वित्त मंत्रालय
विभिन्न वित्तीय समावेशन योजनाओं के अंतर्गत नामांकन करने वालों के लिए विशेष अभियान शुरू किए गए हैं
54.58 करोड़ जन धन खाते खुले, जिनमें 55.7% खाते महिलाओं के हैं
13 लाख बैंकिंग संवाददाता और 107 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां जन समर्थ पोर्टल और ‘59 मिनट में पीएसबी लोन’ सहित अन्य सुविधाओं के साथ क्रेडिट पहुंच की सुविधा प्रदान कर रही हैं
Posted On:
10 FEB 2025 6:24PM by PIB Delhi
सरकार ने अगस्त, 2014 में वित्तीय के संबंध में समावेशन राष्ट्रीय मिशन (एनएमएफआई), अर्थात् प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत की, जिससे महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ, बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग, असुरक्षित को सुरक्षा देना, वित्त रहित को वित्त पोषित करना और असेवित और अल्पसेवित क्षेत्रों की सेवा करने के मार्गदर्शक सिद्धांतों के आधार पर प्रत्येक बैंक रहित घर के लिए सार्वत्रिक बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जा सकें। सरकार की वित्तीय समावेशन पहल को और अधिक गति देने के लिए, पीएमजेडीवाई योजना को 14.08.2018 से आगे के लिए बढ़ा दिया गया और फोकस "प्रत्येक घर" के बजाय "प्रत्येक बैंक रहित वयस्क" पर स्थानांतरित कर दिया गया। 15.01.2025 तक कुल 54.58 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 30.37 करोड़ (55.7%) महिलाओं के हैं। एनएमएफआई ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और क्रेडिट से जुड़ी योजनाओं के साथ महिलाओं के कवरेज की भी सुविधा प्रदान की है।
देश में महिलाओं, ग्रामीण आबादी, हाशिए पर मौजूद समूहों और वंचित समुदायों तक इन योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे:
- प्रत्येक योजना के अंतर्गत सभी बैंकों को लक्ष्यों का आवंटन;
- जागरूकता को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न शिविरों और विशेष अभियानों का आयोजन;
- बैंकों आदि के प्रदर्शन की आवधिक समीक्षा;
निजी बैंकों सहित सभी बैंक इन योजनाओं की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने और उन्हें सभी हितधारकों हेतु सुलभ बनाने के लिए इन गतिविधियों में भाग लेते हैं।
देश में वित्तीय समावेशन योजनाओं में कम नामांकन, जागरूकता की कमी आदि जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए राज्य अधिकारियों के साथ सरकार की ओर से निरंतर तरीके से कई पहल की जा रही हैं। इनमें से कुछ क्षेत्र निम्न हैं:
- अंतिम छोर तक लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर समय-समय पर कई विशेष अभियान शुरू किए गए हैं। इन अभियानों का उद्देश्य लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अन्य वित्तीय समावेशन योजनाओं के अंतर्गत नामांकित करना है।
- राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) राज्य स्तर पर इन योजनाओं के अंतर्गत कवरेज बढ़ाने के लिए बैंकों, सरकारी एजेंसियों, अग्रणी जिला प्रबंधकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों और अन्य हितधारकों के बीच प्रयासों का समन्वय करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- वित्तीय साक्षरता के लिए समुदाय के नेतृत्व वाले नवाचारी और भागीदारी के दृष्टिकोण को अपनाने के उद्देश्य से 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से वित्तीय साक्षरता हेतु वित्तीय साक्षरता केंद्र (सीएफएल) पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।
- बैंकिंग सेवा वितरण प्रणाली में अंतिम छोर तक संपर्क का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 13 लाख बैंकिंग संवाददाताओं (बीसी) का एक मजबूत नेटवर्क, वित्तीय समावेशन योजनाओं के अंतर्गत आने वाले लोगों का नामांकन भी कर रहा है।
- डिजिटल वित्तीय सेवाओं को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए, देश के हर कोने में डिजिटल बैंकिंग के लाभ सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बैंकों की ओर से 107 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) (दिसंबर 2024 तक) स्थापित की गई हैं। ये इकाइयां बचत बैंक खाते खोलने, पासबुक प्रिंटिंग, धन हस्तांतरण, ऋण आवेदन आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं।
- इसके अतिरिक्त, उपयोगकर्ता के अनुकूल तरीके से सभी को त्वरित और परेशानी मुक्त क्रेडिट प्रदान करने के लिए जन समर्थ पोर्टल, 59 मिनट में पीएसबी लोन, स्टैंड-अप मित्र आदि जैसे विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्थापित किए गए हैं।
वित्तीय समावेशन योजनाएं और कवरेज
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श्रेणी
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कुल योग
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पीएमजेडीवाई खातों की संख्या (15.01.2025 तक)
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545,780,806
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महिला पीएमजेडीवाई खाते
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303,710,652
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पीएमजेजेबीवाई कुल नामांकन (15.01.2025 तक)
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225,220,758
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महिला पीएमजेजेबीवाई नामांकन
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100,095,919
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पीएमएसबीवाई कुल नामांकन (15.01.2025 तक)
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491,225,285
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महिला पीएमएसबीवाई नामांकन
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228,437,446
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एपीवाई नामांकन (31.12.2024 तक)
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72,577,540
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महिला एपीवाई नामांकन
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34,415,361
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स्रोत: बैंक, बीमा कंपनियां और पीएफआरडीए
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यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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