संस्कृति मंत्रालय
गुरु-शिष्य परम्परा योजना
Posted On:
03 FEB 2025 4:16PM by PIB Delhi
संस्कृति मंत्रालय ‘गुरु-शिष्य परंपरा (रिपर्टरी अनुदान) को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता’ नाम से केंद्रीय योजना लागू करता है। इस योजना के अंतर्गत देश भर में गुरु-शिष्य परंपरा के अनुरूप नियमित आधार पर अपने संबंधित गुरुओं द्वारा कलाकारों/शिष्यों को प्रशिक्षण देने के लिए संगीत, नृत्य, रंगमंच, लोक कला आदि जैसी प्रदर्शन कला गतिविधियों में लगे पात्र सांस्कृतिक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।
गुरु-शिष्य परम्परा (रिपर्टरी अनुदान) की योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अनुदान चाहने वाले संगठनों को प्रत्येक अपने आवेदन/प्रस्ताव प्रस्तुत करने होते हैं, जिससे उनका नवीनीकरण हो सके और साथ ही नए चयन भी हो सकें। सभी तरह से पूर्ण आवेदन/प्रस्तावों की समीक्षा मंत्रालय द्वारा इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा की जाती है। विशेषज्ञ समिति योजना दिशा-निर्देशों के प्रावधानों, संगठनों के सांस्कृतिक प्रदर्शन/गतिविधियों/संसाधनों, वित्तीय सहायता के औचित्य, संगठन के गुरु/प्रतिनिधि के साथ संपर्क आदि को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें देती है।
गुरु-शिष्य परम्परा (रिपर्टरी अनुदान) 3 वर्ष या उससे अधिक आयु के शिष्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करके नृत्य, संगीत और रंगमंच के क्षेत्र में कलाकारों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके अरिक्त प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण श्रेणी के साथ-साथ, पारंपरिक कला शैलियों सहित प्रदर्शन कला के क्षेत्र में उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘नए श्रेणी’ के अंतर्गत नए संगठनों से भी आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।
पिछले तीन वर्षों के दौरान गुरु-शिष्य परम्परा (रिपर्टरी अनुदान) योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य सहित वित्तीय सहायता प्रदान किए गए गुरुओं और शिष्यों की संख्या का राज्यवार ब्योरा अनुलग्नक-II में दिया गया है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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एमजी/आरपी/केसी/एचएन/ओपी
(Release ID: 2099227)