विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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क्यूबा के उप प्रधानमंत्री, महामहिम डॉ. एडुआर्डो मार्टिनेज डियाज़ ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की: बातचीत में जैव निर्माण एवं विज्ञान सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया


विज्ञान कूटनीति को मजबूत करना: भारत, क्यूबा वैक्सीन विकास, जैव अर्थव्यवस्था में सहयोग पर विचार कर रहा है

क्यूबा के उप प्रधानमंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह को हवाना में बायो-हबाना 2026 में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया; बातचीत का केंद्र बायोटेक, आयुर्वेद और अनुसंधान एवं विकास रहा

Posted On: 17 MAR 2025 6:07PM by PIB Delhi

भारत और क्यूबा ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी और जैव निर्माण में में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। क्यूबा के उप प्रधानमंत्री, महामहिम डॉ. एडुआर्डो मार्टिनेज डियाज़ ने आज यहां केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की।

इस बैठक का आयोजन दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की 65वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया, जिसमें चिकित्सा अनुसंधान, वैक्सीन विकास एवं सतत जैव निर्माण में सहयोग को गहरा करने के अवसरों पर विचार किया गया।

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बातचीत के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बल देकर कहा कि एक विज्ञान-आधारित समाज द्वारा वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने के लिए सहयोगात्मक अनुसंधान अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के साथ मिलकर काम करना और पूरक, लक्षित अनुसंधान को आगे बढ़ाना भारत के वैज्ञानिक समुदाय को नवाचार, परिवर्तन एवं कौशल विकास के अगले स्तर पर पहुंचाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोगात्मक अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिससे दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने देश में जैव प्रौद्योगिकी में प्रगति को उजागर करते हुए डीबीटी की पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें जैव अर्थव्यवस्था (जीआईबी) पर जी20 पहल के लिए नोडल एजेंसी के रूप में इसकी भूमिका शामिल है। उन्होंने उल्लेख किया कि डीबीटी ने जीआईबी में जैव अर्थव्यवस्था संरचना को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें सतत विकास के लिए जीवनशैली (लाइफ), बायोई3 नीति और राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति जैसे नीतिगत उपायों का योगदान शामिल है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये पहल भारत के हरित विकास और शून्य कार्बन अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो भारत के सतत विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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भारतीय पक्ष ने जैव निर्माण में देश की उपलब्धियों को भी उजागर किया, जिसमें बायोई3 नीति का लक्ष्य जैव-आधारित उच्च-मूल्य वाले उत्पादों के उत्पादन में क्रांति लाना है। वर्तमान समय में जैव अर्थव्यवस्था भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 4.25% योगदान देती है और यह 2014 में 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 में 151 बिलियन डॉलर हो चुकी है और इसे 2025 के निर्धारित लक्ष्य से दो वर्ष पहले ही प्राप्त कर लिया गया है।

डॉ. एडुआर्डो मार्टिनेज डियाज़ ने जैव प्रौद्योगिकी में क्यूबा की सफलता विशेष रूप से कम लागत वाले टीकों के विकास एवं कैंसर उपचार में इसकी उपलब्धियों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने क्यूबा द्वारा जैव निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की बात की और अनुसंधान एवं उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत के साथ साझेदारी में दिलचस्पी व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं जैव प्रौद्योगिकी में मौजूदा समझौतों को मजबूती प्रदान करने तथा पारंपरिक चिकित्सा, होम्योपैथी और वैज्ञानिक सहयोग पर पिछले एमओयू के आधार पर आगे बढ़ने पर चर्चा की। क्यूबा की आयुर्वेद एवं भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा में बढ़ती दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए, दोनों देशों ने इस क्षेत्र में भागीदार बढ़ाने के प्रति आशा व्यक्त की।

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जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने भी ‘आत्मनिर्भर भारत 3.0’ के अंतर्गत शुरू किए गए मिशन कोविड सुरक्षा जैसी पहलों के माध्यम से वैक्सीन के विकास एवं विनिर्माण में तेजी लाने में अपनी भूमिका पर बल दिया। इसके अलावा, डीबीटी के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी), भारत में बायोटेक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने एवं पोषित करने की दिशा में काम कर रहा है, जो इस क्षेत्र में नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देता है।

क्यूबा ने डॉ. जितेंद्र सिंह को हवाना आने तथा वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी सम्मेलन बायो-हबाना 2026 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का निमंत्रण दिया।

इस बैठक में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। चर्चा में क्यूबा की ओर से राजदूत महामहिम श्री जुआन कार्लोस मार्सन एगुइलेरा, सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्रथम उप मंत्री, तानिया मार्गरीटा क्रूज़ हर्नांडेज़ और क्यूबा के जैव प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान क्षेत्रों के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए जबकि भारत की ओर से जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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