स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
खाद्य उत्पादों के गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम
एफएसएसएआई द्वारा राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के माध्यम से विभिन्न खाद्य उत्पादों की नियमित निगरानी, निरीक्षण और रैंडम सैम्पलिंग की जाती है
खाद्य नमूनों के अनुरूप न होने पर दोषी खाद्य व्यवसाय संचालकों के विरुद्ध दंडात्मक प्रावधान लागू है
विभिन्न खाद्य वस्तुओं के परीक्षण के लिए देश भर में एफएसएसएआई द्वारा 243 प्राथमिक प्रयोगशालाएं और 22 रेफरल प्रयोगशालाएं अधिसूचित की गई है
विभिन्न खाद्य वस्तुओं में मिलावट की मौके पर जांच के लिए 35 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 285 एफएसडब्ल्यू (फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स) तैनात किए गए हैं
एफएसएसएआई द्वारा 79 रैपिड एनालिटिकल फूड टेस्टिंग (आरएएफटी) किट को मंजूरी दी गई है
Posted On:
21 MAR 2025 4:03PM by PIB Delhi
मानव उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत 2008 में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की स्थापना की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य खाद्य पदार्थों के लिए विज्ञान आधारित मानक निर्धारित करना और उनके विनिर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करना है। खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएस) अधिनियम, 2006 को खाद्य सुरक्षा और मानक नियम, 2011 और छह प्रमुख विनियमों की अधिसूचना के साथ 5 अगस्त, 2011 से लागू किया गया था।
एफएसएसएआई राज्य/संघ शासित प्रदेशों और अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएस) अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए विनियमों के तहत निर्धारित गुणवत्ता और सुरक्षा मापदंडों और अन्य आवश्यकताओं के अनुपालन की जांच करने के लिए विभिन्न खाद्य उत्पादों की नियमित निगरानी, निरीक्षण और रैंडम सैम्पलिंग करता है। ऐसे मामलों में जहां खाद्य नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, नियमों और विनियमों के प्रावधानों के अनुसार दोषी खाद्य व्यापार संचालकों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाती है।
एफएसएसएआई भारत में उत्पादित और उपभोग किए जाने वाले खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्य उत्पादों, विशेषकर मुख्य खाद्य पदार्थों और मिलावट की संभावना वाले वस्तुओं की समय-समय पर पैन-इंडिया निगरानी भी करता है।
विभिन्न खाद्य वस्तुओं के परीक्षण के लिए एफएसएसएआई ने देश भर में 243 प्राथमिक प्रयोगशालाओं और 22 रेफरल प्रयोगशालाओं को अधिसूचित किया है। एफएसएसएआई ने मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला (एमएफटीएल) उपलब्ध कराई है, जिसे "फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स" (एफएसडब्ल्यू) कहा जाता है। एफएसडब्ल्यू को विभिन्न खाद्य वस्तुओं में मिलावट की मौके पर ही जांच करने के लिए बुनियादी ढांचे से लैस किया गया है। वर्तमान में, 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 285 एफएसडब्ल्यू तैनात हैं।
एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा और विश्लेषण के लिए संसाधनों का एक व्यापक सेट प्रकाशित किया है, जिसमें विभिन्न खाद्य वस्तुओं के विश्लेषण के तरीकों पर 17 मैनुअल, नमूनाकरण पर 02 सामान्य दिशानिर्देश और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में फोर्टिफिकेंट्स के विश्लेषण के लिए 15 तरीके शामिल हैं। एफएसएसएआई ने क्षेत्र स्तर पर खाद्य उत्पादों की जांच के समय को कम करने तथा निगरानी और मॉनीटरिंग गतिविधियों में तेजी लाने के लिए तीव्र खाद्य परीक्षण विधियों की सुविधा प्रदान की है। 79 रैपिड एनालिटिकल फूड टेस्टिंग (आरएएफटी) किट को एफएसएसएआई द्वारा अनुमोदित किया गया है।
एफएसएसएआई द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार किए गए खाद्य सुरक्षा मैजिक बॉक्स, खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने में सहायता करते हैं। इसमें विश्वसनीय "त्वरित जांच परीक्षण" शामिल हैं, जिन्हें एक आम व्यक्ति घरेलू स्तर पर कर सकता है, जिससे संदेह की स्थिति में उनके भोजन में संभावित मिलावट का व्यापक आकलन संभव हो जाता है।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य व्यवसायों का लाइसेंस और पंजीकरण) विनियमन, 2011 के अनुसार, खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) द्वारा अनुपालन की जाने वाली स्वच्छता और स्वास्थ्यकर आवश्यकताओं (अच्छे विनिर्माण प्रथाओं और अच्छे स्वास्थ्यकर प्रथाओं पर आधारित) को खाद्य निर्माताओं के लिए लाइसेंस की शर्तों में से एक के रूप में अनिवार्य किया गया है। यह एक वैधानिक आवश्यकता है और एफबीओ द्वारा इसका उल्लंघन करने पर एफएसएस अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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