती राज मंत्रालय
केंद्र सरकार ने पांच राज्यों में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए 15वें वित्त आयोग के अनुदान में 1,440 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए
मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड को स्थानीय आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त मुक्त अनुदान प्राप्त हुआ
Posted On:
03 APR 2025 4:54PM by PIB Delhi
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पांच राज्यों अर्थात अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, नागालैंड और पंजाब में ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी)/पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को पंद्रहवें वित्त आयोग (15-एफसी) अनुदान वितरित किया है। प्रति वित्तीय वर्ष दो किस्तों में आवंटित ये अनुदान, पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) की सिफारिशों के आधार पर वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते हैं।
राज्यवार आवंटन :
- मध्य प्रदेश – 651.7794 करोड़ रुपये (पहली किस्त, असंबद्ध अनुदान, वित्तीय वर्ष 2024-25)
- 52 पात्र जिला पंचायतों, 309 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 22,995 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए धनराशि आवंटित की गई।
- गुजरात – 508.6011 करोड़ रुपये (पहली किस्त, असंबद्ध अनुदान, वित्त वर्ष 2024-25)
- 27 पात्र जिला पंचायतों, 242 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 14,469 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए धनराशि आवंटित की गई।
- पंजाब – 225.975 करोड़ रुपये (दूसरी किस्त, असंबद्ध अनुदान, वित्त वर्ष 2024-25)
- 22 पात्र जिला परिषदों, 149 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 13,152 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए धनराशि आवंटित की गई।
- अरुणाचल प्रदेश – 35.40 करोड़ रुपये (पहली किस्त, संयुक्त अनुदान, वित्तीय वर्ष 2022-23)
- राज्य में सभी पात्र आरएलबी के लिए निधियां निर्दिष्ट की गईं।
- नागालैंड – 19.20 करोड़ रुपये (पहली किस्त, संयुक्त अनुदान, वित्तीय वर्ष 2022-23)
- राज्य में सभी पात्र आरएलबी के लिए निधियां निर्दिष्ट की गईं।
अनुदान का उपयोग :
अप्रतिबंधित अनुदान : ये अनुदान आरएलबी/पीआरआई को वेतन और स्थापना लागत को छोड़कर संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सशक्त बनाते हैं।
बंधे हुए अनुदान : इन निधियों का उपयोग निम्नलिखित के लिए किया जाना चाहिए:
(क) स्वच्छता और ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) स्थिति का रखरखाव, जिसमें घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन, मानव मल और मल कीचड़ उपचार शामिल है।
(ख) पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण।
15वें वित्त आयोग के अनुदानों को समय पर जारी करना, स्थानीय शासन को मजबूत करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
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