संस्‍कृति मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सहभागिता योजना

Posted On: 17 MAR 2025 3:54PM by PIB Delhi

संस्कृति मंत्रालय ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने और भारत की वैश्विक छवि को आगे ले जाने के लिए "वैश्विक सहभागिता योजना" लागू की है।

योजना के प्रमुख उद्देश्यों में विदेशी राष्ट्रों के साथ सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना, द्विपक्षीय सांस्कृतिक संपर्कों को बढ़ावा देना, विश्व मंच पर भारत की सांस्कृतिक पहचान को पेश करना और देश भर में पर्यटन को प्रोत्साहित करना शामिल है। वैश्विक सहभागिता योजना का प्रशासन विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों के माध्यम से किया जाता है, जिसका उद्देश्य निम्नलिखित घटकों के माध्यम से अपने उद्देश्य को प्राप्त करना है:

  1. भारत के त्यौहार:

भारतीय कला रूपों का अभ्यास करने वाले कलाकारों को ‘भारत महोत्सव’ के बैनर तले विदेश में प्रदर्शन करने का अवसर दिया जाता है। लोक संगीत, लोक नृत्य, लोक रंगमंच और कठपुतली, शास्त्रीय और पारंपरिक नृत्य, प्रयोगात्मक/समकालीन नृत्य, शास्त्रीय/अर्ध शास्त्रीय संगीत, रंगमंच आदि सहित लोक कला जैसे विविध सांस्कृतिक क्षेत्रों के कलाकार विदेशों में ‘भारत के त्योहारों’ में प्रदर्शन करते हैं।

 

  1. भारत-विदेश मैत्री सांस्कृतिक समितियों को अनुदान सहायता:

भारत और संबंधित विदेशी देश के बीच घनिष्ठ मैत्री और सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमारे भारतीय मिशनों के माध्यम से विदेशी देशों में सक्रिय रूप से कार्यरत भारत-विदेशी मैत्री सांस्कृतिक समितियों को सहायता अनुदान जारी किया जाता है।

 

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), विदेश मंत्रालय (एमईए) के तहत एक स्वायत्त संगठन है, जो विदेशों में अपने सांस्कृतिक केंद्रों और मिशनों/केंद्रों के माध्यम से दुनिया भर में भारतीय संस्कृति (लोक कला और संस्कृति सहित) को बढ़ावा देता है। उनके द्वारा संचालित गतिविधियों में अन्य बातों के साथ-साथ योग, नृत्य, संगीत (गायन और वाद्य), संस्कृत और हिंदी की शिक्षा देना; भारतीय संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों में सम्मेलनों/सेमिनारों/कार्यशालाओं का आयोजन/समर्थन करना; विदेश के विश्वविद्यालयों में भारतीय अध्ययन पीठों को समर्थन देना; महात्मा गांधी और अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों की प्रतिमाओं/आवक्ष प्रतिमाओं को उपहार में देना, दृश्य कला प्रदर्शनियों का आदान-प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और भारतीय त्योहारों को मनाना, विभिन्न आगंतुक कार्यक्रमों (शैक्षणिक/प्रतिष्ठित/महत्वपूर्ण/जनरल नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क) के तहत आगंतुकों की मेजबानी करना और विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत विदेशी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रायोजित करना शामिल है।

 

आईसीसीआर ने विदेशों में अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने और विदेशी देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ समझौता ज्ञापन भी संपन्न किए हैं। आईसीसीआर भारतीयों को विभिन्न विदेशी संस्कृतियों की जानकारी देने के लिए आने वाले विदेशी सांस्कृतिक दलों की मेजबानी भी करता है।

 

संस्कृति मंत्रालय ने विभिन्न कला रूपों के अंतर्गत 627 कलाकारों/समूहों को सूचीबद्ध किया है और विदेशों में भारत के महोत्सवों में प्रदर्शन करने के लिए सूचीबद्ध सूची में से कलाकारों का चयन किया जाता है। भारत महोत्सव में प्रत्येक प्रदर्शन के लिए लोक कलाकारों को 35,000/- रुपये (मुख्य/प्रमुख कलाकार को) तथा 7000/- रुपये (सहयोगी कलाकार को) का भुगतान किया जाता है।

 

इसके अलावा, संस्कृति मंत्रालय 'वरिष्ठ कलाकारों के लिए वित्तीय सहायता' नाम से एक योजना संचालित करता है, जिसका उद्देश्य 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वृद्ध और गरीब कलाकारों को सहायता प्रदान करना है, जिन्होंने लोक कला सहित कला के अपने विशिष्ट क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है या अभी भी योगदान दे रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत चयनित कलाकारों को अधिकतम 6000/- रुपये प्रतिमाह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें राज्य कलाकारों को मिलने वाली पेंशन की राशि, यदि कोई हो, को समायोजित किया जाता है।

 

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

************

एमजी/आरपीएम/केसी/डीवी


(Release ID: 2111924) Visitor Counter : 79


Read this release in: English , Urdu , Tamil