ग्रामीण विकास मंत्रालय
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स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देना

Posted On: 25 MAR 2025 5:01PM by PIB Delhi

दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत एक विपणन पहल के रूप में, सरस आजीविका मेला राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आयोजित किया जाता है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में सरस आजीविका मेला 2025 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने निर्यात क्षमता वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक निर्यात मंडप स्थापित किया था, जिसका प्राथमिक लक्ष्य एसएचजी को उनके उत्पादों के निर्यात के लिए प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना था। इस मेले में एसएचजी में क्षमता निर्माण और निर्यात क्षमता पैदा करने तथा जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षण सत्र सह कार्यशालाएं आयोजित की गईं।

राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) ने 'एसएचजी के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के निर्यात विपणन' के दायरे पर विचार-विमर्श करने के लिए 14 और 15 मई 2024 को दिल्ली में एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की है।

राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) के विपणन घटक के अंतर्गत वस्त्र मंत्रालय ने कारीगरों को विपणन मंच प्रदान करने और हस्तशिल्प के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किए।

(I) गांधी शिल्प बाजार/फैशन शो/अन्य संगठनों/सी-डेप द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में स्टालों को किराए पर लेने सहित घरेलू विपणन कार्यक्रम।

(II) भारत और विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय विपणन कार्यक्रमों में शामिल हैं:

  1. अंतर्राष्ट्रीय विपणन कार्यक्रम।

  2. अंतर्राष्ट्रीय शिल्प एक्सपोजर कार्यक्रम।

  3. क्रेता विक्रेता मीट और रिवर्स क्रेता विक्रेता मीट।

  4. वर्चुअल प्लेटफार्मों पर मेले/प्रदर्शनियां/कार्यक्रम।

मंत्रालय ने एसएचजी उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए -कॉमर्स कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है। सरकारी -मार्केटप्लेस (जीईएम) के सहयोग से एसएचजी उत्पादों के विपणन के लिए जीईएम में स्टोर फ्रंट के रूप में एक "सरस संग्रह" बनाया गया है। इसके अलावा, मंत्रालय और फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड, अमेज़ॅन, फशनियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (मीशो) और जियोमार्ट के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों सहित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के उत्पादकों को एसएचजी उत्पादों के विपणन के लिए फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम, अमेज़ॅन सहेली पहल, मीशो और जियोमार्ट के माध्यम से राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने की अनुमति मिल सके। एसएचजी उत्पादों के ऑनलाइन विपणन के लिए मंत्रालय द्वारा एक -कॉमर्स प्लेटफॉर्म (www.esaras.in) भी शुरू किया गया है। ईसरस ओएनडीसी पर सेलर नेटवर्क पार्टिसिपेंट के रूप में भी लाइव है। महिला एसएचजी के क्यूरेटेड उत्पाद ओएनडीसी नेटवर्क के 11 ऐप यानी पेटीएम, मायस्टोर, क्राफ्ट्सविला, जागरण, स्नैपडील, नोवोपे, ईजीपे, गोनुक्ली, रूबरू, मैपल्स, हिमिरा पर उपलब्ध हैं।

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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