अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय
विविधता को मजबूत करना
अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बनाने के लिए भारत के प्रयास
Posted On:
01 FEB 2025 2:53PM by PIB Delhi
परिचय
भारत एक विविधतापूर्ण राष्ट्र है जहाँ अल्पसंख्यक समुदायों का सशक्तिकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने छह आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक समूहों - मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी - को सामाजिक-आर्थिक मोर्चों पर समर्थन देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। अल्पसंख्यकों की आबादी 19.3% है, इसलिए ये प्रयास असमानताओं को कम करने और भारत के समग्र विकास में ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यकों को शामिल करने पर केंद्रित हैं।
पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
लॉन्च तिथि: नवंबर 2007
उद्देश्य: अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना ताकि उन्हें उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान किए जा सकें, उच्च शिक्षा में उनकी उपलब्धि दर में वृद्धि हो सके तथा उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि हो सके।
मुख्य सफलताएँ:
- 2008-09 में 70.63 करोड़ जारी किए गए, जबकि 2023-24 में आवंटन बढ़कर 1000 करोड़ रुपए (संशोधित अनुमान) हो गया।

प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
लॉन्च तिथि: 1 अप्रैल 2008
उद्देश्य: छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक समुदायों के माता-पिता को अपने स्कूल जाने वाले बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करेगी, स्कूली शिक्षा पर उनके वित्तीय बोझ को कम करेगी और अपने बच्चों को स्कूली शिक्षा पूरी करने में सहायता करने के उनके प्रयासों को बनाए रखेगी। यह योजना उनकी शैक्षिक उपलब्धि के लिए आधार तैयार करेगी और प्रतिस्पर्धी रोजगार क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करेगी। शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण, जो इस योजना का एक उद्देश्यों है, अल्पसंख्यक समुदायों की सामाजिक आर्थिक स्थितियों के उत्थान की ओर ले जाने की क्षमता रखता है।

मुख्य सफलताएँ:
- 2008-09 में 62.21 करोड़ जारी किए गए थे। 2014-15 में यह बढ़कर 113 करोड़ हो गया। 2023-24 तक आवंटन बढ़कर 400 करोड़ रुपए (संशोधित अनुमान) हो गया। यह स्थिर वृद्धि पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय प्रतिबद्धता में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी)
लॉन्च की तिथि: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) को 30 सितंबर 1994 को कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 (अब कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा-8) के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में शामिल किया गया था। यह अल्पसंख्यकों के लाभ के लिए राष्ट्रीय स्तर का सर्वोच्च निकाय है, जैसा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 के तहत परिभाषित किया गया है।
उद्देश्य: एनएमडीएफसी अधिसूचित अल्पसंख्यकों के बीच 'पिछड़े वर्गों' के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्वरोजगार और आय सृजन गतिविधियों के लिए रियायती ऋण प्रदान करता है।
मुख्य सफलतायें:
- 2014-15 में 2 करोड़ जारी किए गए, जबकि 2023-24 में यह राशि बढ़कर 3 करोड़ रुपए हो गई।
हज यात्रा
शुभारंभ तिथि: हज समिति अधिनियम, 2002 और इसके तहत बनाए गए नियमों के प्रशासन सहित हज यात्रा को 1 अक्टूबर, 2016 से विदेश मंत्रालय से अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को हस्तांतरित कर दिया गया है।
उद्देश्य: भारत सरकार ने हज के महत्व को समझते हुए, विशेष रूप से कम आय वाले व्यक्तियों के लिए तीर्थयात्रा को सुविधाजनक बनाने के प्रावधान किए हैं।

मुख्य सफलताएँ:
2014-15 में 9.75 करोड़ व्यय था जो 2023-24 में बढ़कर 83.51 करोड़ हो गया। पिछले कुछ वर्षों में यह वृद्धि इस क्षेत्र में बढ़ते खर्च और वित्तीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
जिओ पारसी योजना
लॉन्च तिथि: जियो पारसी, पारसी समुदाय की जनसंख्या में गिरावट को रोकने के लिए एक अनूठी केंद्रीय योजना है। यह योजना 2013-14 में शुरू की गई थी।
उद्देश्य: भारत में पारसी जनसंख्या को स्थिर करने के लिए वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और संरचित हस्तक्षेप को अपनाकर पारसी जनसंख्या की घटती प्रवृत्ति को उलटने के उद्देश्य से एक अद्वितीय केंद्रीय योजना।

मुख्य सफलतायें:
- वर्ष 2014-15 में 'जियो पारसी' योजना के अंतर्गत चिकित्सा सहायता के लिए कुल 14,55,252 रुपए आवंटित किए गए, जबकि वकालत और आउटरीच कार्यक्रमों के लिए 17,03,500 रुपए जारी किए गए।
- वर्ष 2023-24 में इस योजना के लिए 3 करोड़ रुपए जारी किए गए।
- अपनी शुरुआत से लेकर अब तक इस योजना के तहत 31.03.2024 तक 400 से अधिक पारसी बच्चों को जन्म में मदद की गई है।
पहले बताई गई योजनाओं के अलावा, अल्पसंख्यकों के लिए प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम (पीएम विकास) में पाँच कार्यक्रम शामिल हैं- सीखो और कमाओ, नई मंजिल, उस्ताद (विकास के लिए पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन), नई रोशनी और हमारी धरोहर। इसके अलावा, देश भर में 1300 चिन्हित क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम करने के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) लागू किया गया है। ये एकीकृत पहल सामूहिक रूप से अंतर को पाटने, अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण को बढ़ावा देने और भारत के व्यापक विकास में उनके पूर्ण समावेश और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए काम करती हैं।
विविधता को मजबूत करना
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