गृह मंत्रालय
जीएलओएफ शमन परियोजना
Posted On:
04 FEB 2025 2:44PM by PIB Delhi
केंद्र सरकार ने चार राज्यों अर्थात् अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में 150.00 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय पर इसके कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय हिमनद झील विस्फोट बाढ़ (जीएलओएफ) जोखिम शमन परियोजना (एनजीआरएमपी) को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण निधि (एनडीएमएफ) से केंद्रीय हिस्सा 135.00 करोड़ रुपये है जबकि राज्यों को अपने संसाधनों से 15.00 करोड़ रुपये का योगदान करना है। परियोजना परिव्यय, केंद्रीय हिस्सा और राज्य के हिस्से का राज्यवार विवरण इस प्रकार है:
(करोड़ रुपए में)
राज्य
|
कुल परियोजना परिव्यय
|
एनडीएमएफ से स्वीकृत केंद्रीय हिस्सा
|
राज्यों का हिस्सा
|
अरुणाचल प्रदेश
|
45.00
|
40.50
|
4.50
|
उत्तराखंड
|
30.00
|
27.00
|
3.00
|
सिक्किम
|
40.00
|
36.00
|
4.00
|
हिमाचल प्रदेश
|
35.00
|
31.50
|
3.50
|
कुल
|
150.00
|
135.00
|
15.00
|
परियोजना के अंतर्गत 17.10.2024 को क्रमशः अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम राज्य सरकारों को 1.83 करोड़ रुपये और 8.35 करोड़ रुपये की पहली किस्तें जारी की गई हैं।
एनजीआरएमपी का उद्देश्य ग्लेशियल झील के फटने से होने वाली बाढ़ से जुड़े जोखिम को कम करना है, खासकर उन क्षेत्रों में जो ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए अतिसंवेदनशील हैं। एनजीआरएमपी परियोजना के उद्देश्य हैं:
(क) जीएलओएफ और इसी तरह की घटनाओं के कारण होने वाली जान की हानि को रोकना तथा आर्थिक नुकसान और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को होने वाली क्षति को कम करना।
(ख) अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के आधार पर प्रारंभिक चेतावनी और निगरानी क्षमता को मजबूत करना।
(ग) स्थानीय स्तर की संस्थाओं और समुदायों को मजबूत बनाने के माध्यम से स्थानीय स्तर पर जीएलओएफ जोखिम न्यूनीकरण और शमन में वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करना।
(घ) जीएलओएफ जोखिम को कम करने और कम करने के लिए स्वदेशी ज्ञान और वैज्ञानिक अत्याधुनिक शमन उपायों का उपयोग।
एनजीआरएमपी परियोजना के चार घटक हैं:
घटक I: जीएलओएफ खतरा और जोखिम मूल्यांकन (मानकीकृत मूल्यांकन पद्धति और झील सूची का विस्तार)
घटक II: जीएलओएफ निगरानी और पूर्व चेतावनी प्रणाली (दूरस्थ संवेदी डेटा, निगरानी, चेतावनी/प्रसार के लिए सामुदायिक भागीदारी सहित)
घटक III: जीएलओएफ शमन उपाय (तकनीकी विशेषज्ञता और सामुदायिक भागीदारी को मिलाकर साइट-विशिष्ट हस्तक्षेप)
घटक IV: जागरूकता सृजन एवं क्षमता निर्माण (विभिन्न स्तरों पर हितधारकों को शामिल करना)
यह बात गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
*******
एमजी/केसी/जीके
(Release ID: 2102362)
Visitor Counter : 33