गृह मंत्रालय
डिजिटल अरेस्ट घोटालों के मुद्दे को सुलझाने के लिए उठाए गए कदम
Posted On:
12 MAR 2025 4:19PM by PIB Delhi
भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र, मुख्य रूप से अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के ज़रिए, साइबर अपराध और डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों सहित अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए जिम्मेदार हैं। अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत सलाह और वित्तीय सहायता के ज़रिए केंद्र सरकार, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की पहलों के संबंध में उनके एलईए की क्षमता निर्माण में मदद करती है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), “भारत में अपराध” नामक अपने प्रकाशन में अपराधों पर सांख्यिकीय डेटा संकलित और प्रकाशित करता है। नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट वर्ष 2022 के लिए है। डिजिटल अरेस्ट घोटालों के बारे में एनसीआरबी द्वारा विशिष्ट डेटा अलग से नहीं रखा जाता है।
डिजिटल अरेस्ट घोटालों सहित साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करने हेतु, केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं:
- गृह मंत्रालय ने देश में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए एक संलग्न कार्यालय के रूप में ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (आई4सी) की स्थापना की है।
- केंद्र सरकार ने डिजिटल अरेस्ट घोटालों पर एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, समाचार पत्र विज्ञापन, दिल्ली मेट्रो में घोषणा, विशेष पोस्ट बनाने के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का उपयोग, प्रसार भारती और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ज़रिए अभियान, आकाशवाणी पर विशेष कार्यक्रम और 27.11.2024 को नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में राहगीरी समारोह में भाग लेना शामिल है।
- माननीय प्रधानमंत्री ने 27.10.2024 को "मन की बात" एपिसोड के दौरान डिजिटल अरेस्ट के बारे में बात की और भारत के नागरिकों को जानकारियों से अवगत कराया।
- आई4सी ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सहयोग से साइबर अपराध के बारे में जागरूकता बढ़ाने और साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 तथा ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ (एनसीआरपी) को बढ़ावा देने के लिए एक कॉलर ट्यून अभियान शुरू किया है। इस कॉलर ट्यून का दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा प्रसारण क्षेत्रीय भाषाओं में भी दिन में 7-8 बार प्रसारण किया जा रहा है।
- आई4सी ने डिजिटल अरेस्ट के लिए इस्तेमाल किए गए 3,962 से अधिक स्काइप आईडी और 83,668 व्हाट्सएप अकाउंट को सक्रिय रूप से पहचाना और उन्हें ब्लॉक किया।
- केंद्र सरकार ने साइबर अपराधियों द्वारा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस, एनसीबी, सीबीआई, आरबीआई और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों का रूप धारण करके 'ब्लैकमेल' और 'डिजिटल गिरफ्तारी' की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट पर एक प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित की है।
- केंद्र सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने, मोबाइल पर आने वाली अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक प्रणाली तैयार की है, जिसमें भारतीय मोबाइल नंबर, भारत में उत्पन्न होते प्रतीत होते हैं। मोबाइल पर आने वाले ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल को ब्लॉक करने के लिए टीएसपी को निर्देश जारी किए गए हैं।
- पुलिस अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट के अनुसार, 28.02.2025 तक 7.81 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2,08,469 आईएमईआई को भारत सरकार द्वारा ब्लॉक किया गया है।
- आई4सी के एक भाग के रूप में ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ (https://cybercrime.gov.in) लॉन्च किया गया है, ताकि जनता सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट कर सके, जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाओं, उन्हें एफआईआर में परिवर्तित करने और उसके बाद की कार्रवाई को कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा देखा जाता है।
- वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए वर्ष 2021 में आई4सी के तहत ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ की शुरूआत की गई है। अब तक 13.36 लाख से अधिक शिकायतों में 4,386 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि को बचाया गया है। ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज करने में मदद के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ चालू किया गया है।
- साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ शामिल हैं: एसएमएस के माध्यम से संदेशों का प्रसार, आई4सी सोशल मीडिया अकाउंट यानी एक्स (पूर्व में ट्विटर) (@साइबरदोस्त), फेसबुक (साइबरदोस्तआई4सी), इंस्टाग्राम (साइबरदोस्तआई4सी), टेलीग्राम (साइबरदोस्ती4सी), रेडियो अभियान, कई माध्यमों में प्रचार के लिए माईगॉव को शामिल करना, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की मदद से साइबर सुरक्षा और सुरक्षा जागरूकता सप्ताह का आयोजन, किशोरों/छात्रों के लिए हैंडबुक का प्रकाशन, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर डिजिटल डिस्प्ले आदि।
यह जानकारी गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
***
एमजी/आरपीएम/केसी/एनएस/डीए
(Release ID: 2111002)
Visitor Counter : 201