स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
संशोधित अनुसूची ‘एम’ अधिसूचना के अनुपालन के संबंध में छोटे और मध्यम फार्मास्युटिकल निर्माताओं के लिए समयसीमा का सशर्त विस्तार
Posted On:
12 FEB 2025 4:23PM by PIB Delhi
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 250 करोड़ रुपये या उससे कम टर्नओवर वाले छोटे और मध्यम फार्मास्युटिकल निर्माताओं के संबंध में ’संशोधित अनुसूची एम’ (अच्छी विनिर्माण विधि प्रावधान) के कार्यान्वयन की नियत तिथि को सशर्त 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दिया है।
भारत सरकार ने 28 दिसंबर, 2023 को ‘संशोधित अनुसूची एम’ आवश्यकताओं को अधिसूचित किया था, जिसमें “अच्छी विनिर्माण विधि” को “फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए अच्छी विनिर्माण विधि और योजना और उपकरणों की आवश्यकताओं” में अपग्रेड किया गया था। निर्माताओं की श्रेणी को दो भागों में विभाजित किया गया था; पहली श्रेणी 250 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले बड़े निर्माताओं की थी। ऐसे निर्माताओं को अनुपालन के लिए 6 महीने की समयसीमा दी गई थी। 250 करोड़ से कम या उसके बराबर टर्नओवर वाले छोटे और मध्यम निर्माताओं के लिए अनुपालन के लिए 12 महीने की समयसीमा दी गई थी। ‘संशोधित अनुसूची एम’ आवश्यकताओं को बड़े निर्माताओं के लिए 28 जून, 2024 से लागू किया गया है।
छोटे और मध्यम फार्मास्युटिकल निर्माताओं ने बुनियादी ढांचे में सुधार, कर्मियों के प्रशिक्षण और वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करने के लिए समयसीमा बढ़ाने के लिए प्रतिनिधित्व किया था। इस पर विचार किया गया है और छोटे और मध्यम निर्माताओं को केंद्रीय लाइसेंस अनुमोदन प्राधिकरण को फॉर्म ए में उन्नयन के लिए अपनी योजना प्रस्तुत करने के लिए 11 फरवरी, 2025 से 3 महीने का समय दिया गया है। ऐसे निर्माता जो ये विवरण प्रस्तुत करते हैं, उनके लिए कार्यान्वयन की समयसीमा 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दी जाएगी।
’संशोधित अनुसूची एम’ आवश्यकताएं भारत में निर्मित होने वाले फार्मास्युटिकल उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। नए नियम फार्मा कंपनियों को न केवल अपनी घरेलू स्थिति को मजबूत करने में सक्षम बनाएंगे बल्कि वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में भी सक्षम बनाएंगे।
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एमजी/आरपी/केसी/जेके/एचबी
(Release ID: 2102358)
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