कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
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उन्नत डिजिटल समाधानों के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के चलते एमसीए21 ने अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच 80.26 लाख फॉर्म फाइलिंग का रिकॉर्ड बनाया


नव विकसित एमसीए21 वी3 प्लेटफॉर्म पर, 1 अप्रैल, 2024 से 27 जनवरी, 2025 तक 53.08 लाख फॉर्म दाखिल किए गए, जो पिछले वर्ष 47.72 लाख से अधिक हैं

एमसीए 21 ने सुरक्षा को मजबूत किया है, पहुंच बेहतर की है और हितधारकों की भागीदारी बढ़ाई है

Posted On: 03 FEB 2025 5:53PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय -गवर्नेंस योजना (एनईजीपी) के अंतर्गत एमसीए21 पहला मिशन मोड -गवर्नेंस प्रोजेक्ट है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय 2006 से कंपनियों और एलएलपी की रजिस्ट्री और निगमन संबंधी सेवाओं के लिए इसे शुरू से आखिर तक संचालित कर रहा है और कॉरपोरेट्स तब से इस पोर्टल पर फाइलिंग कर रहे हैं।  हालिया अवधि 01.04.2024 से 27.01.2025 के दौरान, एमसीए21 पोर्टल पर कुल 80.26 लाख फॉर्म दाखिल किए गए, जबकि बीते वर्ष की इसी अवधि के दौरान 73.29 लाख फॉर्म दाखिल किए गए थे। इसके अतिरिक्त, तैयार किए गए नए एमसीए21 वी3 प्लेटफॉर्म पर, 01.04.2024 से 27.01.2025 तक 53.08 लाख फॉर्म दाखिल किए गए, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 47.72 लाख फॉर्म दाखिल किए गए थे, जो कि फाइलिंग की संख्या में व्यापक वृद्धि, सिस्टम के साथ हितधारकों का बढ़ता जुड़ाव और एमसीए21 प्लेटफॉर्म की मजबूती विश्वसनीयता भी को दर्शाता है।

एमसीए21 वी3 प्लेटफॉर्म ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की सुविधा प्रदान करता है, और इसने वेब-आधारित फॉर्म प्रस्तुत किए हैं, जो हितधारकों की ओर से दर्ज किए गए डेटा के त्वरित सत्यापन को सक्षम बनाता है। इसके अतिरिक्त, उपयोगकर्ता की पहचान और प्रमाणीकरण को बेहतर करने के लिए एक उपयोगकर्ता पंजीकरण प्रक्रिया लागू की गई है। यह प्रक्रिया उपयोगकर्ताओं को अपने दाखिल किए गए फॉर्म की स्थिति को ट्रैक करने और सीधे अपने एप्लिकेशन डैशबोर्ड से चालान और प्रमाणपत्र डाउनलोड करने में सक्षम बनाती है। हितधारकों को और ज्यादा सहयोग देने के लिए, एक लाइव चैट सुविधा को हेल्पडेस्क में एकीकृत किया गया है, जो वास्तविक समय में सहायता प्रदान करता है और समग्र उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाता है।

एमसीए21 पोर्टल के माध्यम से दी गई जानकारी की सुरक्षा और गोपनीयता स्थापित डेटा सुरक्षा मानकों का पालन करके सुनिश्चित की जाती है, जिसमें एमईआईटीवाई दिशानिर्देश, सीईआरटी-इन विनियम, आईएसओ 27001 और सूचना सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हैं। सिस्टम तक पहुंचने वाले उपयोगकर्ताओं की पहचान सत्यापित करने के लिए बहु-कारक अधिप्रमाणन प्रस्तुत किया गया है। इसके अतिरिक्त, डेटा की गोपनीयता और अखंडता बनाए रखने के लिए निजी जानकारी को सार्वजनिक रूप से देखने पर छिपाने के उपायों को लागू किया गया है।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री, श्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह बात कही।

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